भाजपा के मजबूत गढ़ गुजरात में राजनीतिक जमीन तलाश रहे अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले भविष्य में छपने वाले नोटों पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की फोटो छापने की मांग कर हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश की है। लेकिन केजरीवाल चुनावी हिंदू हैं यह सभी लोग जानते हैं। चुनाव आता है तो वह हनुमान भक्त भी बन जाते हैं और चुनाव नहीं हो तो हनुमान जी का कार्टून ट्विटर पर शेयर कर उनका अपमान कर डालते हैं। इससे पहले वह कई बार सनातन धर्म का अपमान कर चुके हैं। अब चुनाव नजदीक देख लक्ष्मी-गणेश का मुद्दा उछालकर अपने आपको हिंदुओं का बड़ा शुभचिंतक नेता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जनता उनके मुस्लिम प्रेम से वाकिफ है। मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए वह किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। एक RTI में हुए खुलासे से यह बात साबित होती है। RTI में खुलासा हुआ है कि केजरीवाल ने पिछले सात साल में दिल्ली वक्फ बोर्ड को जनता के टैक्स के तक़रीबन 101 करोड़ रुपए दिए हैं। पिछले सात साल से केजरीवाल यमुना को साफ करने वादा करते आ रहे हैं। छठ पर्व पर हर साल श्रद्धालुओं को गंदे पानी में डुबकी लगाना पड़ता है और सूर्य भगवान की आराधना में उसी पानी में घंटों खड़ा रहना पड़ता है। लेकिन केजरीवाल इस मुद्दे पर वादा ही करते रहे हैं और वक्फ बोर्ड को 101 करोड़ रुपये दे दिए। इससे स्पष्ट होता है केजरीवाल का हिंदू प्रेम और मुस्लिम प्रेम!
Kejriwal has given more than 101 crores of public money to the Delhi Waqf board.
He has given more than 62 crores in just the last one year!
RTI CREDIT ?@AjayBos93388306 pic.twitter.com/xjGTNGNleF
— Vijay Patel?? (@vijaygajera) October 20, 2022
केजरीवाल ने एक साल में वक्फ बोर्ड को 62 करोड़ रुपये दिए
केजरीवाल ने अपने 7 साल के कार्यकाल में जनता के 101 करोड़ रुपए की जो रकम दिल्ली वक्फ बोर्ड को दी है, उसमें से 62 करोड़ रुपए बीते एक साल में दिए गए हैं। वहीं, वर्ष 2019-20 में 22 करोड़ 72.50 लाख रुपए प्रदान किए गए। इसके पहले 2018-19 में 8 करोड़ 85 लाख 69 हजार रुपए दिए गए। RTI में मिले जवाब के मुताबिक, वर्ष 2015-16 में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को 1.25 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बाद यह राशि प्रति वर्ष बढ़ती चली गई। वर्ष 2016-17 में 1.37 करोड़ रुपए और 2017-18 में 5 करोड़ रुपए प्रदान किए गए। हालांकि, 2020-21 में दिल्ली सरकार ने वक़्फ़ बोर्ड को कोई पैसा नहीं दिया। यह वही साल था, जब देश में कोरोना कहर बरपा रहा था।
हर साल वक्फ बोर्ड 14.50 करोड़ रुपये दिए
RTI कार्यकर्ता अजय बोस द्वारा हासिल की गई जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रति वर्ष औसतन लगभग 14.50 करोड़ रुपय़े की सार्वजनिक राशि दिल्ली वक्फ बोर्ड को दी है। दिल्ली सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड को सौंपा गया यह पैसा आम जनता का है, मगर अपनी वोटबैंक की सियासत को चमकाने के लिए यह पैसा एक समुदाय विशेष को सौंप दिया गया।
मुस्लिम तुष्टिकरणः मुस्लिम वोटरों को सुविधाएं, हिंदुओं के साथ खिलवाड़
RTI के इस जवाब के बाद साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए केजरीवाल सरकार हर प्रयास कर रही है। अपितु हिंदुओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोस ने ट्वीट कर लिखा, अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने 7 साल के शासन में दिल्ली वक्फ बोर्ड 101 करोड़ रुपये से अधिक दिए, क्या यह तुष्टिकरण की नीति नहीं है केजरीवाल जी और आपने हिंदुओं को कुछ नहीं दिया।
जादूगर केजरीवाल का धार्मिक तुष्टीकरण
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली वक्फ बोर्ड को सात सालों में 101 करोड़ रुपये देने की खबर को शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा, “केजरीवाल का असली चरित्र -दिल्ली सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को सालाना दिए औसतन 14.5 करोड़ रुपये, 7 साल में बांटी 101 रुपये करोड़ की खैरात, पिछले 1 साल में 62 करोड़ रुपये दिए गए। जादूगर केजरीवाल का यह जादू उनके धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा को दर्शाता है।”
