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कोरोना मरीजों के लिए राहत की खबर, देसी कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू, अब तक नहीं दिखा कोई साइड इफेक्ट

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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। देश में पिछले कई महीनों से कोरोना वैक्सीन के विकास के लिए जारी प्रयास के सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं। कोरोना की पहली वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के संबंध में हरियाणा के रोहतक से अच्छी खबर आई। वहां पीजीआई में वॉलंटिअर्स के पहले ग्रुप को कोवैक्सीन की पहली डोज दी गई। हरियाणा के हेल्‍थ मिनिस्‍टर अनिल विज के मुताबिक, तीनों कैंडिडेट्स के शरीर ने वैक्‍सीन को आसानी से स्‍वीकार कर लिया। उनपर किसी तरह का कोई साइड इफेक्‍ट देखने को नहीं मिला है।

दो चरणों में होगा ह्यूमन ट्रायल

ह्यूमन ट्रायल के तहत 18 से 55 साल की उम्र वाले स्‍वस्‍थ लोगों को यह वैक्‍सीन दो डोज में दी जानी है। फेज 1 ट्रायल में दूसरी डोज 14वें दिन पर दी जाएगी। कुल 1,125 वॉलंटिअर्स पर स्‍टडी होनी है जिसमें से 375 पहले फेज में शामिल होंगे और 750 दूसरे फेज में। टेस्‍ट के बीच में 4:1 का रेशियो होगा। यानि अगर 4 मरीज को वैक्‍सीन दी जाएगी तो एक को सिर्फ देने का नाटक किया जाएगा। इसे साइकॉलजी में placebo कहते हैं।

14 रिसर्च इंस्‍टीट्यूट्स में हो रहा है ट्रायल

इस वैक्‍सीन का ट्रायल देश में अलग-अलग शहरों के 14 रिसर्च इंस्‍टीट्यूट्स में किया जा रहा है। इन शहरों में नई दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, विशाखापट्नम, पटना, कानपुर, गोरखपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और गोवा शामिल हैं। पटना एम्‍स में चार दिन पहले ट्रायल शुरू हो चुका है। शुरुआती डोज कम रहेगी। ट्रायल में यह देखा जाएगा कि वैक्‍सीन देने से किसी तरह का खतरा तो नहीं है, उसके साइड इफेक्‍ट्स क्‍या हैं। कोविड-19 के अलावा लिवर और फेफड़ों पर कैसा असर हो रहा है, यह भी जांच की जाएगी। इसीलिए पहले फेज को ‘सेफ्टी एंड स्‍क्रीनिंग’ कहा गया है।

ICMR की निगरानी में ह्यूमन ट्रायल  

ICMR ने उन्‍हीं इंस्‍टीट्यूट्स को चुना है जहां पर क्लिनिकल फार्माकॉलजी विंग है और ह्यूमन ट्रायल में एक्‍सपीरिएंस वाले हेल्‍थकेयर प्रोफेशनल्‍स हैं। ट्रायल में जल्‍दबाजी नहीं की जा सकती क्‍योंकि इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वैक्‍सीन इंसानों पर इस्‍तेमाल के लिए सुरक्षित है। ट्रायल की सारी डिटेल्‍स ICMR को भेजी जाएंगी। वहीं पर डेटा को एनलाइज किया जा रहा है।

वैक्सीन आने में लगेंगे 15 महीने

क्लिनिकल ट्रायल्‍स रजिस्‍ट्री पर मौजूद प्रोटोकॉल के अनुसार, पहले फेज में कम से कम एक महीना लगेगा। उससे मिले डेटा को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के सामने पेश करना होगा फिर अगले चरण की अनुमति मिलेगी। फेज 1 और 2 में कुल मिलाकर एक साल और तीन महीने का वक्‍त लग सकता है।
कितने में मिलेगी कोरोना वायरस की वैक्‍सीन?
भारत में जन्‍म पर बच्‍चों को कई तरह के टीके लगाए जाते हैं। बाजार में इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 6,000 रुपये तक है। मसलन रोटावायरस 2 का टीका 689 रुपये से लेकर 1,499 रुपये में मिलता है। कोरोना वैक्‍सीन के दाम क्‍या होंगे, यह अभी साफ नहीं है। महामारी का जैसा प्रकोप है, उसे देखते हुए अधिकतर सरकारें इसे नागरिकों को मुफ्त में लगाएंगी। दुनिया के सबसे बड़े वैक्‍सीन डेवलपर, सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदर पूनावाला के मुताबिक, उनकी वैक्‍सीन करीब 1,000 रुपये में मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि मगर सरकारें इसे लोगों को मुफ्त में देंगी।

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