बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जेडीयू की पहली बार पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। इसमें नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बड़ी भूमिका को लेकर मंथन कर रहे हैं। इसी बीच नीतीश कुमार के राष्ट्रीय मंसूबों को बड़ा झटका लगा है। अरुणाचल प्रदेश के बाद मणिपुर में जेडीयू के 5 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बहुत जल्द बिहार को भी जेडीयू से मुक्ति करने और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जेडीयू नेताओं और विधायकों के पार्टी छोड़ने का दावा कर सियासी खलबली मचा दी है।
मणिपुर में 6 में से 5 विधायक बीजेपी में शामिल
दरअसल शुक्रवार (02 सितंबर, 2022) को मणिपुर में जेडीयू के छह में से पांच विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने वाले जेडीयू विधायकों में केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार शामिल हैं। एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट की मांग की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलने पर दोनों जेडीयू में शामिल हो गए थे। खास बात ये है कि मणिपुर में जेडीयू के विधायकों ने बीजेपी में शामिल होने का ये फैसला नीतीश कुमार के उस ऐलान के बाद किया है जिसमें उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी। जेडीयू ने इस साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जिसमें से छह सीटों पर जीत दर्ज की थी।
सुशील मोदी का दावा- जेडीयू मुक्त होगा बिहार
इस सियासी घटना पर राज्यसभा सांसद और बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि अब अरुणाचल प्रदेश के बाद मणिपुर भी जेडीयू मुक्त हो गया। उन्होंने दावा किया कि वे सभी विधायक एनडीए में बने रहना चाहते थे। इसके अलावा सुशील मोदी ने नीतीश कुमार का टेंशन बढ़ाते हुए दावा किया कि, ”बहुत जल्द हम बिहार में जेडीयू-राजद गठबंधन को तोड़ देंगे और राज्य को जेडीयू मुक्त कर देंगे।” उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि होर्डिंग और पोस्टर लगाकर कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है।
Delhi | Five JDU MLAs joined the BJP in Manipur, the state has become JDU-free. Those MLAs wanted to remain in NDA. Very soon, we’ll break the JDU-RJD alliance in Bihar & make the state JDU free. Nobody can become PM by erecting hoardings & posters: BJP RS MP Sushil Modi pic.twitter.com/ZI63lyoOya
— ANI (@ANI) September 3, 2022
जेडीयू के कई नेता और विधायक छोड़ेंगे पार्टी- नेता प्रतिपक्ष
सुशील मोदी के दावे को बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी मजबूती दी है। उन्होंने कहा कि जेडीयू के कई नेता और विधायक पार्टी को छोड़ने वाले हैं। इशारों-इशारों में विजय सिन्हा ने कहा कि जेडीयू के कई विधायक और नेता नीतीश कुमार का साथ छोड़ राष्ट्रवाद के साथ चलने वाली पार्टी का दामन थामेंगे। शनिवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने ना तो कभी दर्द देखा और ना ही संघर्ष किया। मंत्री बदलते रहे लेकिन मुख्यमंत्री बने रहे। नीतीश कुमार ने तो सभी का विश्वास खो दिया है। इसलिए अभी और करामात होगा। बहुत लोग भागेंगे। राष्ट्रवाद के साथ चलेंगे। अभी घबराने की जरुरत नहीं है, अभी तो प्रारंभ हुआ है।
अमित मालवीय ने नीतीश को बताया लंगड़े मुख्यमंत्री
इससे पहले नीतीश कुमार के राष्ट्रीय मंसूबों पर तंज कसते हुए बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “पश्चिम बंगाल से परे स्वीकार्यता हासिल करने की ममता बनर्जी की कोशिशें बुरी तरह उलटी पड़ीं। लंगड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न केवल बिहार में, जहां जेडीयू तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है, बल्कि बाहर भी अपनी पार्टी के पदचिह्नों को सिकुड़ते हुए देख रहे हैं। और ख़्वाब प्रधानमंत्री बनने के हैं।”
Mamata Banerjee’s attempts to gain acceptability beyond West Bengal, backfired miserably. Nitish Kumar, a lame duck Chief Minister, is seeing his party’s footprint shrink, not just in Bihar, where it is the third largest, but also outside.
पर ख़्वाब प्रधानमंत्री बनने के हैं… https://t.co/Phxr8yJIpK
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2022
राष्ट्रीय स्तर पर जेडीयू के विस्तार को भी झटका
गौरतलब है कि मणिपुर में जडीयू को पिछले महीने अगस्त में ही राज्य पार्टी का दर्जा मिला था। लेकिन जेडीयू के 6 में से 5 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य पार्टी के दर्जे पर खतरा मंडराने लगा है। इसी तरह 2020 में अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात में से छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे, और पिछले हफ्ते अरुणाचल में बचे जेडीयू के इकलौते विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए। अरुणाचल प्रदेश में भी जेडीयू को राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त है लेकिन अब 7 विधायकों में एक भी उसके साथ नहीं रहे। इससे राष्ट्रीय स्तर पर जेडीयू के विस्तार को भी झटका लगा है।
पीएम उम्मीदवारी पर नीतीश को सता रहा विरोध का डर
नीतीश कुमार अभी तक इशारों-इशारों में अपने राष्ट्रीय मंसूबों को जताने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें भलीभांति अंजादा है कि उन्हें विपक्ष का प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया जाता है, तो इसका विरोध हो सकता है। इसका संकेत कुछ दिन पहले ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पटना दौरे पर दे दिया था। जब एक पत्रकार ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की दावेदारी को लेकर केसीआर से सवाल पूछा तो केसीआर ने कहा कि अगर मैं किसी का नाम रखूंगा, तो कुछ लोग उस पर विरोध भी करेंगे।
नीतीश के राष्ट्रीय मंसूबों पर फिर सकता है पानी
तेलंगाना के सीएम केसीआर के संकेत ने नीतीश कुमर को मुश्किल में डाल दिया है। नीतीश बीजेपी को झटका देकर विपक्ष का दूल्हा बनने के सपने देख रहे हैं, लेकिन उनके राष्ट्रीय मंसूबों पर पानी फिर सकता है। जहां विपक्षी दलों में कई दावेदार हैं, वहीं बीजेपी बिहार में ही नीतीश को चैन से रहने नहीं देगी। राज्य के लगातार खराब होते हालात नीतीश के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में राज्य और राष्ट्रीय स्तर नीतीश को अपनी बेइज्जती का डर सता रहा है। इसलिए नीतीश कुमार फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। अपने पत्ते खोलने से पहले नीतीश अंदर ही अंदर अपनी पार्टी और विपक्षी दलों में सहमति बनाने और राष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रभाव का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं।