भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन कर इतिहास रचने जा रहे हैं। ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऋषि सुनक को बधाई दी और कहा कि वह वैश्विक मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने तथा रोडमैप 2030 को लागू करने को लेकर उत्सुक हैं। वहीं सुनक के प्रधानमंत्री बनने से विपक्षी नेता भी खुश नजर आ रहे हैं। पी चिदंबरम, शशि थरूर और महुआ मोइत्रा जैसे तथाकथित सेक्युलर नेताओं का मुस्लिम प्रेम उमड़ आया है। अब वे भारतीय लोकतंत्र और जनता को पाठ पढ़ाने लगे हैं। उन्होंने ब्रिटेन से सीखने की सलाह देते हुए उम्मीद जताई कि भारत इस घटनाक्रम से सीख लेगा और अल्पसंख्यकों में से किसी को एक दिन शीर्ष पद पर चुने जाने की परंपरा को अपनाएगा। वहीं सोशल मीडिया पर लोगों ने इनको भारत का आईना दिखाने की कोशिश की है।
पी चिदंबरम ने अलापा बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यकवाद का राग
ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री रहे सुनक एक धर्मनिष्ठ हिंदू हैं और अब वह लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश करने वाले हैं, जो कि प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास-सह-कार्यालय है। ब्रिटेन में इस ऐतिहासिक बदलाव को भारत का सेक्युलर और लिबरल गैंग अल्पसंख्यकवाद के चश्मे से देख रहा है। कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा कि पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाले दलों को एक सबक सीखना चाहिए।
First Kamala Harris, now Rishi Sunak
The people of the U.S. and the U.K have embraced the non-majority citizens of their countries and elected them to high office in government
I think there is a lesson to learned by India and the parties that practise majoritarianism
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 24, 2022
शशि थरूर का भी छलका मुस्लिम प्रेम
कांग्रेस सांसद थरूर ने एक ट्वीट में कहा, “अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन कर ब्रिटेनवासियों ने दुनिया में बहुत दुर्लभ काम किया है। हम भारतीय सुनक की इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तो आइए ईमानदारी से पूछें कि क्या यहां यह हो सकता है?”
If this does happen, I think all of us will have to acknowledge that theBrits have done something very rare in the world,to place a member of a visible minority in the most powerful office. As we Indians celebrate the ascent of @RishiSunak, let’s honestly ask: can it happen here? https://t.co/UrDg1Nngfv
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 24, 2022
मुस्लिम तुष्टिकरण में पीछ नहीं रही महुआ मोइत्रा
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि एक ब्रिटिश एशियाई को शीर्ष पद पर चुनने के लिए मुझे ब्रिटेन पर गर्व है, जो मेरा दूसरा पसंदीदा देश है। उन्होंने कहा, भारत अधिक सहिष्णु हो और सभी धर्मों, सभी पृष्ठभूमियों को अधिक स्वीकार करे। दिवाली पर सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुने गये ऋषि सुनक भारतीय मूल के पहले व्यक्ति के रूप में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचेंगे। पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने के बाद सुनक के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
बीजेपी की सरकारों ने डॉ. कलाम और द्रौपदी मुर्मू को बनाया राष्ट्रपति
कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों का मुस्लिम प्रेम जग जाहिर है। लेकिन जिस तरह उन्होंने बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यकवाद में बांटने की कोशिश की है, वो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मतदाताओं का अपमान है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबको उचित प्रतिनिधत्व मिला है। लेकिन ये सेक्युलर नेता मुस्लिम प्रेम में इतने अंधे हो चुके हैं, कि इन्हें भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती दिखाई नहीं देती है। ये लोग बीजेपी पर सांप्रदायिक पार्टी होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन इसी पार्टी की अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली सरकार ने ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम को भारत का राष्ट्रपति बनाया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी की सरकार भी ‘सबका साथ और सबका विकास’ को प्रदर्शित करते हुए पहली बार आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया। फिर भी तथाकथित सेक्युलर और लिबरल भारत को दूसरे देशों से सीखने की सलाह दे रहे हैं।
डॉ कलाम को मुस्लिम और डॉ. मनमोहन सिंह को सिख नहीं मानता सेक्युलर और लिबरल गैंग
इन तथाकथित सेक्युलरों की सलाह से लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इन्हें भारत का आईना दिखाने की कोशिश की है। लोगों ने आरोप लगाया है कि कट्टरपंथी और पाकिस्तानी सोच वाले ये सेक्युलर और लिबरल पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम को मुस्लिम नहीं मानते और खालिस्तानी डॉ मनमोहन सिंह को सिख नहीं मानते। शशि थरूर जैसे लोग भी कट्टरपंथी और खालिस्तानी मानसिकता से ग्रस्त हैं।
अब तक तो पता था कि कट्टरपंथी और पाकिस्तानी सोच के मुस्लिम डॉ कलाम को मुस्लिम नहीं मानते और खालिस्तानी डॉ मनमोहन सिंह को सिख नहीं मानते।
अब देख रहा हूं कि शशि थरूर जैसे लोग भी कट्टरपंथी और खालिस्तानी मानसिकता से ग्रस्त हैं। https://t.co/9c2SrzUV8S— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 25, 2022
पी चिदंबरम, शशि थरूर के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर #MuslimPM हैशटैग ट्रेंड करने लगा। आइए देखते हैं, सोशिल मीडिया पर किस तरह लोग इन सेक्युलर और लिबरल गैंग को भारत के सिख प्रधानमंत्री और मुस्लिम राष्ट्रपतियों की याद दिलाकर क्लास लगा रहे हैं…
India has had 3 elected Muslim and one Sikh Presidents who served as Head of State.
