कांग्रेस पार्टी एक ऐसी फैक्ट्री है, जिसमें फेक न्यूज, अफवाह और साजिशों का उत्पादन होता है। इन उत्पादों के प्रचार और प्रसार का जिम्मा पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर है। राहुल गांधी उत्पाद की गुणवत्ता जांचे बिना उसका ट्विटर पर प्रमोशन करने लग जाते हैं। लेकिन चाइनिज उत्पाद की तरह कांग्रेस फैक्ट्री का उत्पाद भी टिकाउ नहीं होता है। इसी तरह राहुल गांधी द्वारा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च को लेकर फैलाई गई फेक न्यूज ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई। लोकसभा में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने आंकड़े पेश किए, जिसने राहुल की अफवाह की हवा निकाल दी।
कौशल किशोर ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास / विकास मास्टर प्लान के तहत, केवल 2 परियोजनाएं – नए संसद भवन का निर्माण और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, आज की तारीख में लागू किया जा रहा है। इसके बारे में उन्होंने विवरण दिया। उन्होंने बताया, ‘971 करोड़ रुपये के अनुमान पर नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है और अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 608 करोड़ रुपये के अनुमान पर सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास किया जा रहा है और इसे नवंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।’
कौशल किशोर ने लोकसभा में बताया, ‘अब तक, इन 2 परियोजनाओं पर नए संसद भवन के लिए 238 करोड़ रुपये और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इन 2 परियोजनाओं पर होने वाली अनुमानित लागत 1,289 करोड़ रुपये है।’ जबकि राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 13450 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही थी।
When India was fighting COVID at its peak, @RahulGandhi was doing this. Such a disgrace to Indian politics this man is. pic.twitter.com/RlzCWcO2jt
— BALA (@erbmjha) July 29, 2021
गौरतलब है कि जब देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था, उस समय राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर होने वाले खर्च को लेकर फेक न्यूज फैलाई थी। उन्होंने टीकाकरण, ऑक्सीजन की कमी और लोगों की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को लेकर लगातार लोगों को गुमराह कर रहे थे। उन्होंने मोदी सरकार से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर ध्यान देने की बजाय टीकाकरण, ऑक्सीजन की कमी और आर्थिक सहायता देने की अपील की थी। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, ”13450 करोड़ रुपये सेंट्रल विस्टा के लिए। या 45 करोड़ भारतीयों का पूरी तरह से टीकाकरण। या एक करोड़ ऑक्सीजन सिलेंडर्स या दो करोड़ परिवारों को NYAY के तहत 6000 हज़ार रुपये। लेकिन प्रधानमंत्री का अहंकार लोगों की ज़िंदगियों से बड़ा है।”
₹13450 crores for Central Vista.
Or, for fully vaccinating 45 crore Indians.
Or, for 1 crore oxygen cylinders.
Or, to give 2 crore families NYAY of ₹6000.
But, PM’s ego is bigger than people’s lives.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2021
कांग्रेस और राहुल गांधी के इस फेक न्यूज से स्पष्ट हो चुका है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को एक साजिश तहत रोकने का प्रयास किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट टूलकिट प्रधान प्रोपगेंडा में विशेष स्थान रखता है। यही कारण है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इसे लेकर बार-बार सवाल उठाए गए और यह साबित करने की कोशिश की गई कि इसे जारी रखने का अर्थ यह है कि केंद्र सरकार ने कोरोना की समस्या को छोड़ अपना सारा ध्यान, ऊर्जा और संसाधन इसी प्रोजेक्ट पर लगा रखा है। हालांकि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न विभागों के अंतर्गत सैकड़ों प्रोजक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं। उन्हीं में से सेंट्रल विस्टा एक प्रोजेक्ट मात्र है। लेकिन इस प्रोजक्ट से परेशान सिर्फ गांधी परिवार और कांग्रेस इकोसिस्टम के लोग है, जो किसी न किसी तरह इस प्रोजेक्ट को रोकना चाहते हैं।