प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर धरती माता और समुद्र देवता की कृपा बरस रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा है। धरती माता और समुद्र देवता, दोनों मिलकर उनके सपने को साकार करने में पूरा योगदान दे रहे हैं। जहां धरती माता लिथियम का भंडार देकर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में क्रांति लाने का मार्ग प्रशस्त किया है, वहीं समुद्र देवता ने पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों के लिए कच्चे तेल का भंडार दे दिया है।आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से 30 किमी दूर गहरे समुद्र परियोजना से पहली बार तेल निकाला गया। इससे जहां गाड़ियों के ईंधन के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी, वहीं आयात में कमी से विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी।
दरअसल 8 जनवरी, 2024 को भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी मिली, जब केद्रीय पेट्रोलिय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने घोषणा कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर, कल पहली बार तेल निकाला गया। 2016 में इस पर काम शुरू हुआ था,हालांकि फिर कोविड के कारण कुछ देरी हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वहां 26 कुओं में से 4 कुएं पहले ही चालू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारे पास ना केवल बहुत कम समय में गैस होगी। इसके अलावा मई और जून तक हम प्रति दिन 45, 000 बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं। यह उत्पादन हमारे देश के कुल कच्चे तेल के उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारे गैस उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा।
#WATCH | Karnataka: Union Minister for Petroleum and Natural Gas, Hardeep Singh Puri announces new oil discovery in the country.
He says, “30 kilometres off the coast of Kakinada in the Krishna Godavari Basin, the first oil was extracted yesterday. Work started on this in… pic.twitter.com/gN5s6WsQ4D
— ANI (@ANI) January 8, 2024
ओएनजीसी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उसने 7 जनवरी को कृष्णा गोदावरी डीप-वाटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से पहली बार एफपीएओ के लिए तेल निकालना शुरू किया, जो परियोजना के चरण -2 के पूरा होने के करीब है। तेल और गैस उत्पादन के लिए चरण-3 पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में इसके समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमश:11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।
#ONGC commenced its ‘First Oil flow to FPSO’, from Krishna Godavari Deep-Water Block 98/2 (in Bay of Bengal) on 7 January 2024, nearing completion of Phase-2 of the project. Phase-3, leading to peak Oil and Gas production, is already underway and likely to be over in June 2024.… pic.twitter.com/7Aq5CSMHp3
— Oil and Natural Gas Corporation Limited (ONGC) (@ONGC_) January 8, 2024
भारत दुनियाभर में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। हालिया आंकड़ों के अनुसार देश हर साल अपनी जरूरत का करीब 84 प्रतिशत तेल आयात करता है। पिछले कुछ सालों में कच्चे तेल की जरूरत बढ़ने से आयात में इजाफा हुआ है। लेकिन अब आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट के पास से क्रूड ऑयल का उत्पादन शुरू होने से पहले के मुकाबले कम क्रूड ऑयल आयात करना पड़ेगा। घरेलू उत्पादन बढ़ने से पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमत में भी गिरावट आने की उम्मीद है।
मोदी सरकार कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन बढ़ने के साथ ही एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा दे रही है। भारत ने साल 2022-23 में पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है। आने वाले 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। यह टारगेट हासिल होने पर देश की तरफ से आयात किये जाने वाले क्रूड ऑयल में गिरावट आएगी। अभी भारत की तरफ से क्रूड ऑयल के आयात पर बड़ा हिस्सा खर्च किया जा रहा है। लेकिन अगले कुछ सालों में इसमें गिरावट आने की संभावना है। इससे देश के कदम पेट्रोलियम प्रोडक्ट में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ रहे हैं।