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ग्लोबल हंगर इंडेक्सः जो देश भारत से अनाज मांगकर अपने लोगों का पेट भर रहे हैं वे भी भारत से अच्छे, लोग पूछ रहे- ये फर्जी इंडेक्स बनाता कौन है?

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की 121 देशों की सूची में भारत 6 स्थान फिसलकर 107वें नंबर पर पहुंच गया है। इस सूची में भारत को अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका , बांग्लादेश, नेपाल व म्यांमार से भी खराब स्थिति में बताया गया है। दक्षिण एशियाई देशों में भारत की स्थिति केवल अफगानिस्तान से थोड़ी बेहतर बताई गई है। ग्लोबल इंडेक्स में पाकिस्तान 99वें, श्रीलंका 64वें, बांग्लादेश 84वें, नेपाल 81वें व म्यांमार 71वें स्थान पर है। अभी जो ग्‍लोबल हंगर इंडेक्‍स आया है, उसे दो यूरोपियन एनजीओ Concern Worldwide और Welthungerhilfe ने मिलकर जारी किया है। अब आप समझिए अमेरिका से लेकर यूरोपीय देश पीएम नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ किन-किन तरीकों से साजिश रच रही हैं। जो देश भारत से अनाज मांगकर अपने लोगों का पेट भर रहे हैं वे भी इस सूची में भारत से अच्छे बताए गए हैं। एक तरफ IMF कह रहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा वहीं हंगर इंडेक्स में भारत पिछड़ता जा रहा है। 

ग्लोबल हैप्पीनेस इंडेक्स, ग्लोबल हंगर इंडेक्स, ग्लोबल फ्रीडम इंडेक्स, ये सभी फर्जी इंडेक्स बनाए जाते हैं जिससे भारत को कमजोर किया जा सके। पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह भारत मजबूत हो रहा है वह अमेरिका और यूरोपीय देशों को पच नहीं रहा है। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा से लेकर कई क्षेत्रों में भारत स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है और इससे पश्चिम के देशों से जो सामान आयात किया जाता था उस पर अब लगाम लग गई है। यही वजह है कि यूरोपीय देश भारत और पीएम मोदी की नाकारात्मक छवि बनाने में जुटे हुए हैं। यह इंडेक्स इस रणनीति के तहत भी बनाए जाते हैं जिससे भारत के विपक्षी दल, लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम, खान मार्केट गैंग को मोदी सरकार पर हमला करने का एक टूल भी मिल जाए।

इस फर्जी इंडेक्स पर सोशल मीडिया पर लोग क्या कह रहे हैं, आप भी देखिए-

एक टि्वटर यूजर ने लिखा- इंडेक्स – वो इंडेक्स, फलाना इंडेक्स – ढिमका इंडेक्स, Bla Bla Bla!! इन फर्जी Rankings को कौन बनाता है… जिनको राहुल गांधी Propegenda फैलाकर देश की जनता को असलियत से अलग झूठ दिखाता है। एक अन्य यूजर ने लिखा- ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत और नीचे गिरकर 107 वें रैंक पर आ गया है। लेकिन क्या हम इन आंकड़ों पर विश्वास कर सकते हैं? ये सर्वे करवा चौथ के एकदम बाद आया है और सबको पता है कि करवा चौथ को हमारी आधी से ज्यादा आबादी भूखी होती है। इस सर्वे की टाइमिंग एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है। एक अन्य यूजर ने लिखा- श्रीलंका हमारे दिए अनाज पर जीवित है, अफगानिस्तान को गेंहू हम दे रहे हैं….फिर भी छाती कूटी जा रही है कि हाय हाय भारत हंगर इंडेक्स में कितना नीचे पहुंच गया!!

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