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पीएम मोदी के नेतृत्व में मुस्तैदी से कोरोना महामारी से लड़ रहा है भारत, कई छोटे-छोटे देशों में विकराल हो चुकी समस्या

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत कोरोना के खिलाफ जंग को मुस्तैदी के साथ लड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और सख्त फैसलों की वजह से ही 130 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में कोरोना वायरस अपने पैर नहीं पसार पा रहा है। कोरोना से जंग के मामले में आज भारत पूरी दुनिया के सामने मिसाल बनकर उभरा है। तमाम अंतर्राष्ट्रीय संगठन और ताकतवर देश भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की ओर देख रहे हैं साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

कोरोना संक्रमित शीर्ष 20 देशों में 16वें नंबर पर भारत
डब्ल्यूएचओ और जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के रिसोर्स सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे अधिक कोरोना प्रभावित 20 देशों में भारत 16वें नंबर पर है। शीर्ष 11 देशों में कोरोना के मरीज 50,000 से ज्यादा हैं। अमेरिका सबसे अधिक मरीजों और मौतों के साथ पहले नंबर पर है। फिर स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन हैं। कम जनसंख्या वाले स्विट्जरलैंड से भी भारत बेहतर स्थिति में है। इस रिपोर्ट के अनुसार सोमवार शाम तक स्विट्जरलैंड 15वें नंबर पर था, जहां कोरोना को दस्तक दिए 63 दिन हो गए और 29,061 संक्रमित थे, जबकि 1610 की जान जा चुकी है। वहीं भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में 89 दिन के भीतर 30 हजार से कम संक्रमण की पुष्टि हुई, करीब 850 मरीजों की मौत हुई है।

स्विटरलैंड से बेहतर स्थिति में भारत
आपको बता दें कि भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी, 2020 को आया था, जबकि स्विट्जरलैंड में 25 फरवरी, 2020 को यानि भारत में कोरोना की दस्तक के 26 दिन बाद मिला था। आज 86 लाख की आबादी वाला स्विट्जरलैंड 130 करोड़ की आबादी वाले भारत से अधिक प्रभावित है। आंकड़ों पर गौर करेंगे तो स्विट्जरलैंड में रोजाना औसतन 461 मरीज मिले और रोजाना औसतन 25 लोगों की मौत हुई। भारत में इस अनुसार रोजाना 313 मरीज मिले और रोजाना के हिसाब से नौ लोगों की मौत हुई।

तीन करोड़ की आबादी वाले पेरू में 27 हजार से अधिक मरीज
तीन करोड़ की आबादी वाले पेरू में कोरोना का पहला केस 6 मार्च, 2020 को दर्ज किया गया था। 53 दिन में वहां 27,517 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई, जो भारत से बस थोड़ा ही कम है। पेरू में 728 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसकी तुलना में 130 करोड़ आबादी वाले भारत की स्थिति बहुत ही अच्छी है।

एक करोड़ की आबादी वाले पुर्तगाल नें भारत से अधिक मौतें
ये प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों का ही नतीजा है कि भारत में कोरोना महामारी अपना रंग नहीं दिखा पाई। पुर्तगाल की जनंसख्या एक करोड़ है वहां भारत की तुलना में कम करीब 24 हजार मरीज हैं, लेकिन मौतें अधिक हैं। वहां 57 दिन पहले करोना का पहला केस मिला था और अब तक 903 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां प्रति दस लाख की आबादी पर 89 लोगों की मौत अब तक हुई है।

इक्वाडोर में 22 हजार संक्रमित, प्रतिदिन 33 की मौत
एक करोड़ 72 लाख आबादी वाले इक्वाडोर में कोरोना का पहला मामला 29 फरवरी, 2020 को दर्ज किया गया था। 59 दिन में वहां करीब 23 हजार लोग संक्रमित हैं और लगभग 600 लोगों की मौत हो चुकी है।

आइए एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत में किस प्रकार कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त की जा रही है।-

पीएम मोदी के संकल्प से सुधरने लगे हालात, कोरोना पर जीत के संकेत
वैश्विक महामारी कोरोना को हराने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प का असर दिखने लगा है। उनका संकल्प सिद्ध होने की ओर अपना कदम बढ़ा चुका है। देशवासियों की उम्मीद भी जगने लगी है। कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश में उत्पन्न हुए हालात में अब सुधार दिखने लगे हैं। कोरोना के संक्रमण के कारण हॉटस्पॉट बने देश के कई जिले अब गैर-हॉटस्पॉट जिले में बदलने लगे हैं। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कही है। रविवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थित ट्रॉमा सेंटर का मुआयना करके कोविड-19 मरीजों के लिए बन रहे अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ये बाते कहीं। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के कुछ मरीजों से बातचीत भी की।

