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तेलंगाना में भी कांग्रेस ने जनता को दिया धोखा, अब कह रहे- 6 गारंटी तभी पूरी होगी जब लोकसभा की सभी सीटें जनता जिताएगी

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हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तरह ही झूठी गारंटी पर तेलंगाना में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने जनता के साथ एक फिर धोखा किया है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के बाद कांग्रेस ने तेलंगाना में जनता से छह गारंटी का वादा किया था। कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि सरकार बनने के 100 दिन के भीतर सभी गारंटी पूरी की जाएगी। लेकिन अभी महिलाओं को बस में फ्री यात्रा के अलावा कोई गारंटी पूरी नहीं की गई है। तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा तक ने जोर-शोर से कांग्रेस की गारंटी का एलान किया था। एक तरफ जहां इन गारंटियों को पूरा करने के लिए फंड की कमी है वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने जनता को धोखा देते हुए एक नापाक चाल चली है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य की सभी 17 सीटों पर जिताएं वर्ना मुफ्त की गारंटी नहीं मिल पाएगी। कांग्रेस पार्टी ने इसी तरह हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के बाद कहा था संसाधन होने पर वादे पूरे किए जाएंगे। कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बनाते ही कहा कि गारंटी पूरी करने के लिए पांच साल विकास कार्य नहीं हो सकेंगे।

लोकसभा चुनाव में जिताएं तभी गारंटी पूरी होगी
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के लिए तेलंगाना में अपने वादों को पूरा करने के लिए सभी 17 लोकसभा सीटें जीतना महत्वपूर्ण है। इसी तरह कांग्रेस विधायक एचसी बालाकृष्णा ने कहा कि लोग लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिताएं तो हम गारंटी पूरा करेंगे अन्यथा हम गारंटी को बंद कर देंगे। यानि हिमाचल और कर्नाटक की तरह तेलंगाना में भी कांग्रेस ने जनता धोखा दिया है। मुफ्त की रेवड़ी के लालच में आकर कांग्रेस को वोट देने

तेलंगाना में गारंटी पूरा करने के लिए चाहिए 68,652 करोड़ रुपये
तेलंगाना में कांग्रेस ने अब तक सबसे बड़ी मुफ्त की रेवड़ी का एलान किया था। इस पर अतिरिक्त 68,652 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। किसानों के दो लाख लोन माफी पर 19,191 करोड़, फ्री बिजली पर 2500 करोड़, 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने पर 3.199 करोड़, गरीबों के आवास पर 9,202 करोड़, दलित बंधु पर 40,000 करोड़, महिलाओं को प्रतिमाह 2500 पर 24,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

तेलंगाना के लिए कांग्रेस की 6 गारंटी

1. महालक्ष्मी योजना: महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा
2. रायथु भरोसा: किसानों को हर साल 15,000 रुपए, खेतिहर मजदूरों को 12,000 रुपए, धान पर 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस
3. गृह ज्योति योजना: 200 यूनिट बिजली मुफ्त 4. इंदिरा अम्मा इंदलू: घर बनाने के लिए 5 लाख रुपए की सहायता
5. चेयुथा: वरिष्ठ नागरिकों को 4,000 रुपए पेंशन, राजीव आरोग्यश्री में 10 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा
6. युवा विकासम: छात्रों को पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपए की मदद

छह गारंटी को पूरा करने के लिए फंड की कमी
कांग्रेस पार्टी की छह गारंटी और चुनावी वादों को पूरा करने में फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। वादों में किसानों को 2 लाख की ऋण माफी, आरटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, महिलाओं को वित्तीय सहायता, रायथु भरोसा के तहत 16,000 प्रति एकड़, 500 पर गैस सिलेंडर की आपूर्ति और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली शामिल है। इन योजनाओं को लागू करने के लिए मौजूदा बजट के अलावा 1.2 लाख करोड़ सालाना खर्च की जरूरत होगी। राज्य सरकार को अधिक उधार का सहारा लेना पड़ सकता है, क्योंकि वह पहले ही अपनी वित्तीय सीमा तक पहुंच चुकी है।

कांग्रेस पार्टी ने झूठ की गारंटी देकर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की जनता भी ठगा है।