केजरीवाल यमुना नदी में केमिकल का छिड़काव करवा रहा है ताकि मीडिया को झाग ना दिखें ……..छठ के त्योंहार से पहले ऐसा काम करना महापाप है pic.twitter.com/wk5UNcHEmg
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) October 28, 2022
केजरीवाल के झूठे वादों में फंस कर रह गई यमुना, छठव्रतियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठे वादों का पर्वत खड़ा करते जा रहे हैं। वहीं इस पर्वत से निकलने वाला पानी यमुना नदी को और प्रदूषित कर रहा है। छठ पर्व से पहले केजरीवाल के झूठ के तैरते झागों को यमुना नदी में साफ देखा जा सकता है। केजरीवाल ने पिछले 8 साल में 8 बार वादा किया कि यमुना नदी को इतना साफ कर देंगे की लोग डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन इनकी नाकामी की वजह से आज भी यमुना मैली हैं और छठ घाट गंदे पड़े हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि दिल्ली सरकार छठ पूजा से पहले यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें जहरीले रसायन का छिड़काव कर रही है, जो यमुना में डुबकी लगाने वाले छठव्रतियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
यमुना नदी में झाग हटाने के लिए जहरीले केमिकल का छिड़काव
छठ से पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने यमुना के छठ घाटों की सफाई और सुविधाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन छठ महापर्व के शुरुआत के पहले ही दिन केजरीवाल के झूठ की पोल खुल गई। जमीनी हकीकत यह है कि छठ से पहले दिल्ली के यमुना नदी में भारी प्रदूषण के साथ जहरीला झाग देखा गया। कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी के पानी में जहरीला झाग तैरता दिखाई दिया। एलजी ने राजस्व और पर्यावरण विभाग को एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिये थे। उन्होंने यमुना को प्रदूषित होने से रोकने के लिए कड़ाई से नजर रखने की बात भी की थी। इसके बावजूद भी यमुना नदी में ये जहरीला झाग तैर रहा है।
Truth ! pic.twitter.com/4eCAzXVp9o
— Neelkant Bakshi ?? (@neelkantbakshi) October 28, 2022
जहरीले केमिकल से नाकामी छुपाने की कोशिश
केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने और लोगों को मूर्ख बनाने के लिए यमुना नदी के जहरीले झाग की सफाई का आदेश दिया। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड की एक टीम नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के केमिकल छिड़काव करने का वीडियो एएनआई ने पोस्ट किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी यमुना नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं। छिड़काव करने का दृश्य यमुना नदी के कालिंदी कुंज का है।
MP Shri @ManojTiwariMP, MP Shri @p_sahibsingh & Shri @mssirsa are addressing a Press Conference. https://t.co/JeDtFPwtNT
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) October 27, 2022
जहरीला केमिकल छठव्रतियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सासंद मनोज तिवारी ने गुरुवार को कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने वर्ष 2013 में दावा किया था कि वह यमुना को इतना साफ कर देंगे कि लोग डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन आज भी यमुना में झाग तैर रहा है। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें खतरनाक केमिकल का छिड़काव करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, “ हमने प्रदूषण की स्थिति का जायजा लेने के लिए यमुना का दौरा किया। हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि झाग को छुपाने के लिए बहुत ही जहरीला रसायन का छिड़काव किया जा रहा था।’
अम्बानी का घर भी वक़्फ़ बोर्ड की प्रॉपर्टी हैं , हमारी सरकार होती अम्बानी का घर तुड़वा देती । pic.twitter.com/BO3sWVnZ4C
