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दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए एक भी बेड खाली नहीं, केजरीवाल के झूठे दावे की खुली पोल, श्मशानों और कब्रिस्तानों में शवों की सुनामी

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठ बोलकर और झांसा देकर दिल्ली की जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। दिल्ली सरकार विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दावा कर रही है कि राष्ट्रीय राजधानी में अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं है, लेकिन जमीनी स्थिति इसके एकदम उलट है। दिल्ली के अस्पतालों में एक अदद बेड पाने के लिए कोरोना मरीज संघर्ष कर रहे हैं। कई लोगों ने अपने परिवार या रिश्तेदारों के व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इस महामारी के दौरान कोविड बेड्स के उपलब्ध न रहने की बात बताई। इस तरह केजरीवाल सरकार के दावे पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उधर कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में 5000 बेड्स खाली होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अब तक 14 प्राइवेट और 6 सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड फैसिलिटी में कन्वर्ट कर चुकी है। साथ ही कहा गया था कि सोमवार यानि 12 अप्रैल, 2021 को कोरोना के इलाज के लिए 2653 नए बेड्स जोड़े गए, जिससे कुल संख्या 14,900 हो गई।

केजरीवाल के इस दावे पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर हैरान करने वाला आंकड़ा पेश किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 5000 बेड खाली है, इसके बारे में जानकारी देने के लिए केजरीवाल सरकार ने 3 करोड़ 79 लाख रुपये विज्ञापन पर खर्च कर दिए। दिल्ली सरकार के एप में भी बेड खाली होने की बात की जा रही है, लेकिन अस्पतालों में एक भी बेड खाली नहीं है।

कपिल मिश्रा के आरोपों की पुष्टि सोशल मीडिया पर शेयर किए गए ऑडियो से भी हुई है। जिसके मुताबिक, दिल्ली सरकार के एप पर ‘श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटूशन’ में 5 बेड्स खाली होने की बात बताई जा रही थी, लेकिन जब वहां कॉल किया गया तो पता चला कि एक भी बेड खाली नहीं है। अस्पताल की तरफ से बताया गया कि एप पर क्या बताया जा रहा है, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता, लेकिन वहां मरीजों की भर्ती को लेकर वेटिंग लिस्ट चल रही है।

इसी तरह अप्रैल 15 को ही ‘प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल’ में 18 खाली बेड्स होने की बात एप पर बताई गई, लेकिन जब अस्पताल में कॉल कर के पूछा गया तो पता चला कि कोविड मरीज के लिए एक भी बेड खाली नहीं है। अस्पताल की तरफ से कहा गया कि एप्लीकेशन में ऐसा क्यों दिखा रहा, उन्हें नहीं पता। इसी तरह एप पर ‘शांति मुकुंद हॉस्पिटल’ में 68 बेड्स खाली होने की बात कही गई, लेकिन अस्पताल ने कहा कि ये दूसरे मरीजों के लिए है।

इसी तरह ‘मैक्स स्मार्ट गुजरमल मोदी हॉस्पिटल’ में एप पर 7 बेड्स खाली दिखाए जा रहे थे, लेकिन वहाँ फोन करने पर बताया गया कि क्वारंटाइन के लिए भी बेड नहीं हैं। ‘दीपचंद बंधू अस्पताल’ से भी यही जवाब आया। जबकि एप पर यहाँ भी 30 बेड्स खाली दिखाए जा रहे थे। अस्पताल की रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि दिन भर उपलब्ध बेड्स की संख्या में बदलाव होते रहते हैं, इसीलिए एप पर खाली बेड्स की संख्या दिखाई गई होगी।

कई ट्विटर इन्फ्लुएंसर्स ने कहा कि उनकी टाइमलाइन पर लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है, जो दिल्ली के अस्पताल में बेड्स के लिए गुहार लगा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि दिल्ली में ये स्थिति अचानक से आ गई है। पिछले साल 2020 में किस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा था, सबने देखा। फिर स्थिति ठीक हुई थी। अर्धसैनिक बलों ने फैसिलिटीज की व्यवस्था की। उसके बाद स्थिति फिर जस की तस हो गई।

उधर दिल्ली के अस्पतालों में ग्लब्स, पीपीई किट, दस्तानों की भी भारी कमी है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन सेंटर में तैनात कर्मचारियों का भारी अभाव है, जिसकी वजह से अब कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटरों का काम सिविल डिफेंश के कर्मचारियों से कराया जा रहा है।

दिल्ली सरकार के झूठे दिलासे और बदइंतजामी का नतीजा है कि आज कोरोना मरीज मर रहे हैं। श्मशानों और कब्रिस्तानों में शवों की रेला लगी है। फिर भी केजरीवाल कह रहे कि घबड़ाने की जरूरत नहीं है। कोरोना की चौथी लहर पिछली लहर से कम खतरनाक है। लेकिन श्मशान घाटों से जो तस्वीरें सामने आ रही है, वो रोंगटे खड़ी कर देने वाली है। श्मशाने में लाशों की सुनामी आ चुकी है। कब्रिस्तान में दफनाने के लिए जमीन कम पड़ रही है। निगम बोध घाट में हर तरफ एंबुलेंस दिख रही है और चिताएं जल रही है। कोरोना ने इस तरह कहर बरपाया है कि अब कितने शव जल रहे हैं, इसकी गिनती करना मुश्किल है। पिछले तीन से चार दिनों में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है।

गौरतलब है कि दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा चुका है। साथ ही केजरीवाल कह रहे हैं कि जब तक जरूरी न हो, तब तक लोग अस्पतालों का रुख न करें। दिल्ली में कोरोना के 54,309 सक्रिय मामले हैं। पिछले 1 दिन में ही यहां 16,699 नए कोविड-19 मरीज सामने आए हैं। 1 दिन में ठीक होने वाली की संख्या (13,014) नए मरीजों की संख्या से कम है। प्रदेश में पिछले 1 दिन में कोरोना से 112 नई मौतें हुईं, जिससे मृतकों का कुल आंकड़ा 11,652 तक पहुँच गया। दिल्ली में प्रत्येक 10 लाख में 39,575 कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन 1.7 प्रतिशत की औसत से मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

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