Home चुनावी हलचल मोदी का जलवा: जम्मू-कश्मीर विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा

मोदी का जलवा: जम्मू-कश्मीर विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा

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जम्मू-कश्मीर विधान परिषद चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राज्य विधानपरिषद के चुनाव परिणाम के अनुसार 34 सीटों वाले जम्मू-कश्मीर के उच्च सदन में बीजेपी 11 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। जबकि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी पीडीपी की सदस्यों की संख्या विधान परिषद में 11 से घटकर 10 रह गई है। पिछले आम चुनावों से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन अब ये सच्चाई है कि जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य में भी भाजपा सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है।

जम्मू-कश्मीर विधान परिषद में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी
कुल सीट- 34
भाजपा- 11
पीडीपी- 10
अन्य-    13

भाजपा की इतनी बड़ी सफलता का श्रेय खुद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उनके करिश्माई नेतृत्व के चलते ही आज पार्टी का विजय पताका कश्मीर के पहाड़ों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक, पूरब में अरुणाचल प्रदेश की हसीन वादियों से लेकर पश्चिम में कच्छ के रण तक लहरा रहा है।

उत्तर में लद्दाख तक परचम
भाजपा अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दूसरी और विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी ही नहीं है, बल्कि राज्य में लद्दाख लोकसभा क्षेत्र भी पार्टी के पास है। यूं कह लीजिए की धरती के स्वर्ग पर आज प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व के चलते भाजपा के विजय की रफ्तार बढ़ती जा रही है।

हिंद महासागर में भी कमल
अगर हम कश्मीर की खूबसूरत वादियों में भाजपा की जीत का परचम लहराने की बात कह रहे हैं तो सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर की गोद में समाए अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का जिक्र करना कैसे भूल सकते हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भी ये सीट भाजपा के खाते में आई थी।

दक्षिण में केरल में भी दस्तक
केरल में हमेशा से कांग्रेस या वामपंथियों का ही दबदबा रहा है। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। देश की सत्ता में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व का असर देखिए कि पिछले विधानसभा में भाजपा ने वहां भी इतिहास रच दिया। पहली बार नेमोम सीट पर पार्टी का उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचा। कहने के लिए भले ही केरल में ये पार्टी की पहली कामयाबी रही हो, लेकिन वोट प्रतिशत के हिसाब से मतदाताओं का भरोसा जिस तरह से बढ़ रहा है, आने वाले चुनावों में वहां की तस्वीर पूरी तरह बदली नजर आएगी।

पूरब में भी खिल रहा है कमल
उत्तर और दक्षिण भारत में प्रधानमंत्री मोदी के जलवे का असर तो देख लिया। अब पूर्वी राज्यों में भी पार्टी को लगातार मिलती जा रही कामयाबी का जिक्र करना जरूरी है। देश के सुदूर पूर्वी लोकसभा सीट यानी अरुणाचल प्रदेश पश्चिम इस वक्त बीजेपी के पास है, जहां से केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजिजू सांसद हैं। उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में पार्टी की सरकारें हैं। यही नहीं पश्चिम बंगाल जैसा राज्य जहां तीन दशकों से भी अधिक समय तक वामपंथियों का कब्जा रहा, वहां भी पार्टी लेफ्ट को पीछे छोड़कर टीएमसी के विकल्प के तौर पर उभर रही है।

पश्चिम में कच्छ के रण तक कमल ही कमल
देश का सुदूर पश्चिम लोकसभा सीट कच्च भी भाजपा के पास है। वैसे पिछले आम चुनावों में मोदी जी का जादू गुजरात में यूं चला था कि वहां की सारी सीटें भाजपा के खाते में आई थीं। यही नहीं प्रधानमंत्री बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गुजरात को जिस बुलंदियों पर पहुंचाया उसके बारे में कुछ कहना तो सूरज को दीया दिखाने जैसा होगा।

हाल के उप चुनावों में मोदी का जलवा कायम रहा

प्रधानमंत्री मोदी के जलवे के चलते पंजाब और गोवा के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली में भी जोरदार झटका लगा। दिल्ली के राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की। इस सीट पर कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही है और उसकी जमानत तक जब्त हो गई। 

राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को ऐतिहासिक सफलता

इस साल 11 मार्च को आए 5 राज्य विधानसभा चुनावों के परिणामों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा और लोकप्रिय नेता बना दिया है। पीएम मोदी के जलवे का ही नतीजा है कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में पार्टी को इतनी बड़ी सफलता मिली है, जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। यही नहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी भाजपा ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। इसके अलावा पार्टी गोवा और मणिपुर में भी सरकार बनाने में सफल हुई है।

नोटबंदी के बाद हर चुनाव में मोदी-मोदी
वैसे भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ चलाए गए नोटबंदी अभियान के बाद हुए तमाम चुनावों में बीजेपी को भारी कामयाबी मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में ही नहीं इसके पहले देशभर में कई जगहों पर हुए स्थानीय चुनावों में भी बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस जीत ने साबित कर दिया है कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के पक्ष में हैं। लोगों ने नोटबंदी का विरोध करने वाली सभी पार्टियों को चित्त कर दिया। नोटबंदी के बाद ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनावों में और चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी को पहले से काफी ज्यादा सीटें मिलीं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान के उप चुनावों में भी पार्टी ने बाजी मारी।

 

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