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फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’ में भगवान श्रीराम को बताया मांसाहारी! रामायण का आधा श्लोक बताया, आधा छुपाया!

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भारतीय दर्शन वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म समभाव की बात करता है। भारत सभी धर्मों को समान भाव से देखता है लेकिन यहां रहने वाले कुछ लोगों ने एक एजेंडा चला रखा है। और यह एजेंडा लंबे समय से चल रहा है जिससे भारतीय समाजिक ढांचे को कमजोर किया जा सके और उसे नष्ट किया जा सके। इसमें बॉलीवुड सबसे बड़ी भूमिका निभाता आया है और अब ओटीटी ने भी भारतीय समाज में धीमा जहर घोलना शुरू कर दिया है। ओटीटी में हिंदू विरोधी कंटेंट परोसने में नेटफ्लिक्स सबसे आगे है। अब इस ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’ में भगवान श्रीराम को ‘मांस खाने वाला’ बताया गया। इसे लेकर विरोध शुरू हुआ तब जाकर इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफार्म से हटाया गया। अब हिंदू समाज जागरूक हो रहा है और इन हिंदू विरोधी कंटेंट को लेकर अपना विरोध दर्ज करना शुरू किया है। पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर ‘बायकॉट बॉलीवुड’ ट्रेंड भी देखने को मिला जो कि लोगों की जागरूकता का ही नतीजा था। भारतीय समाज के मूल्यों को कायम रखने के लिए लोगों को आगे आना ही होना अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब परिवार का ताना-बाना टूटकर बिखर जाएगा।

फिल्म ‘अन्नपूर्णी’में लव जिहाद को बढ़ावा
नयनतारा की फिल्म ‘अन्नपूर्णी’ प्रभु राम का अपमान करती है और लव जिहाद को बढ़ावा देती है। इस तमिल फिल्म में एक हिंदू लड़की हिजाब पहनती है, नमाज पढ़ती है और फिर मास्टरशेफ शो में चिकन बिरयानी बनाती है। क्या यह धर्मांतरण को बढ़ावा देने का एक सूक्ष्म तरीका नहीं है? फिल्म को अब नेटफ्लिक्स से हटा दिया गया है। फिल्म निर्माता लगातार हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं।

फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’में भगवान श्रीराम को ‘मांस खाने वाला’ बताया गया
साउथ की मशहूर एक्ट्रेस नयनतारा की फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’ इन दिनों विवादों से घिरी हुई है। जबसे फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया है, तभी से इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं विवाद बढ़ता देख अब नेटफ्लिक्स ने नयनतारा की फिल्म को डिलीट कर दिया है। फिल्म में भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, जिस वजह से कई लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म में भगवान श्रीराम को ‘मांस खाने वाला’ बताया गया है, जिस वजह से ये मूवी लगातार कंट्रोवर्सी का हिस्सा बन गई। सोशल मीडिया पर लगातार नेटफ्लिक्स को बैन करने की मांग की जा रही है। वहीं विवाद बढ़ता देख नेटफ्लिक्स ने फौरन इस पर एक्शन लिया और हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म से हटाने का फैसला लिया।

मुंबई और जबलपुर में फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज
मुंबई और जबलपुर में फिल्म ‘अन्‍नपूर्णी’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। जबलपुर में फिल्म की पूरी स्टार कास्ट, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के खिलाफ एक हिंदूवादी संगठन ने FIR दर्ज कराई गई है। बताया गया है कि अन्नपूर्णी फिल्म में कई ऐसे दृश्य ऐसे हैं, जिसमें भगवान श्रीराम के खिलाफ अनर्गल टिप्पणियां करते हुए हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। इसके अलावा इसमें ये भी दिखाया गया है कि श्री राम भगवान वनवास के दौरान जानवरों को मार कर मांस खाते थे।

आधा श्लोक बताया, आधा छुपाया! राम को मांसाहारी बताया
फिल्म अन्नपूर्णी, द गॉडेस ऑफ फूड में अभिनेत्री नयनतारा और ऐक्टर जय संपत के बीच एक सीन है। उस सीन में जय संपत सीढ़ियां चढ़ते हुए नयनतारा को वाल्मीकि रामायण का एक श्लोक सुनाते हैं। वो कहते हैं कि

तौ तत्र हत्वा चतुरो महामृगान
आदाय मेध्यं त्वरिंत बुभुक्षितौ

जय संपत नयनतारा से कहते हैं- ”वाल्मीकि ने रामायण में कहा है कि जब वनवास में भूख लगी थी तब राम, लक्ष्मण और सीता ने जानवरों को मारकर पकाकर खाया था। रामायण में भी लिखा है कि उन्होंने नॉनवेज खाया था. रामजी तो विष्णु के ही अवतार हैं न।”

पूरा श्लोक पढ़ें तो कंद-मूल खाने की बात है
गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद्वाल्मीकिय रामायण के प्रथम खंड के अयोध्याकांड के 52वें सर्ग का आखिरी श्लोक यानी कि श्लोक संख्या 102 में लिखा है-

