दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्रेडिट चोरी में भी नंबर वन गए हैं। एक कहावत है थोथा चना बाजे घना। इस कहावत को केजरीवाल पूरी तरह चरितार्थ कर रहे हैं। बार-बार शोर मचाकर झूठ बोलने को राजनीतिक सफलता का मूल मंत्र मान चुके केजरीवाल मोदी सरकार के द्वारा किए गए काम का क्रेडिट लेने में बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके हैं। बेशर्मी की हद यह है कि हर बार उनका झूठ पकड़ा जाता है फिर भी वह झूठ बोलने से बाज नहीं आते। यह केजरीवाल की मजबूरी भी है। क्योंकि उन्हें विकास का काम करना तो आता नहीं है तो फिर जनता को क्या बताएंगे। यही वजह है कि उन्हें केंद्र सरकार और बीजेपी के सांसद द्वारा किए गए काम को अपना बताकर काम चलाना पड़ता है। दूसरे के काम को अपना बताना और उसका श्रेय लेना क्रेडिटजीवी केजरीवाल को खूब आता है। इसके अलावा उन्हें घोटाला, भ्रष्टाचार और विज्ञापन पर पैसे खर्च करना ही आता है।
AAP और अरविंद केजरीवाल क्रेडिट चोर हैं। pic.twitter.com/kKYhQPLxA3
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) April 12, 2023
क्रेडिटजीवी केजरीवाल किस तरह केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम श्रेय लेते रहे उसे इन 6 उदाहरण से समझिएः
यमुना की सफाईः 2003
उपराज्यपाल ने 30 जून 2023 तक यमुना सफाई का किया एलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले नौ साल से यमुना की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च कर तारीख पर तारीख ही देते रहे। यह देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना यमुना की सफाई की पहल की है। उन्होंने 30 जून 2023 तक दिल्ली के अंदर 22 किलोमीटर के यमुना स्ट्रेच को साफ करने का एलान कर दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने यमुना सफाई की मुहिम में अब पुजारियों और पुरोहितों को भी जोड़ लिया है और उनसे धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कामों के लिए पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं का पालन करने का आग्रह किया। साथ ही उनसे यमुना की सफाई में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए कहा है।
क्रेडिटजीवी केजरीवाल ने यमुना की सफाई की नई तारीख दे दी
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा यमुना की सफाई की पहल के बाद क्रेडिट लेने से भला अरविंद केजरीवाल कैसे पीछे रह जाते। क्योंकि अब तो उन्हें पता है कि यमुना की सफाई हो जाएगी तो उन्होंने नई तारीख का एलान भी कर दिया और कहा कि 2025 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। केजरीवाल को विकास के काम करना नहीं आता केवल घोटालों को अंजाम देना आता है। दिल्ली विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017-21 के बीच यमुना की सफाई के नाम पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 6,856 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब इससे समझ सकते हैं कि यमुना तो पहले से ज्यादा मैली हो गई है फिर सात हजार करोड़ रुपये कहां खर्च हुए। दरअसल केजरीवाल की नीयत ही साफ नहीं है।
कोरोना वैक्सीनः 2021
मोदी सरकार का एलान- सभी देशवासियों को वैक्सीन मुफ्त
कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन सभी देशवासियों को मुफ्त देने का एलान किया था। तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एलान किया था कि कोरोना वैक्सीन सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हर भारतीय को मुफ्त लगाई जाएगी। इसके लिए किसी से भी किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि फर्स्ट फेज में तीन करोड़ लोगों को ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे। इसके बाद केजरीवाल इसका भी क्रेडिट लेने के लिए दौड़ पड़े और उन्होंने दिल्लीवासियों को मुफ्त वैक्सीन देने की बात कही।
केजरीवाल ने ढोल पीटा- सभी दिल्लीवासियों को मुफ्त वैक्सीन देंगे
केजरीवाल की चालाकी देखिए कि जब केंद्र सरकार ने पूरे देश को मुफ्त वैक्सीन का एलान कर दिया था तब भी ये विदेश से वैक्सीन खरीदने की बात कर रहे थे। दिल्ली सरकार ने कोरोना रोकथाम के लिए एक करोड़ 34 लाख वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दे दी थी। जिससे विदेश से खरीद में कमीशन का घोटाला किया जा सके। लेकिन मोदी सरकार ने जिस तत्परता और तेजी से वैक्सीन का निर्माण करवाया और उसे देशभर में पहुंचाया वह अपने आप में रिकार्ड है। इससे न जाने कितने लोगों की जान बची। लेकिन केजरीवाल इसका श्रेय भी लेने से नहीं चूके।
फ्री राशनः 2021
मोदी सरकार का एलान- 81 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन
मोदी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान देश के 81 करोड़ से अधिक गरीबों को मुफ्त राशन देने का एलान किया था। पहले यह योजना एक साल के लिए लाया गया था जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी और फिर कई बार बढ़ाया गया। कोरोना काल में इस योजना से गरीबों को काफी मदद मिली।
महंगाई बहुत ज़्यादा हो गई है। आम आदमी को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है। कोरोना की वजह से कई बेरोज़गार हो गए
प्रधानमंत्री जी, ग़रीबों को मुफ़्त राशन देने की इस योजना को कृपया छः महीने और बढ़ाया जाए
दिल्ली सरकार अपनी फ़्री राशन योजना छः महीने के लिए बढ़ा रही है। https://t.co/rF3TC7bRaM
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 6, 2021
केजरीवाल सरकार ने भी कर दिया फ्री राशन योजना का एलान
अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार के फ्री राशन के एलान के बाद उसका श्रेय लेने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से भी मुफ्त राशन योजना को शुरू करने का एलान कर दिया। केजरीवाल सरकार ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान दिल्ली की जनता की हर परेशानी का ध्यान रखा गया। कोरोना के मामले कम होने के बाद भी सरकार कोविड के कारण होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए लाभार्थियों को मुफ्त राशन देती रहेगी। यहां तक कि उन्होंने 5 नवंबर 2021 को ट्वीट कर प्रधानमंत्री से गुहार भी लगाई कि फ्री राशन योजना को छह माह के लिए बढ़ा दिया जाए।
स्मॉग टावरः 2020
दिल्ली में पहला स्मॉग टावर 2020 में लाजपत नगर में लगाया गया
पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर की पहल पर दिल्ली का पहला स्मॉग टावर लाजपत नगर में जनवरी 2020 में लगाया गया। यह 750 मीटर के दायरे में हवा को शुद्ध करेगा। स्मॉग फ्री टावर के लगने से ढाई लाख से छह लाख क्यूबिक मीटर हवा रोज शुद्ध की जा सकेगी। इसे चलाने में हर महीने तीस हजार रुपए का खर्च आएगा, जिसे मार्केट एसोसिएशन वहन करेगा। फ्रेंच मेड शुद्ध नाम के एयर प्यूरीफायर को ट्रेडर्स एसोसिएशन लाजपत नगर और गौतम गंभीर फाउंडेशन ने लगाया है।
CM @ArvindKejriwal inaugurates India's first SMOG TOWER!🇮🇳
▪️1st of its kind Technology from USA
▪️Over 24m High Tower to clean 1000 cubic metres air/second
▪️It will reduce Pollution in 1 sq km area
▪️If this Pilot Project is successful,we'll install such towers across Delhi pic.twitter.com/5TSlkgAmpP
— AAP (@AamAadmiParty) August 23, 2021
केजरीवाल ने 2021 में कहा- दिल्ली में भारत का पहला स्मॉग टावर लगाया
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगस्त 2021 में कनॉट प्लेस में बनाए गए स्मॉग टावर का उद्घाटन किया था। दिल्ली सरकार ने इस टॉवर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था। केजरीवाल ने इसे देश का पहला स्मॉग टावर बताया था और कहा था कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो हम पूरी दिल्ली में ऐसे टावर लगाएंगे। इससे पता चलता है कि झूठ बोलने में केजरीवाल का कोई जोड़ नहीं है। जब दिल्ली के लाजपत नगर में जनवरी 2020 में स्मॉग टावर लगाया जा चुका था तो अगस्त 2021 में लगाए गए टावर को देश का पहला कैसे कहा जा सकता है। यह सोचने वाली बात है।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवेः 2018
प्रधानमंत्री ने किया ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2018 को 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जनता को समर्पित किया। इस एक्सप्रेसवे का मुख्य मकसद दिल्ली में जाम और प्रदूषण की समस्या से निपटना है। इससे अब भारी वाहन दिल्ली में प्रवेश के बिना बाहर-बाहर से अपने गंतव्य को जा सकेंगे। इससे ट्रकों के जहरीले धुएं दिल्ली में आने से रोक लग गई और दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिली।
केजरीवाल ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का श्रेय लेने से भी नहीं चूके
केजरीवाल ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का श्रेय लेने में भी शर्म महसूस नहीं की। एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के एक साल बाद 2019 में उन्होंने कहा कि हमने क्या किया कि दिल्ली के बाहर एक सड़क बना दी। अब हम ट्रकों को शहर के अंदर नहीं आने देते। अब इनको कहते हैं बाहर वाली सड़क से जाओ।
आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू। https://t.co/PIms2geisB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 31, 2022
वर्चुअल स्कूलः 2019
देश का पहला वर्चुअल स्कूल उत्तराखंड में 2019 में शुरू हुआ
देश में पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत 2019 में बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में की थी। इस स्कूल के जरिये भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक गणित, विज्ञान, भारतीय शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, कला और परंपराओं की शिक्षा दी जा रही है। वर्चुअल होम स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों के लोग वर्चुअली जुड़े हुए थे।
केजरीवाल ने 2022 में कहा- देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को ट्वीट कर कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू हुआ है। केजरीवाल ने आगे कहा कि हमें बाबा साहब का सपना पूरा करना है, देश के हर बच्चे तक अच्छी शिक्षा पहुंचानी है, दिल्ली के डिजिटल स्कूल में नौवीं क्लास के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं। जब 2019 में उत्तराखंड में वर्चुअल स्कूल की शुरुआत हो चुकी थी तो केजरीवाल 2022 में कैसे देश पहला वर्चुअल स्कूल कह सकते हैं। इससे केजरीवाल की नीयत समझी जा सकती है।
‘आम आदमी’ केजरीवाल ने विज्ञापन पर एक वर्ष में खर्च किया 488 करोड़ रुपये
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को आम आदमी कहते हैं और विकास का काम करना उन्हें आता नहीं है। लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने में उन्हें कोई गुरेज नहीं है। दिल्ली में उनकी सरकार ने कोरोना काल की महामारी के दौरान हर रोज लगभग एक करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए सामने आ चुकी है। न्यूज़लॉन्ड्री ने आरटीआई के जरिए पूछा था कि दिल्ली सरकार द्वारा एक मार्च 2020 से 30 जुलाई 2021 तक विज्ञापन पर कितने रुपए खर्च किए गए हैं? इसके जवाब में सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने बताया कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के दौरान विज्ञापन एवं प्रचार पर कुल 490 करोड़ रुपए खर्च किए गए।