दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार काम से ज्यादा राजनीति करने पर भरोसा करती है। कोरोना संकट काल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद सरकार की लापरवाही का खामियाजा भुगत चुकी आम जनता आप सरकार पर जरा भी भरोसा नहीं नहीं करती है। दूसरी लहर शुरू होने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने टीवी पर आकर जैसे ही कहा कि मैं हूं ना? लोगों ने दिल्ली से पलायन करना शुरू कर दिया। केजरीवाल ने शुरू में टीवी पर आकर बेड और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने का दावा किया, लेकिन हालात बिगड़ने पर बेड और ऑक्सीजन का रोना रोने लगे।
केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश की। दिल्ली के लिए जरूरत से ज्यादा मैट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की। दिल्ली की आप सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 700 मैट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की मांग की। सभी न्यूज चैनल पर आकर आम आदमी पार्टी के नेता ऑक्सीजन का रोना रोने लगे। लेकिन जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ऑक्सीजन ऑडिट की मांग की तो केजरीवाल ने मामले से ध्यान हटाने के लिए वैक्सीन का रोना शुरू कर दिया। इसके साथ ही गुरुवार, 13 मई को केजरीवाल सरकार ने सरप्लस ऑक्सीजन का एलान करते हुए इसे जरूरतमंद राज्यों को देने की बात की। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की स्थिति का आकलन करने के बाद अब दिल्ली में ऑक्सीजन की जरूरत 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम अपनी सरप्लस ऑक्सीजन उन राज्यों को देने को तैयार हैं, जिन्हें इसकी जरूरत है।
Today, after assessment of the COVID19 situation, Delhi’s oxygen need is 582 MT per day. As a responsible government, we will give the surplus oxygen to the States who need it: Delhi Deputy CM Manish Sisodia pic.twitter.com/kgM2lhAef6
— ANI (@ANI) May 13, 2021
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ऑक्सीजन को लेकर हाय-तौब्बा मचाने वाली केजरीवाल सरकार ने ये घोषणा सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति, वितरण और उपयोग का ऑडिट करने के लिए एक पैनल की स्थापना के बाद की है। केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन ऑडिट का कड़ा विरोध किया था। उस दौरान केजरीवाल सरकार ने 18 अप्रैल को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग की थी।
Delhi CM Arvind Kejriwal writes to Union Commerce & Industries Minister Piyush Goyal, requesting him to ensure uninterrupted supply of 700MT of oxygen on daily basis & restoration of supply of 140MT of oxygen by INOX, one of the major supplier to various hospitals in Delhi. https://t.co/gAxaRWCqJj pic.twitter.com/iSty7A84hf
— ANI (@ANI) April 18, 2021
18 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के 74,941 एक्टिव केस थे। उस दिन 74,941 एक्टिव केस पर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग करने वाली केजरीवाल सरकार 13 मई को 82,725 एक्टिव के होने पर सिर्फ 582 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत बता रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कम केस होने पर ज्यादा ऑक्सीजन की मांग करने वाली केजरीवाल सरकार ज्यादा केस होने पर कम ऑक्सीजन की जरूरत क्यों बता रही है। क्या ऑक्सीजन ऑडिट से दिल्ली सरकार डर गई है।
ऑक्सीजन ऑडिट की बात आई तो अब बोल रहे हैं कि ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है। केंद्र सरकार लगातार दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई देती रही, और AAP रोज़ अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठ बोलते रहे। AAP का झूठ अब जनता के सामने आ चुका है। https://t.co/5o0qglU9GQ
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) May 13, 2021
After declining for Oxygen Audit, Demand automatically came down from 900 MT to 582 MT. Also now Delhi has surplus oxygen too.
ताउम्र ग़ालिब ये भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आइना साफ़ करता रहा। https://t.co/9rBk6iee8v
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) May 13, 2021
आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि कोरोना संकट काल में केजरीवाल के कई करीबी और सहयोगी ऑक्सीजन के साथ अन्य चीजों की कालाबाजारी में शामिल पाए गए हैं। केजरीवाल के करीबी नवनीत कालरा और मंत्री इमरान हुसैन पर ऑक्सीजन कालाबजारी करने का आरोप लगा। दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के जिस खान चाचा रेस्टोरेंट में छापेमारी करके सैकड़ों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए, उसका मालिक नवनीत कालरा केजरीवाल का करीबी बताया जा रहा है।
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