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प्रधानमंत्री मोदी की अपील का असर, जूना अखाड़ा की तरफ से कुंभ के विधिवत समापन की घोषणा

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देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और कई साधु-संतों के इसकी चपेट में आने से चिंतित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिद्वार कुंभ को प्रतीकात्मक बनाने की अपील थी। प्रधानमंत्री मोदी की इस अपील का व्यापक असर हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद शनिवार शाम आर्चाय महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने जूना अखाड़ा की तरफ से कुंभ के समापन की घोषणा कर दी। उधर अन्य अखाड़ों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर कुंभ के जल्द विधिवत समापन के प्रयास किए जा रहे हैं।  

अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट कर कहा कि भारत की जनता और उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुंभ के आवाहित सभी देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है।

जूना अखाड़ा की ओर से कहा गया है कि अखाड़े की शनिवार दोपहर 3 बजे एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों और साधु संतों ने गहन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया कि कोरोना महामारी को देखते हुए जनहित का ध्यान में रखना जरूरी है। जिन देवाओं का आह्वान किया गया है, उन सभी को विसर्जन करते हुए सभी उत्तराखंड के तीर्थों और सिद्धपीठों से प्रार्थना की जाती है और कुंभ मेला हरिद्वार 2021 का विसर्जन करते हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार सुबह फोन पर आर्चाय महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से बातचीत कर संतों का हालचाल जाना था। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक और ट्वीट में कहा, “मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।”

गौरतलब है कि जूना अखाड़ा से पहले निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा भी कुंभ मेला समाप्ति का ऐलान कर चुके हैं। दूसरी तरफ खबर है कि बीजेपी नेता और उत्तराखंड की सरकार बाकि अखाड़ों के प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह खुद ही शाही स्नान स्थगित कर कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दें या फिर स्नान के लिए जब उनके अखाड़े आएं भी तो साधु कुछ ही संख्या में आएं।

हरिद्वार के अलग-अलग अखाडों के कई साधु-संत भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिनमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाडे के महंत नरेंद्र गिरि भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश से आए निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना की वजह से 13 अप्रैल को मौत हो चुकी है। 5 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक कुंभ मेला क्षेत्र में 68 साधु-संत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

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