India has had a Sikh PM who served as Head of Govt for 10 years.
India has had numerous ‘non-majority’ citizens in high office.
If you do not acknowledge them, it’s your problem. Not India’s. https://t.co/xe4hpOVO6w— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 24, 2022
To those demanding a Muslim PM for India, I ask
1) Did Muslim majority Kashmir ever have a Hindu CM?
2) Did Sikh majority Punjab ever have a Hindu CM?
3)Did Christian majority Meghalaya, Nagaland & Mizoram ever have a Hindu CM?
Why is Indian secularism sole burden of Hindus?
— Mr.B (@BharadwajAgain) October 25, 2022
#MuslimPM
Those who support this agenda ,than i remind you, in this time they are not in power but still a problem of india,are Cancer of india, and they expect a muslim govt. ?, Than india will become another islamic country like afganistan, pakistan Iran, irak Bangladesh— Kaniska Maity (@kaniska_maity) October 25, 2022
Dekh le #BB16 #RishiSunak
How liberals and Secular try to make India Secular on Muslim PM
Can you imagine Hindu PM in Pakistan NAI NA
PM Of India Manmohan Singh is a Sikhs Minority in Sonia Gandhi’s times #Hindu #HappyDiwali #RishiSunakPM #INDvPAK
And they stand for ? pic.twitter.com/dPS6uhHBxa— Mamta Banjara (@MamtaBanjara1) October 25, 2022
पहली बात तो यह है कि ब्रिटेन ने ऋषि सुनक को उनकी काबिलियत पर उन्हें pm चुना है ना कि उनके अल्पसंख्यक होने के कारण।
और जो मुस्लिम प्रधानमंत्री की मांग कर रहे है उन्हें याद होना चाहिए कि अब्दुल कलाम अपनी काबिलियत के कारण भारत के सर्वोच्च पद पर रह चुके है#MuslimPM #RishiSunak— सचिन दवे (@Sachin76257626) October 25, 2022
#MuslimPM की बात की जा रही है
मेरे हिसाब से फिरोज खान का पुत्र पहले ही मुस्लिम pm बन चुका है
लेकिन उसने अपना सरनेम गांधी लगा लिया
ओर अपने मजहब से गद्दारी की केवल pm बनने के लिएओर यही राहुल गांधी भी कर रहा है
फिरोज खान की औलाद गांधी बनकर रह रही है
???#HinduPM— भारतीय (राणा का वंसज) (@realindian_rj) October 25, 2022
#MuslimPM #Muslim
75 सालों तक जम्मू कश्मीर को अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री ना दे सकने वाले आज अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री के सपने देख रहे हैं…..!@INCIndia @PChidambaram_IN @epanchjanya @Prof_jkc @MehboobaMufti— देश दीपक सिंह (@DeshDeepak2105) October 25, 2022
एक मुस्लिम गृह मंत्री देश ने झेला था, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर से लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों (हिंदुओं) का कत्लेआम हुआ, बहू-बेटियों की इज्जत सरेआम लूटी गई। चल-अचल संपत्ति से बेदखल किया गया। बलात्कार से भी मन न भरा तो आरी से काटा। अब सपना देखना बंद करो। #MuslimPM #Hinduism
— Haresh Kumar (@HareshK04248354) October 25, 2022
For those want Muslim PM in India, remember we already had Muslim PMs before, Indira and Rajiv…
Indira married to Firoz Khan and then got converted.
Also Being son of Muslim, Rajiv is also Muslim by default..
Case closed…
@RishiSunak Congrats#MuslimPM #JaiHind— Anant Gawade (@Veermaratha1947) October 25, 2022
केवल मुस्लिम ही क्यों……..
जैन, सिख, पारसी और यहूदी भी भारत में अल्पसंख्यक हैं, निश्चिंत रहें, उपरोक्त अल्पसंख्यकों में से कोई निश्चित रूप से भविष्य में भारत का प्रधान मंत्री बनेगा। और हम उसे पूरे दिल से गले लगाएंगे#arfa #MuslimPM #indianPM— Shilpi Dubey (@DubeysShilpi) October 25, 2022