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ममता बनर्जी को शीर्ष कोर्ट से फिर झटका, याचिका खारिज कर कहा-एक आरोपी को बचाने में सरकार की इतनी बेताब क्यों?

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पश्चिम बंगाल में महिलाओं के शोषण और यौन उत्पीड़न की ओर से आंखें मूंदे बैठी ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार बड़ा झटका दिया है। सर्वोच्च अदालत ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण, जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष कोर्ट ने ममता सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आखिर सरकार किसी शख्स को बचाने की इतनी कोशिशें क्यों कर रही है! इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को CBI को ट्रांसफर करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में महिलाओं का उत्पीड़न निरंतर जारी है। पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीड़ना का एक और तालिबानी वीडियो सामने आया है। वीडियो में यह दिखाई दे रहा है कि एक महिला को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का करीबी बेरहमी से पीट रहा है। राज्य में इस प्रकार की घटनाएं एक के बाद एक लगातार हो रही हैं।

किसी व्यक्ति को बचाने के लिए राज्य सरकार याचिकाकर्ता के तौर पर क्यों आई?
दरअसल, ममता सरकार देशभर में सुर्खियों में आए संदेशखाली के आरोपी को बचाने में जी-जान से जुटी हुई है। आरोपी टीएमसी से निष्कासित नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगे थे। इस मामले में विपक्ष ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा था। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। ममता बनर्जी ने संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच के आदेश के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण-जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। कोर्ट ने यहां तक कहा कि किसी व्यक्ति को बचाने के लिए राज्य सरकार याचिकाकर्ता के तौर पर क्यों आई है?

संदेशखाली में शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी पर किया गया था हमला
ममता सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले में सुनवाई टालने की मांग की। उन्होंने कहा था कि किसी अन्य वजह से ये याचिका लगाई गई है. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा, सिर्फ संदेशखाली ही नहीं यह याचिका राशन घोटाले से भी जुड़ी है, जिसमें 43 एफआईआर दर्ज हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच उनकी दलील पर सहमत नहीं हुई और याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने ममता सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया और पूछा कि राज्य सरकार को इस मामले में इतनी दिलचस्पी क्यों है? आखिरकार राज्य सरकार किसी को बचाना क्यों चाहती है? सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर ममता सरकार के वकील ने कहा कि याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धन्यवाद, याचिका खारिज। काबिले जिक्र है कि टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुंचे ईडी अधिकारियों पर उसके समर्थकों और भीड़ ने हमला कर दिया था। शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमला किया गया था।

पश्चिम बंगाल में एक और महिला की बेरहमी से पिटाई का वीडियो वायरल
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में एक और लड़की की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने साझा कर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने उनकी पार्टी टीएमसी का मतलब ‘ तालिबानी मुझे चाहिए’ बताया है। BJP प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक और तालिबानी वीडियो सामने आया है। चोपड़ा के बाद यह एक और वीडियो, जिसमें यह दिखाई दे रहा है कि एक महिला को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का करीबी बेरहमी से पीट रहा है। इस प्रकार की घटनाएं लगातार हो रही है। हालत यह हो गई है कि टीएमसी के विधायक और नेता इस तरह की घटनाओं को डिफेंड भी करते हैं। इससे पहले वे संदेशखाली और चोपड़ा जैसी घटनाओं को भी डिफेंड कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली पर ममता बनर्जी सरकार को फटकार भी लगाई है।

भाजपा ने बताया टीएमसी का मतलब ‘ तालिबानी मुझे चाहिए’
घटना पश्चिम बंगाल के कमराहाटी की बताई जा रही है। वीडियो में एक क्लब में कुछ लोगों ने एक महिला के साथ लाठी डंडों के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं। वीडियो में देखा जा रहा है कि युवती की किस तरह बेरहमी से साथ पिटाई की जा रही है। वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल होने के बाद पुलिस एक्शन में आई और मामले में टीएमसी नेता मदन मित्रा के करीबी सहयोगी जयंत सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया। वायरल वीडियो मामले में केस दर्ज होने बाद एक बीजेपी ने टीएमसी और आईएनडीआईए गठबंधन को निशाने पर लिया। एक्स पर एक पोस्ट में वायरल वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी ने लिखा, “ताजमुल द्वारा तालिबानी कोड़े मारने के बाद बंगाल का एक और भयानक तालिबानी वीडियो.. टीएमसी का मतलब है तालिबानी मुझे चाहिए, टीएमसी विधायक का करीबी अपने गैंग के साथ एक लड़की की पिटाई कर रहा है।”

मां-माटी-मानुष नहीं, बलात्कारी-भ्रष्टाचारी और बमबाजों को बचाने वाली सरकार
भाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने कहा, “आज ममता दीदी की सरकार मां-माटी-मानुष नहीं केवल बलात्कारी, भ्रष्टाचारी और बम धमाके करने वालों को बचाओ सरकार बन गई है। इसके साथ ही भाजपा प्रवक्ता ने विपक्षी खेमे की चुप्पी पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, ” दुख की बात यह है कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले नेता इस पर चुप है। क्या मणिपुर जाने वाले राहुल गांधी बंगाल जाकर इस महिला से मिलेंगे, ममता सरकार के खिलाफ बोलेंगे? प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रियंका चतुर्वेदी और आम आदमी पार्टी इस पर बोलेंगे। इनमें से कोई नहीं बोलेगा। ये सब स्वाति मालीवाल, संदेशखाली, चोपड़ा और इस बार की तालिबानी घटना पर भी कुछ नहीं बोलेंगे।”


बंगाल के दिनाजपुर में भी बीच सड़क पर महिला की बेरहमी से पिटाई
इससे कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल में बीच सड़क पर एक महिला की पिटाई का खौफनाक वीडियो भी सामने आया था। तब विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी की सरकार पर जोरदार हमला बोला। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से दावा किया गया है कि पीड़ित महिला बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की नेता हैं। विपक्षी दलों सीपीएम और बीजेपी ने कहा है कि यह वीडियो उत्तर बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा का है। सामने आए वीडियो में, एक आदमी एक महिला को बार-बार लाठियों से मारता हुआ दिखाई दे रहा है और वहीं वहा खड़ी भीड़ पूरे घटनाक्रम के दौरान मूकदर्शक बनी हुई है। सीपीएम और बीजेपी नेताओं के मुताबिक, हमलावर का नाम तजेमुल है, जिसका तृणमूल कांग्रेस से संबंध है। वायरल वीडियो में पुरुष और महिला के साथ मारपीट की जा रही थी। स्थानीय पुलिस ने कहा है कि उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।

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