दिल्ली में एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पास पैसे नहीं है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर लोगों से चंदे की अपील की है।
Support the ones fighting Traditional Politics #Donate2AAP
₹272
₹2720
₹27200
For 272 MCD Candidateshttps://t.co/7B9SaKbj9N pic.twitter.com/HQlKhFyQqA— Ankit Lal (@AnkitLal) April 18, 2017
पार्टी इसके पहले पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव के समय भी पैसे नहीं होने की बात कर चुकी है। बहुमत से जीतने का दावा करने वाली पार्टी को दोनों जगह करारी हार मिली। हाल ही में राजौरी गार्डन उप चुनाव में भी पार्टी अपनी सीट नहीं बचा पाई। पार्टी की यहां जमानत भी जब्त हो गई। शर्मिंदगी से बचने के लिए पार्टी ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगा रही है।
हार के साथ ही पार्टी पर सीएजी और शुंगलू कमेटी की ओर से कई आरोप भी लगे। सीएजी ने केजरीवाल के प्रचार पर खर्च किए गए 97 करोड़ रुपए पर सवाल उठाए। जिसके बाद उपराज्यपाल ने उन्हें 97 करोड़ रुपए वापस करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पैसे का रोना रो रही पार्टी पर सरकार की पहली सालगिरह के मौके पर 12472 रुपये से लेकर 16025 रुपये की थाली मेहमानों को परोसने का आरोप भी लगा। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने उस बारे में ट्वीट भी किया।
CM Arvind Kejriwal splurging on exorbitant lunch galas out of public funds amounts to daylight robbery. #JantaMaafNahiKaregi #AAPkiLoot pic.twitter.com/GOgQiVW7Vi
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) April 8, 2017
CM Kejriwal spent ₹16025/- per plate on lunch extravaganza at his residence. What brazen loot and Criminal waste of public money. #AAPkiLoot pic.twitter.com/Y4W1MNRhBZ
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) April 8, 2017
इतना ही नहीं करोड़ रुपए के समोसा खाने पर भी पार्टी की काफी किरकिरी हुई। दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने एक पोस्टर के जरिए सीधे अरविंद केजरीवाल पर प्रहार किया।
Poster to expose @ArvindKejriwal 1 Crore Samosa Scam pic.twitter.com/mEGc5CPBqe
— Tajinder Pal S Bagga (@TajinderBagga) April 10, 2017
ऐसे में मनीष सिसोदिया की इस अपील के बाद पार्टी लोगों के निशाने पर आ गई है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ चंदा बंद सत्याग्रह चलाने वाले डॉ मुनीश रायजादा ने इसकी निंदा की है। रायजादा ने कहा है कि जब हमारी पार्टी पिछला चंदा छुपाये बैठी है, तब इन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं कि ये जनता से फिर से चंदा मांगे।
.@msisodia : अगर सच्चे हो, तो पहले पिछला चंदा उजागर करो. फिर नया चंदा मांगो. सच्चे हो तो ! बाकी, fraud तो चल ही रहा है.@ArvindKejriwal https://t.co/GJBts8AQM4
— Dr. Munish Raizada (@DrMunishRaizada) April 18, 2017
केजरी मंत्र: फोकट का माल है, उड़ाए जा…
अरविंद केजरीवाल ने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर जनता को ठगने के अलावा कुछ नहीं किया है। राजनीति में जिस आदर्शवाद की दुहाई देकर और ईमानदारी का सब्जबाग दिखाकर केजरीवाल सीएम बने थे, उसे तिलांजलि देते हुए वो चाय-समोसे पर करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं। पांच रुपए का पेन खरीदने की ताकत ना होने की बात करने वाले सीएम केजरीवाल निजी केस के लिए पौने चार करोड़ रुपए का भुगतान सरकारी खजाने से करते दिखते हैं।
सवाल उठता है कि गाली-गलौज करो आप, दूसरों का अपमान करो आप, बिना सबूत दूसरों की इज्जत उछालो आप… और केस लड़ने के लिए पैसा दे दिल्ली की जनता। जब आप बिना कोई सबूत किसी पर अनर्गल आरोप लगाते हैं तो उसका खामियाजा दिल्ली की जनता क्यों भुगते?
सरकारी खजाने से निजी बिल का भुगतान
आप संयोजक केजरीवाल केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के ऊपर वित्तीय अनियमितता आरोप लगाने के मामले में मानहानि का मामला झेल रहे हैं। केजरीवाल इस केस की फीस दिल्ली की जनता द्वारा दिए गए टैक्स से चुकाना चाहते हैं। केस में केजरीवाल की पैरवी राम जेठमलानी कर रहे हैं। जेठमलानी ने केस लड़ने के लिए केजरीवाल को 3.42 करोड़ रुपए का बिल भेजा है। इस निजी केस के मामले में दिल्ली सरकार ने बिल का भुगतान करने के लिए उपराज्यपाल को खत लिखा है।
इसके बाद दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल पर जनता के पैसों को केस लड़ने के लिए जेठमलानी को दिए जाने का आरोप लगाया।
. @ArvindKejriwal paid Rs 4 Crore Delhi Public money to Mr Ram jethmalanai in his personal legal case (Sh Jaitly Defmiantion case) pic.twitter.com/aR2wNwpN8N
— Tajinder Pal S Bagga (@TajinderBagga) April 3, 2017
Why @ArvindKejriwal ji is silent on this letters ? I challenge Kejriwal ji to debate with me on this issue. https://t.co/P9K3mIlBe3
— Tajinder Pal S Bagga (@TajinderBagga) April 3, 2017
ऐसा नहीं है कि केजरीवाल सरकार पहली बार यह कर रही है। इसके पहले भी सरकारी धन का दुरुपयोग पार्टी और परिवार पर किया जाता रहा है। कभी इलाज तो कभी मौज-मस्ती के नाम पर टैक्स के पैसे को पानी की तरह बहाया जाता रहा है।
दिल्ली छोड़ इलाज के लिए बाहर जाना
दिल्ली में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा होते हुए भी केजरीवाल इलाज के लिए बेंगलुरू के जिंदल प्राकृतिक उपचार केंद्र जाते हैं। दिल्ली के अस्पताल को वर्ल्ड क्लास का बनाने का दावा करने वाले केजरीवाल खुद अपने अस्पताल पर भरोसा नहीं करते। जिंदल प्राकृतिक उपचार केंद्र में इलाज काफी महंगा है। बताया जाता है कि फाइव स्टार सुविधा वाले इस उपचार केंद्र में इलाज का खर्च करीब दो से ढ़ाई लाख रुपए प्रतिदिन का आता है। आप समझ सकते है कि 15 से 18 दिन का खर्च कितना आता होगा। जब से वे दिल्ली के सीएम बने हैं तब से दो बार यहां इलाज करवाने जा चुके हैं। इन सभी खर्च को दिल्ली सरकार वहन करती है। बताया जाता है कि इस अस्पताल में इनके इलाज पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं।
विज्ञापनों पर बहाया जनता का पैसा
केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप लग रहा है। गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के कारण केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे। दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को विज्ञापन में खर्च पैसा वसूलने को कहा है। जांच समिति की रिपोर्ट के बाद यह आदेश जारी किया गया है। तीन सदस्यीय समिति के अनुसार केजरीवाल सरकार ने आम जनता का पैसा विज्ञापन पर खर्च किया। आम आदमी पार्टी को एक महीने के भीतर इस राशि को जमा करना होगा। केजरीवाल सरकार पर दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में ऐसे विज्ञापन जारी करने का आरोप है जिनमें आप और केजरीवाल का प्रचार करने की मंशा झलकती है। प्रचार पर 97 करोड़ रुपए खर्च किए गए। बताया जा रहा है कि ये विज्ञापन तय मानकों के मुताबिक जारी नहीं किए गए थे।
विज्ञापनों के माध्यम से केजरीवाल के चेहरे का प्रयोग किया गया। इस मामले में एक साल पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप था। इन आरोपों में गलत और झूठे विज्ञापन देने और खुद के प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग करने का आरोप शामिल था। इसके पहले सीएजी की रिपोर्ट में भी केजरीवाल सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के विज्ञापन निर्देशों का उल्लंघन करने की बात कही गई थी।
बेतुके विज्ञापनों पर पैसों की बर्बादी
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी CAG की रिपोर्ट के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना कर करोड़ों रुपए के विज्ञापन जारी किए। सरकार की इमेज चमकाने के चक्कर में जनता के 21.62 करोड़ रुपये पानी की तरह बहाए गए। इतना ही नहीं केजरीवाल सरकार ने अन्य राज्यों में भी विज्ञापन पर 18.39 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कैग के मुताबिक 2.15 करोड़ रुपये के विज्ञापन ऐसे हैं जो बेतुके हैं। शब्दार्थ नाम की प्राइवेट एड एजेंसी (आरोप है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साले की है कंपनी) को 3.63 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया जिसकी जरूरत नहीं थी।
