प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष बिल गेट्स से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी और बिल गेट्स ने कोविड-19 के संबंध में दुनिया भर में उठाए जा रहे कदमों और इससे निपटने के लिए इनोवेशन, रिसर्च और डेवलेपमेंट पर वैश्विक तालमेल के महत्व के बारे में चर्चा की। माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक और अध्यक्ष बिल गेट्स ने माना कि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका बेदह महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के खिलाफ भारत की ओर से अपनाए गए कदमों के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार जन-केंद्रित दृष्टिकोण ने फिजिकल डिस्टेंसिंग स्वीकारने, फ्रंट-लाइन कार्यकर्ताओं के लिए सम्मान, मास्क पहनने, उचित स्वच्छता रखने और लॉकडाउन के प्रावधानों का आदर करने में सहायता ती।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी रोशनी डाली कि किस प्रकार सरकार की पहले उठाए गए कदमों- वित्तीय समावेशन का विस्तार, स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था, स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से साफ-सफाई और स्वच्छता, लोगों की प्रतिरक्षा बढ़ाने में भारत के आयुर्वेद से ज्ञान ने मौजूदा महामारी से निपटने में सहायता की है।
प्रधानमंत्री ने केवल भारत में नहीं, बल्कि विश्व के कई अन्य भागों में गेट्स फाउंडेशन द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने गेट्स से इस बारे में सुझाव मांगे कि विश्व के कल्याण के लिए भारत की क्षमताओं और सामर्थ्य का किस प्रकार बेहतर उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने इस बात पर सहमति प्रकट की कि वैश्विक प्रयासों, विशेषकर विकासशील देशों के लाभ की दिशा में योगदान देने की भारत की इच्छा और क्षमता के मद्देनजर महामारी से निपटने की समन्वित प्रतिक्रिया के लिए वर्तमान में जारी वैश्विक विचार-विमर्श में उसे शामिल किया जाना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुझाव भी दिया कि कोविड-19 के बाद उभरने वाली जीवन शैलियों, सामाजिक व्यवहार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार के साधनों में जरूरी बदलावों तथा समाधान के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी में गेट्स फाउंडेशन नेतृत्वकारी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने अनुभवों के आधार पर ऐसे विश्लेषणात्मक अभ्यास में योगदान देकर प्रसन्नता होगी।