कोरोना संकट काल में शुरू से सब कुछ नियंत्रण में होने का दावा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नाकामी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल कभी बेड की कमी तो कभी ऑक्सीजन और वैक्सीन की कमी का रोना रोते रहते हैं। लेकिन उन्होंने खुद दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया है।
अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें हर चीज थाली में परोस कर दे दे। उन्हें बस क्रेडिट लेने दे। एक आरटीआई से पता चला कि केजरीवाल की दिल्ली में पिछले 7 साल में एक भी नया अस्पताल नहीं खुला है। हेल्थ सेक्टर के नाम पर केजरीवाल सरकार की पूरा जोर मोहल्ला क्लिनिक कर रहा। लेकिन इस कोरोना महामारी काल में इन मोहल्ला क्लीनिक में कोविड से संबंधित प्राथमिक उपचार भी नहीं हो रहा। एक वैक्सीन भी नहीं लग रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने 26 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हम 1 करोड़ 34 लाख वैक्सीन का ऑर्डर देने वाले हैं और हमने ये मंजूरी दे दी है। इसकी कीमत 1400 करोड़ है, लेकिन 10 मई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कहते हैं कि हमने ऑर्डर नहीं दिया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को को साफ कहा कि दिल्ली सरकार कोविड प्रबंधन नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर सैकड़ो करोड़ रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री रहते उन्होंने एक भी अस्पताल नहीं खोला।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विज्ञापन पर 804.93 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 7 सालों में जब से वे मुख्यमंत्री हैं उन्होंने दिल्ली में एक भी अस्पताल नहीं खोला है: संबित पात्रा, भाजपा https://t.co/p3UTDwAvFY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 10, 2021
केजरीवाल सरकार की नाकामी और लापरवाही पर लोग अब सवाल उठाने लगे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब दिल्ली में प्रति व्यक्ति ऑक्सीजन की उपलब्धता अधिकतम है, फिर वो ऑक्सीजन कहां जा रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि उत्तराखंड के 74114, हिमाचल के 32469, चंडीगढ़ के 8511, हरियाणा के 116867 और पंजाब के 74343 मामले को मिलाकर कुल 3,06,304 मामलों पर 652 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलता है, लेकिन दिल्ली को सिर्फ 86232 मामलों के लिए 700 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती है… फिर भी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हो रही है, क्यों?
Uttrakhand 74114 cases
Himachal 32469
Chandigarh 8511
Haryana 116867
Punjab 74343
Total 3,06,304 cases got 652 MT oxygenBut Delhi Govt with 86232 patients need 700 MT oxygen .. फिर भी दिल्ली में oxygen की कमी से मौतें हो रही है , क्यों?
सोचता है भारत— Neelkant Bakshi (@neelkantbakshi) May 11, 2021
ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से जहां कोरोना मरीज मर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी नवनीत कालरा और मंत्री इमरान हुसैन पर ऑक्सीजन कालाबजारी करने का आरोप लगा है। दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट के जिस खान चाचा रेस्टोरेंट में छापेमारी करके सैकड़ों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए हैं, उसका मालिक नवनीत कालरा केजरीवाल का करीबी बताया जा रहा है। इतना ही नहीं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के विधायक इमरान हुसैन पर भी ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने का आरोप लगा है। केजरीवाल सरकार में मंत्री इमरान हुसैन दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन का भाई है।
ऑक्सीजन संकट पर पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद एक प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं, क्या उन्हें नहीं पता कि ये चीजें कैसे काम करती हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि दिल्ली के लोगों को समय पर ऑक्सीजन मिले, इसके लिए दिल्ली सरकार अपना प्लांट क्यों नहीं लगाती है। ऑक्सीजन की कमी को लेकर केजरीवाल सरकार लताड़ लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर सभी राज्य अपने लिए टैंकर अरेंज कर रहे हैं और आपके पास टैंकर नहीं तो आप क्यों ऐसा नहीं कर रहे।