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) September 27, 2022
‘अंबानी’ का घर वक्फ की प्रोपर्टी… हमारी सरकार होती तो तुड़वा देताः केजरीवाल
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच जमकर प्रतिस्पर्धा चल रही है। पहले कांग्रेस ने मुस्लिमों को खुश करने के लिए देश के संसाधनों पर पहला अधिकार बताया था। वक्फ बोर्डों को जहां मन हो, वहां किसी भी जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने की असीमित शक्तियां दीं। वक्फ बोर्ड ने इस शक्ति का पूरा उपयोग करते हुए खाली पड़ी और बंजर जमीन पर दावा शुरू कर दिया और बेहिसाब जमीन पर कब्जा किया। अब केजरीवाल मुस्लिम तुष्टिकरण में कांग्रेस से एक कदम आगे निकलते हुए नजर आ रहे हैं। यहां तक कि तथाकथित वक्फ जमीनों पर से हिन्दुओं को बेदखल करने और उनके मकानों को तोड़ने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”बंबई के अंदर इस देश का जो सबसे अमीर आदमी है, बताते हैं उसका घर वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टी पर बना हुआ है। मैं गलत तो नहीं कह रहा?” केजरीवाल इतने पर नहीं रूके। उन्होंने आगे कहा, “वहां की सरकार की हिम्मत नहीं है, जो उसको कुछ कर दे। हमारी सरकार अगर वहां होती, तो उसकी प्रोपर्टी तुड़वा देती। वक्फ बोर्ड को जब भी किसी चीज की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार वक्फ बोर्ड के साथ है।”
वक्फ बोर्ड के प्रति तन, मन, धन से समर्पित केजरीवाल
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें केजरीवाल मुस्लिमों की एक सभा को संबोधित करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “कभी भी जरूरत पड़े आपको… तन, मन, धन से केजरीवाल और दिल्ली सरकार पूरी तरह से वक्फ बोर्ड के साथ है।
Top story: Arvind Kejriwal attended Meeting organised by Delhi Wakf Board at Aiwan E Ghalib Auditorium https://t.co/DkZY79R0Ty, see more https://t.co/yTstu0tP24
— Deep Haze (@dee__jay) September 18, 2022
वक्फ बोर्ड और मौलानाओं पर मेहरबान हुए केजरीवाल
इस वीडियो को तीन साल पहले 24 जनवरी, 2019 को आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था। दिल्ली के एवान ए गालिब ऑडिटोरियम में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें केजरीवाल ने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अमानतुल्ला खान की जमकर तारीफ की और उन्हें अपना छोटा भाई व शेर बताया। दूसरी तरफ, अमानतुल्ला खान ने मौलाना और मुअज्जिन का वेतन बढ़ाने का एलान किया। मौलाना की सैलरी दस हजार से बढ़ाकर 18000 और मुअज्जिन की सैलरी 9000 से बढ़ाकर 16 हजार कर दी।
आज केजरीवाल जी ने अपनी “नानी” को ठेस पहुँचाया है ..सिर्फ़ नानी ही नहीं ..जवाहरलाल नेहरू भी नाराज़ होंगे …बड़े-बुजुर्गों का ऐसा असम्मान करना ठीक नहीं “Sir Ji”! pic.twitter.com/EQ3QqWQJo4
— Sambit Patra (@sambitswaraj) October 26, 2021
केजरीवाल ने खुलकर खेला ‘मुस्लिम कार्ड’, मौलवियों की तनख्वाह दोगुना करने का ऐलान
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में जुट गई थी। मुसलमानों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मस्जिदों के इमाम और मोअज़्ज़िन का वेतन करीब दोगुना करने का एलान किया। दिल्ली के 185 मस्जिदों के इमामों को अब 18 हज़ार रुपये वेतन दिया जाएगा, पहले ये वेतन 10 हज़ार रुपये हुआ करता था। वही मुअज़्ज़िन को अब 16 हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा जबकि अब तक मुअज़्ज़िन को 9 हज़ार रुपये मिला करता था।
देश में ऐसा पहली बार हुआ
इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के तहत ना आने वाली मस्जिदों के इमाम और मुअज़्ज़िन को भी वेतन देने का एलान कर दिया। ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि वक्फ़ बोर्ड के दायरे के बाहर की मस्जिदों के इमाम और मुअज़्ज़िन को भी सरकार की जेब से तनख्वाह दी जा रही है।
मौलवियों के लिए खोला खजाना