चाय-समोसे पर करोड़ों लुटाए
फरवरी 2015 से अगस्त 2016 के बीच केजरीवाल के कार्यालय में 1.20 करोड़ रुपये के समोसे और चाय का खर्च दिखाया गया है। आरटीआई के जरिए इस बात की सूचना सार्वजनिक हुई। आम आदमी पार्टी के अंदरखाने की हकीकत सामने आ गई। इसी आरटीआई से यह भी पता चला कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिवालय स्थित कार्यालय में 8.6 लाख और कैंप आफिस में 6.5 लाख रुपये का चाय और स्नैक्स में खर्च किए गए।
दावत में उड़े लाखों
केजरीवाल ने सरकार की दूसरी वर्षगांठ मनाने के लिए 11-12 फरवरी, 2016 को अपने आवास पर दावत दी। एक थाली का खर्च 12, 000 रुपये था। नियमों के मुताबिक दावतों में खाने का खर्च 2, 500 रुपये प्रति थाली से अधिक नहीं हो सकता है। लेकिन नियमों की अनदेखी कर ताज होटल में दिए गए इस दावत में 11.4 लाख रुपये का खर्च आया था।
सैर सपाटे में लुटाया जनता का पैसा
2016 में जब दिल्ली में डेंगू का कहर था तो राज्य के डिप्टी सीएम फिनलैंड में मौज-मस्ती कर रहे थे। उपराज्यपाल की डांट पड़ी तो वापस आए। इसी तरह 11 अगस्त से 16 अगस्त, 2015 के बीच मनीष सिसोदिया ब्राजील की यात्रा पर गए। प्रोटोकॉल तोड़ अर्जेंटिना में इग्वाजू फॉल देखने चले गए। इसमें सरकार को 29 लाख रुपयों का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा। बिजनेस क्लास में सफर करने वाला ये आम आदमी सितंबर, 2015 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी गए। जून 2016 में बर्लिन की भी यात्रा की। इसी तरह मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य मंत्री, विधायक भी विदेश यात्राओं पर जनता का पैसा पानी की तरह बहाया।
अपने ही रिश्तेदार को बनाया ओएसडी
केजरीवाल ने अपने रिश्तेदार डॉ. निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति वेकेंसी न होने के बावजूद की गई। पहले तो हस्तलिखित मंगवाए और इसी अवैध आवेदन के आधार पर उन्हें सीनियर रेजिडेंट बनवा दिया। इस नियुक्ति में सीबीसी गाइडलाइन्स और मेडिकल एथिक कोड की धज्जियां उड़ाई गईं। इसके एक महीने बाद सितंबर 2015 में उन्हें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का ओएसडी बना दिया। अग्रवाल ने दिल्ली सरकार द्वारा फंड किए गए अंतरराष्ट्रीय टूर भी किए है। ऐसा इसलिए हुआ कि निकुंज अग्रवाल केजरीवाल की पत्नी की बहन के दामाद हैं।
अपने ही साढ़ू को दिया ठेका
केजरीवाल के अपने साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल पर आरोप है कि उन्होंने पीडब्लूडी विभाग की मिलीभगत से कई ठेके लिए। इस मामले में तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने भी कहा, ‘‘हम भी लाचार है क्योंकि सुरेंद्र कुमार बंसल (दिल्ली के मुख्यमंत्री के ब्रदर-इन-लॉ) ने पूरे विभाग को लूटा है और यह एक खुला रहस्य है और बंसल के जरिए गैर कानूनी तरीके से कमाया गया पैसा पंजाब और गोवा के चुनाव में खर्च किया गया है।’’
बिजली बिल में लाखों गुल
एक आरटीआई के जरिये यह भी पता चला कि 19 मार्च 2015 से 4 सितंबर 2016 के बीच मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास स्थान का बिल 2.23 लाख रुपये था। लेकिन बिजली बिल बचाने की नसीहत देने वाले मंत्री सत्येंद्र जैन के घर 3.95 लाख रुपये का बिजली बिल आया।
सुविधाएं देने को बना दिए संसदीय सचिव
13 मार्च, 2015 को आप सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया। ये जानते हुए कि यह लाभ का पद है, उन्होंने ये कदम उठाया। दरअसल उनकी मंशा अपने सभी साथियों को प्रसन्न रखना था। उनका इरादा अपने विधायकों को गाड़ी, ऑफिस और अन्य सरकारी सुविधाओं से लैस करना था, ताकि उनके ये भ्रष्ट साथी ऐश कर सकें। लेकिन कोर्ट में चुनौती मिली तो इनकी हेकड़ी गुम हो गई। हालांकि केजरीवाल सरकार ने ऐसा कानून भी बनाने की कोशिश कि जिससे संसदीय सचिव का पद संवैधानिक हो जाए। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश से मजबूर होकर ये फैसला निरस्त करना पड़ा।
बहरहाल 2015 से दिल्ली में सत्ता में आने के बाद से केजरीवाल खुद, उनके मंत्री और विधायक जनता का पैसा दिल खोलकर उड़ा रहे हैं। आप समझ सकते हैं कि आम आदमी के बीच चप्पल पहल कर चलने वाला यह आदमी कितना दिखावा करता है।