कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पलटवार किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार यानि 19 अप्रैल, 2021 को अपने ट्विटर हैंडल से एक पत्र पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि इतिहास आपके लिए बेहतर होता यदि इस तरह का रचनात्मक सहयोग व कीमती सलाह पर आपकी पार्टी कांग्रेस ने काम किया होता। पत्र का जवाब देते हुए डॉक्टर हर्षवर्धन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के कई नेता सार्वजनिक तौर पर तो वैक्सीन की बुराई करते हैं लेकिन खुद चुपके से वैक्सीन लगवा लेते हैं।
History shall be kinder to you Dr Manmohan Singh ji if your offer of ‘constructive cooperation’ and valuable advice was followed by your @INCIndia leaders as well in such extraordinary times !
Here’s my reply to your letter to Hon’ble PM Sh @narendramodi ji ? @PMOIndia pic.twitter.com/IJcz3aL2mo
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 19, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारत ही एकमात्र विकासशील देश है जिसके पास कोरोना से लड़ाई में 2 वैक्सीन है और यह भारत के लिए गर्व का विषय है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने वैज्ञानिकों की प्रशंसा में एक शब्द तक नहीं कहा है। आप जहां वैक्सीनेशन का महत्व समझते हैं, लेकिन यह दुखद है कि आपकी पार्टी में प्रमुख पदों पर बैठे कुछ लोग और आपकी पार्टी की राज्य सरकारों के मुखिया आपके जैसा नजरिया नहीं रखते।
हर्षवर्धन ने कांग्रेस पर करारा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के कई सदस्यों और कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकारों ने वैक्सीन की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए और देश के नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया। कांग्रेस पार्टी के नेताओं के गैर जिम्मेदाराना बयानों की वजह से कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीकाकरण की दर राष्ट्रीय औसत से भी कम रही। ऐसा करने वाले राज्यों से जो कोरोना के मामले सामने आए हैं उनकी वजह से देश के कोरोना मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और ऐसे राज्यों में कोरोना टेस्टिंग के बाद पॉजिटिव होने की दर भी ज्यादा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा, ‘इस पत्र को आपके लिए तैयार करने वालों ने लगता है पूरी जानकारी नहीं दी। वैक्सीन विकसित करने में फंडिंग और अन्य रियायतों पर जो सुझाव आपने अब दिया है यह कदम पहले ही उठा लिया गया था।’ स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी लिखा कि सरकार द्वारा वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेकों संस्थाओं को वित्त पोषित किया गया है।
पत्र के अंत में स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कई गलतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने मनमोहन सिंह को संबोधित करते हुए लिखा,’आपने वैक्सीन के आयात को लेकर जो सलाह दी है वह कदम पहले ही उठा लिया गया। आपने यह सुझाव 18 अप्रैल को दिया जबकि 11 अप्रैल को ही विदेेशी प्राधिकरणों से इसके लिए मंजूरी मिल गई।’
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना हालात से लड़ने के लिए कुछ सलाह दी थी। उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है, ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय प्राधिकरण की ओर से यदि किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए। हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं। इस समय भारत में आपातकाल है। इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है।’