अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी और पुलिस की ज्यादती को महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। अर्नब की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग ने रायगढ़ एसपी को नोटिस भेजकर कल सुबह 11 बजे तक पेश होने को कहा है। साथ ही सारे सबूत आयोग के समक्ष पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।
महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी को लेकर एसपी रायगढ़ को कल 11 बजे तक आयोग के समक्ष पेश होने और संपूर्ण रिकॉर्ड सामग्री प्रस्तुत करने का नोटिस दिया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 5, 2020
वकील आदित्य मिश्रा ने अर्णब गोस्वामी की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मामले पर तत्काल विचार करने की अपील की थी।
गौरतलब है कि बुधवार को मुंबई पुलिस बिना समन जारिए किए अर्नब गोस्वामी के घर पर पहुंच गई और उन्हें जबरन अपने साथ पुलिस वैन में ले गई। अर्नब गोस्वामी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने उनकी सास, सुसर, बेटे और पत्नी के साथ मारपीट की।
#BREAKING | Arnab Goswami physically manhandled by Mumbai Police team inside his residence on #LIVE TV https://t.co/jghcajZuXf pic.twitter.com/hUOldx7P4y
— Republic (@republic) November 4, 2020
जब अर्नब को जबरदस्ती पुलिस वैन में बिठाया जा रहा था, तब उन्होंने कैमरे को देखकर कुछ बोलने की कोशिश की। वैन की खिड़की से उन्होंने बोला- “उन्होंने मेरे बेटे के साथ मारपीट की। मेरे रिश्तेदारों से मिलने नहीं दिया। मेरे साथ मेरे घर में मारपीट की गई। मैं चाहता हूं कि भारत की न्याय व्यवस्था और देश के लोग इसे देखें।”
अर्नब की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने कहा कि पुलिस ने अर्नब गोस्वामी के साथ गलत व्यवहार किया और जांच अधिकारी ने अर्नब को ये कहते हुए धमकी दी कि “मैं कुछ भी कर सकता हूं।” हमारे कैमरे तब तक चालू नहीं थे, लेकिन उन्होंने अर्नब की पिटाई कर दी, उन्होंने अपने भी कैमरे बंद कर दिए। उन्होंने उन्हें बालों से पकड़ रखा था।
सम्यब्रता रे गोस्वामी ने कहा कि अर्नब को वकील से बात नहीं करने दिया गया। मुझे कुछ कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। कई वीडियो सामने आए है, जिसमें अर्नब के शरीर पर मारपीट के निशान साफ नजर आते हैं। पुलिस की इस अमानवीय कर्रावाई के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश है।