प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए फेक न्यूज और सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसी दिन मोदी सरकार ने सोशल मीडिया पर शिकंजा कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। शुक्रवार (28 अक्टूबर, 2022) को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडिएटरी गाइडलाइन और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 को जारी किया। संशोधित नियम द्वारा ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि जैसे सोशल साइटों के लिए भारत के संविधान और आईटी कानूनों का पालन करना अनिवार्य बनाया गया है। इस संबंध में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया और कहा कि उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाया जाएगा।
Empowering users.
Grievance Appellate Committee (GAC) has been introduced for hearing appeals against decisions of Grievance Officer appointed by the intermediary.#IntermediaryGuidelinesAmendment
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 28, 2022
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शनिवार को कहा कि आईटी नियमों में किए गए संशोधन सोशल मीडिया कंपनियों पर और अधिक सावधानी बरतने का दायित्व डालेंगे ताकि उनके मंच पर कोई भी गैरकानूनी सामग्री या गलत सूचना पोस्ट न की जाए। अधिकारियों को अधिक गंभीर होना होगा। इसके लिए अधिकारियों को अपना ‘सांकेतिक’ और ‘चलताऊ’ रवैया छोड़ना पड़ेगा। यानि राज्यमंत्री का मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर अब आमजनों की ताकत और मजबूत होगी।
मोदी सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 में कुछ फेरबदल किए गए हैं। संशोधित आईटी नियमों के तहत सोशल प्लेटफॉर्म्स ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम को भारत के संविधान के प्रावधानों और देश की संप्रभुता के नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट और अन्य मामलों के संबंध में शिकायतों के लिए एक तीन सदस्यीय शिकायत अपील समिति का गठन तीन महीने में किया जाएगा, जो उपयोगकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करेगी।
शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) में एक अध्यक्ष और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य शामिल होंगे। एक सदस्य पदेन और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे। यह समिति मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री के नियमन के संबंध में किए गए फैसलों की समीक्षा कर सकेंगी। इतना ही नहीं शिकायत अधिकारी के निर्णय से असहमत कोई भी व्यक्ति, शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से 30 दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत कर सकता है।
मोदी सरकार ने नए नियमों में अश्लील सामग्री, ट्रेडमार्क उल्लंघन, फेक जानकारी और राष्ट्र की संप्रभुता के लिए खतरे के साथ-साथ आपत्तिजनक धार्मिक सामग्री (हिंसा को उकसाने के इरादे से) को भी जोड़ा है, जिसे उपयोगकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ़्लैग कर सकते हैं। संशोधनों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 24 घंटे के भीतर उपयोगकर्ता की शिकायतों को स्वीकार करने और उसके बाद 15 दिनों के भीतर उनका समाधान करने का प्रावधान है। नए नियमों के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 72 घंटों के भीतर विवादास्पद सामग्री भी हटानी होगी।
Ministry of Electronics and Information Technology, Government of India releases the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Amendment Rules, 2022 pic.twitter.com/m2fRfyCh7B
— ANI (@ANI) October 28, 2022
अपीलीय समिति का मकसद यूजर्स को शिकायत करने के लिए एक व्यवस्था प्रदान करना है। अगर किसी यूजर को ब्लॉक कर दिया गया है या उसके कंटेंट को रोका गया है तो इसे लेकर वह यूजर अपीलीय समिति में गुहार लगा सकता है। सरकार के नए नियम से पीड़ित जनता को राहत मिलेगी। इसके तहत लोग सोशल मीडिया पर चल रहे कंटेंट की शिकायत कर सकेंगे।