संसाधन बढ़ने पर महिलाओं को 1500 रुपये देंगेः सुखविंदर सुक्खू
कांग्रेस पार्टी ने इसी तरह हिमाचल प्रदेश की जनता को भी ठगा है। पहले गारंटी देकर लोगों को भरोसे में लिया और जब सरकार बन गई तो लोगों को पांच साल इंतजार करने के लिए कहा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा, “हम जनता की उम्मीदों और किए गए वादों को पूरा करेंगे। हम इसे पहली कैबिनेट बैठक में करेंगे। कर्मचारियों के लिए ओ.पी.एस., महिलाओं के लिए 1500 रुपये, एक लाख नौकरियां, प्रियंका गांधी जी ने जो घोषणाएं की हैं, ये सब लागू हो जाएगा।” वहीं एक अन्य वीडियो में सीएम सुक्खू ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा, “हमने वादा किया था, इसलिए हमें व्यवस्था करनी होगी। वर्तमान में, हम 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी पुरुषों और महिलाओं को 1500 रुपये दे रहे हैं। अब, हमें करना होगा।” 18 से 60 साल की महिलाओं को दें और हम उस दिशा में सोच रहे हैं। हमने एक महीने में इसे पूरा करने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल के लिए वादा किया है और हमारी गारंटी योजना पांच साल के लिए है। हमारे संसाधन बढ़ रहे हैं और फिर हम उन्हें 1500 रुपये दे सकते हैं।”

सुक्खू ने कहा- हमारी गारंटी योजना पांच साल की
चुनाव से पहले कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना, 1 लाख नौकरियां, महिलाओं को 1,500 रुपये देने का जो वादा किया गया है उसे हम लागू करेंगे। सरकार बन जाने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”हमने कोई एक महीने का वादा नहीं किया है। हमने पांच साल का वादा किया है। हमारी गारंटी योजना पांच साल की है। संसाधन बढ़ने पर ही 18 से 60 साल की महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे।”

कर्नाटक सरकार ने कहा- विकास के लिए पैसा नहीं
कांग्रेस ने इसी तरह कर्नाटक की जनता को ठगा। कांग्रेस की सरकार बनते ही कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य भर के विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान धन के आवंटन से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी चुनाव से पहले दी गई पांच गारंटियों को लागू करना है। कर्नाटक सरकार ने कहा कि कांग्रेस की पांच गारंटी को पूरा करने के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं, इसीलिए अब विकास के लिए पैसा नहीं है।

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार कोई भी विकास योजना नहीं चला सकेगी
अंग्रेजी अखबार ‘डेक्कन हेराल्ड’ के मुताबिक कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि इस साल कांग्रेस की सरकार कर्नाटक में कोई भी विकास योजना नहीं चला सकेगी। शिवकुमार से कांग्रेस के विधायकों की उन शिकायतों के बारे में पूछा गया था, जिनमें उन्होंने सरकार को चिट्ठी लिखकर विकास के काम के लिए धन न दिए जाने की बात कही थी। डीके शिवकुमार ने कहा कि 5 मुफ्त वादों को पूरा करने के लिए कर्नाटक सरकार ने इस साल 40000 करोड़ रुपए रखे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि सिंचाई और निर्माण के कामों के लिए भी इस साल पैसा नहीं दे सकेंगे। शिवकुमार ने कहा कि हम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अपने विधायकों को इस बारे में बताएंगे।

कांग्रेसी विधायकों ने कहा- लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे
डीके शिवकुमार का यह बयान 11 कांग्रेसी विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे एक पत्र के वायरल होने के ठीक एक दिन बाद आया है। दरअसल, 25 जुलाई 2023 को एक पत्र में इन विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करने के लिए धन का आवंटन न होने की बात पर नाराजगी व्यक्त की थी। कांग्रेस विधायकों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर उन्हें काम में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि वे कोई काम नहीं कर पा रहे हैं। लोगों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि मंत्री सहयोग नहीं कर रहे हैं। विधायकों ने कहा कि हम लोगों की अपेक्षाओं के अनुसार काम करने में असमर्थ हैं।

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