बढ़ने लगी है गैर-हॉटस्पॉट जिलों की संख्या

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बीते 15 अप्रैल को सरकार ने देश के कुल 747 जिलों में 170 जिलों को कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए हॉटस्पॉट घोषित किया था तथा 207 जिलों को गैर-हॉटस्पॉट्। सरकार के जारी आंकड़े के मुताबिक देश के 300 जिले कोरोना मुक्त घोषित किया था। जबकि अब हालात सुधरने लगे हैं। न केवल हॉटस्पॉट जिले गैर-हॉटस्पॉट में बदलने लगे हैं, बल्कि 197 गैर-हॉटस्पॉट जिले ऐसे हैं जहां महज एक-दो मामले हैं। मालूम हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार उस जिले को हॉटस्पॉट घोषित किया जाता है जहां, कोविड-19 के मामले अधिक होते हैं या फिर वहां संक्रमण की दर बहुत तेजी से बढ़ी हो। जिन जिलों में अब तक नोवल कोरोना के संक्रमण को कोई भी मामला सामने नहीं आया है, उन्हें भी सामूहिक संक्रमण से निपटने की योजना पर काम करने की हिदायत दी गई है तब से देश में हॉटस्पॉट बढ़ने की रफ्तार थम गई है।


बीते 14 दिनों में 48 जिलों में नहीं दिखा कोई मामला

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 14 दिनों में लगभग 48 जिलों में कोई मामला नहीं देखा गया है जबकि बीते 21 दिनों में 31 जिलों में एक भी ताजा मामला नहीं देखा गया है। देश के 16 जिलों ऐसे हैं जहां पिछले 28 दिनों में एक नया मामला दर्ज नहीं किया है। बीते तीन दिनों में डबलिंग रेट खिसककर 10.5 पर पहुंच गई है जिससे साफ पता चलता है कि स्‍थ‍ित‍ि में तेजी से सुधार हो रहा है। बीते सात दिनों से देश के 66 जिलों में कोई भी नया केस नहीं दर्ज किया गया है।

बाकी दुनिया से देश की हालत बेहतर

इस अवसर पर देश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाकी दुनिया से देश में कोरोना संक्रमण की हालत फिर भी काफी संभली हुई है। विश्व में कोविड-19 से होने वाली मौतें सात फीसद हैं तो भारत में मृत्यु दर 3.1 फीसद ही है। अब तक देश में कोरोना संक्रमण से लगभग छह हजार कोरोना मरीजों को ठीक किया जा चुका है। इसीलिए यहां रिकवरी रेट 22 फीसद है, जोकि अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने होने की रफ्तार में भी सुधार आया है। पहले ऐसा तीन दिन में ही हो रहा था, जबकि अब इसमें 10.5 दिन लग रहे हैं।

भारत में शीघ्र खत्म होगा कोरोना का संक्रमण: स्टडी  

जब देश में 28 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमण के कारण बीमार हो और करीब 900 लोगों की मौत हो गई हो, ऐसे में इस महामारी संक्रमण के देश से जाने के बारे में जानने की उत्कंठा होगी ही। विशेषकर तब जब देश तीन मई 2020 तक संपूर्ण लॉकडाउन में फंसा हो। सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (SUTD) के रिसर्चर्स ने लोगों के इसी प्रश्न का जवाब तलाश कर लाया है। उनकी स्टडी से खुलासा हुआ है कि अब कोरोना में ज्यादा दिनों तक का मेहमान नहीं रहने वाला है।

सिंगापुर यूनिवर्सिटी की स्टडी में हुआ खुलासा

सिंगापुर स्थित सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (एसयूटीडी) के रिसर्चर्स ने दुनिया के उन 131 देशों के आंकडों का अध्ययन किया है जहां कोरोना वायरस का प्रभाव सबसे अधिक है। एसयूटीडी के रिसर्चर ने सक्सेप्टिबल इन्फेक्टेड रिकवर्ड एपिडेमिक मॉडल के सहयोग से यह आकलन किया है। इसी आकलन से खुलासा हुआ है कि पूरी दुनिया से 29 मई तक कोरोना वायरस का 97 प्रतिशत संक्रमण खत्म हो जाएगा, जबकि पूरी तरह निष्प्रभावी होने में यह पूरा साल लग जाएगा। यानि इसी साल के दिसंबर के दूसरे सप्ताह में यह पूरी तरह खत्म हो जाएगा। वहीं भारत में कोरोना वायरस का 97 प्रतिशत संक्रमण 21 मई तक खत्म हो जाएगा, जबकि जून के पहले सप्ताह में यह कोरोना वायरस पूरी तरह कोरोना निष्प्रभावी हो जाएगा।

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