दिल्ली में अब वक़्फ़ बोर्ड के दायरे के बाहर की मस्जिदों के इमामों को 14 हज़ार और मुअज़्ज़िन को 12 रुपये महीने वेतन मिलेगा। केजरीवाल ने दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए ये ऐलान किया। इसमें सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा उनके मंत्री इमरान हुसैन और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्य्क्ष अमनातुल्ला खान मौजूद थे।
मुसलमानों को दिखाया मोदी का खौफ
कार्यक्रम में दिल्ली की सभी मस्जिदों के इमामों और मुअज़्ज़िन को बुलाया गया था। दरअसल पीछे शुद्ध राजनीति है। उन्होंने मुस्लिमों को मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने का भी डर दिखाया। उन्होंने एक और चारा भी फेंका। उन्होंने कहा कि “मैं मोदी और अमित शाह को हराने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं। अगर आपके वोट विभाजित होते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा। केजरीवाल ने कहा कि आप लोकसभा चुनाव में सभी सात सीटों पर जीत हासिल करेगी। केजरीवाल ने कार्यक्रम के दौरान मुसलमानों से आम आदमी पार्टी को वोट देने की भी अपील की। इस दौरान अमानतुल्लाह ने कहा कि अगर केंद्र में मोदी सरकार को रोकने के लिए कांग्रेस को भी समर्थन देना पड़ा तो आम आदमी पार्टी, कांग्रेस को भी समर्थन देगी।
दिल्ली में करीब 20% वोटर मुस्लिम
गौरतलब है कि दिल्ली में मुसलमानों का वोट पहले कांग्रेस को मिलता था, लेकिन 2014 के बाद कांग्रेस की हालत पतली देख मुसलमानों ने आम आदमी पार्टी को वोट देना शुरू कर दिया। इन्हीं वोटों के कारण आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीट हासिल की। दिल्ली में करीब हर पांचवां वोटर मुसलमान है और केजरीवाल इतनी बड़ी आबादी को लुभाने के लिए सारे हथकंडे आजमा रहे हैं।
क्या केजरीवाल ने कभी मंदिरों पर कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई ?
केजरीवाल ने एवान ए गालिब ऑडिटोरियम में दिल्ली वक्फ बोर्ड और मुस्लिमों को खुश करने के लिए प्रोपर्टी तुड़वाने की बात कही। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या केजरीवाल ने हिन्दू मंदिरों पर कब्जा जमाये बैठे मुस्लिमों के खिलाफ कभी आवाज उठाई है। अभी ज्ञानवापी मस्जिद में शिव लिंग मिलने पर भी केजरीवाल ने चुप्पी साध रखी है। इससे पहले केजरीवाल ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने एक रैली में नानी की बात सुनाते हुए कहा था, “जब बाबरी मंदिर का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” केजरीवाल ने मार्च 2014 में ये बयान दिया था।
इस्लाम सिर्फ 1400 वर्ष पुराना है किंतु तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि 1500 साल पुराना सुंदरेश्वर मंदिर#वक्फ_बोर्ड की संपत्ति का ही हिस्सा है। और तो और 7 अन्य हिंदू बहुल गाँवों को भी वक़्फ़ बोर्ड अपनी संपत्ति बता रहा है।।#वक़्फ़_बोर्ड_भंग_कराओ @AshwiniUpadhyay pic.twitter.com/ooqtBjaQDV
— वेद और विज्ञान (@DharmikPost) September 19, 2022
हिन्दू बहुल गांवों और मंदिर पर दावा ठोकता है वक्फ बोर्ड
अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तीन साल पुराना यह वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर क्यों वायरल हो रहा है। इसके पीछे वक्फ बोर्ड के दावे को लेकर चल रहा विवाद है। तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने हिंदू बहुल गांव से लेकर हिंदू मंदिर तक को अपनी संपत्ति बता दी। वाराणसी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का यही दावा है कि यह सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। ताजमहल पर 2005 में वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया था। उत्तर प्रदेश में ऐसे अनेक स्थल हैं जिन पर वक्फ दावा करता है और विवाद चल रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भी सर्वे कराने का निर्णय लिया है। मुस्लिम समाज इस सर्वे का तीव्र विरोध कर रहा है।
देख लो इस बहरूपिये रेवड़ीवाल को…….वक्फ बोर्ड के अवैध सम्पतियों का खुलेआम समर्थन कर है यर वही वक्फ बोर्ड है जो तमिलनाडु के एक 1500 वर्ष पुराने #मंदिर में अपना हक जता रहा है……सावधान हिन्दुओ pic.twitter.com/QsX3nMI2lO