तौ तत्र हत्वा चतुरो महामृगान्
वराहमृश्यं पृषतं महारुरुम्।
आदाय मेध्यं त्वरिंत बुभुक्षितौ
वासाय काले ययतुर्वनस्पतिम्।।

गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित श्रीमद्वालमीकीय रामायण में इस श्लोक का हिंदी में जो अनुवाद लिखा है, उसे शब्दश: दिया जा रहा है। अनुवाद में लिखा है- ”वहां उन दोनों भाइयों ने मृगया-विनोद के लिए वराह, ऋष्य, पृषत् और महारुरु, इन चार महामृगों पर बाणों का प्रहार किया। तत्पश्चात जब उन्हें भूख लगी, तब पवित्र कंद-मूल आदि लेकर सायंकाल के समय ठहरने के लिए (वे सीताजी के साथ) एक वृक्ष के नीचे चले गए।”

नेटफ्लिक्स हिंदू विरोधी, भारत विरोधी कंटेट की भरमार
नेटफ्लिक्स को 2020 में हिंदू विरोधी कंटेट को लेकर चेतावनी दी गई थी। नेटफ्लिक्स का भारत में काफी असर है और युवा पीढ़ी इसे बेहद पसंद करती है। सच्चाई यह है कि भारत दुनिया के उन देशों में एक है, जहां नेटफ्लिक्स पर लोग सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। कहा गया है कि ताकत के साथ जिम्मेदारी भी बढ़ती है, लेकिन नेटफ्लिक्स अपनी जिम्मेदारी को नकार रहा है। जबकि इतने बड़े ऑडियंस से जुड़े होने के कारण उसे कंटेंट की स्ट्रीमिंग में सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर जो कंटेंट मौजूद है, उसका बड़ा हिस्सा नवजवानों को बरगलाने वाला और उन्हें अपनी संस्कृति से दूर करने वाला है। इस पर मौजूद ज्यादातर सामग्री हिंदू विरोधी, भारत विरोधी और भारतीय सेना विरोधी है। इसे कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता।

हिंदू विरोधी कंटेंट पर वीएचपी ने नेटफ्लिक्स को दी कानूनी कार्यवाही की चेतावनी
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने ‘हिंदू विरोधी’ कंटेंट दिखाने को लेकर नेटफ्लिक्स को 2020 में चिट्ठी लिखकर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने और आंदोलन की चेतावनी दी थी। VHP ने अपने पत्र में उन 5 शो का जिक्र किया था, जिसमें हिंदू धर्म को गलत ढंग से पेश किया गया। VHP ने कहा है कि लीला, घोल, चिप्पा, सेक्रेड गेम्स, कृष्ण और उनकी लीला जैसे शो में हिंदू धर्म पर सीधा हमला किया जा रहा। विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कुछ शो में हिंदू देवी, देवताओं और हिंदू धर्म को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

बॉम्बे बेग्म्स से लीला तक हिंदुओं और भारत को बदनाम करने का काम
नेटफ्लिक्स का जो कंटेंट है, वह हद से अधिक हिन्दू-घृणा से भरा हुआ है। बार बार हिन्दुओं के विरुद्ध शो दिखाना नेटफ्लिक्स की फितरत है। बॉम्बे बेग्म्स में केवल अश्लीलता को परोसा गया था। लस्ट स्टोरीज में भारतीय महिलाओं की जो कामुक असंतुष्ट छवि प्रस्तुत की गयी थी। अ स्युटेबल बॉय, जो विक्रम सेठ द्वारा लिखी गयी प्रेम कहानी है और यह एक हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़के के बीच प्रेम कहानी है, फिर भी मीरा नायर ने मंदिर में जाकर एक चुम्बन का दृश्य रचा था। इस हिंदुओं की भावनाओं को जानबूझकर आहत किया गया। लीला नामक सीरीज में आर्यावर्त को बदनाम किया गया था। गुंजन सक्सेना पर बनी फिल्म में सेना को ही जैसे कठघरे में खड़ा कर दिया था, कहानी को तोड़ मरोड़ दिया था। पगलैट फिल्म पूरी तरह से हिन्दुओं की परम्पराओं के विरोध में थी।

नेटफ्लिक्स के स्टॉक वर्ष 2022 में 22 प्रतिशत तक गिर गए
हिंदू विरोधी कंटेंट प्रस्तुत करने वाला नेटफ्लिक्स भी इस बात का रोना रो रहा है कि उसे नुकसान हो रहा है। नेटफ्लिक्स के स्टॉक वर्ष 2022 की शुरुआत में 22 प्रतिशत तक गिर गए और सीईइओ और उसके सहसंस्थापक का कहना है कि भारत में सफलता न मिलने से उन्हें निराशा है। यह हिंदुओं के जागरूक होने को दर्शाता और हिंदू विरोधी कंटेंट के नकारने को दर्शाता है। लेकिन जिस तरह भारतीय समाज पर हमले हो रहे हैं इसकी गति और तेज करने की जरूरत है।

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