— रवि कुमार यादव (@raviahira1) September 27, 2022
वक्फ बोर्ड कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण की उपज
अब वक्फ की अवधारणा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि अनेक इस्लामी देशों मसलन तुर्किये जो पहले तुर्की था उसके अलावा लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जार्डन, ट्यूनीशिया और इराक आदि में वक्फ नहीं है। दरअसल ये वक्फ बोर्ड मुस्लिम तुष्टिकरण की उपज है। कांग्रेस की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकार ने मुस्लिम वोट बैंक के लिए वक्फ के रूप में मजहबी जमींदार की अवधारणा का साकार रूप उपस्थित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस इसा अवधारणा को लगातार मजबूती प्रदान करती गई। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वक्फ बोर्ड के नए संरक्षक के रूप में उभर कर सामने आए हैं।
कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को दी असीमित शक्तियां
कांग्रेस की पीवी नरसिंह राव सरकार ने 1995 में वक्फ कानून को इतना मजबूत बना दिया कि उसे निर्णय लेने तक का अधिकार हो गया। वक्फ कानून की धारा-40 वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति के वक्फ संपत्ति होने या नहीं होने की जांच करने का विशेष अधिकार देती है। अगर वक्फ बोर्ड को यह विश्वास होता है कि किसी ट्रस्ट या सोसायटी की संपत्ति वक्फ संपत्ति है तो बोर्ड उस ट्रस्ट एवं सोसायटी को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकता है कि ‘क्यों न इस संपत्ति को वक्फ संपत्ति की तरह दर्ज कर लिया जाए?’ जवाब से संतुष्ट न होने को आधार बनाकर वह बड़ी सुविधानुसार और सहजता से उसे अपनी संपत्ति घोषित कर सकता है। इस समय यह आठ लाख एकड़ से ज्यादा हो चुकी है। वक्फ की जमीनें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
कांग्रेस ने सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी संपत्तियों को वक्फ को दिया उपहार
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के लुटियंस इलाके में 123 अत्यंत महत्वपूर्ण और सैंकड़ो करोड़ मूल्य की सरकारी संपत्तियों को वक्फ को उपहार में दिया था। यह निर्णय तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा लिया गया था। उस समय लोकसभा चुनावों की तैयारियां चल रही थीं, और चुनावों से कुछ ही दिन पहले एक गुप्त नोट के माध्यम से इस निर्णय के बारे में सबको अवगत कराया गया था। ये संपत्तियां दिल्ली के अतिमहत्वपूर्ण और महंगे इलाकों जैसे कनॉट प्लेस, अशोक रोड, मथुरा रोड और अन्य वीवीआईपी एन्क्लेव जैसे प्रमुख स्थानों पर स्थित हैं।
कान्ग्रेस के महापाप #वक्फ_बोर्ड_खत्म_करो और जमीन वापस लो।
According to estimates made by the Sachar Committee in 2006, there are about 4.9 lakh registered Waqf properties comprising about six lakh acres of land whose approximate market value (then) was around Rs 1.20 lakh crore.— ANIL MISHRA (@Anil22MISHRS) September 23, 2022
वक्फ बोर्ड को खत्म करने की उठ रही मांग
जिस तरह से वक्फ बोर्ड के दावे बढ़ते जा रहे हैं, उससे लगता है कि वक्फ की अवधारणा में संपूर्ण भारत ही उनकी संपत्ति होगी। इसका एक पहलू भ्रष्टाचार भी है। ऐसा कोई प्रमुख राज्य नहीं जहां वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार के मामले नहीं चल रहे हों। जहां कांग्रेस और केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जैसे मुस्लिम तुष्टिकरण वाली पार्टियों ने वक्फ बोर्डों की आड़ में वोट बैंक तैयार करने की कोशिश की है, उससे हिन्दुओं को अपनी संपत्ति और मंदिरों को बचाना मुश्किल हो रहा है। इससे अब देश भर में वक्फ बोर्ड को दी गयी असीमित शक्तियों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। इसे तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित करने की मांग हो रही है। अगर वक्फ संपत्तियों का सर्वे सही तरीके से हो तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कई नेता बेनकाब होंगे और उनकी असलियत पूरे समाज के सामने आ जाएगी।