प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था जिस तेजी से विकास कर रही है आज पूरी दुनिया उसकी मुरीद हो गई है। विश्व बैंक से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) तक ने भारत की विकास गाथा की सराहना की है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आज दुनियाभर के अंतरराष्ट्रीय संगठन, अर्थशास्त्री, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ भारत की आर्थिक तरक्की का लोहा मान रहे हैं। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज 25-26 फरवरी को दो दिवसीय भारत दौरे पर आए तो उनके साथ जर्मनी की प्रमुख कंपनियों के सीईओ भी आए। जर्मन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में निवेश, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और कारोबार के नये अवसरों पर भी चर्चा की। यह सभी विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों से जुड़ी प्रमुख जर्मन कंपनियों से थे। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इन सीईओ ने कहा कि भारत आर्थिक विकास की नई उड़ान भर रहा है। आज दुनिया को मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम की जरूरत है।
'We know that India is going to grow in the next few years and it's the right time to invest here. The world needs a program like #MakeinIndia' says Rolf Habben Jansen, CEO of Hapag-Lloyd@PMOIndia @narendramodi@makeinindia @MEAIndia pic.twitter.com/7CDq6EvHLE
— DD News (@DDNewslive) February 25, 2023
20 साल में भारत बहुत आगे होगाः सीईओ रोल्फ हेबन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद जर्मन कंपनी हापाग लॉयड के सीईओ रोल्फ हेबन ने कहा कि दुनिया को मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम चाहिए, और इससे हुए उत्पादन को निर्यात करने वाले भी। बुनियादी ढांचे में अच्छा विकास इसमें मदद करेगा। हम जानते हैं कि अगले 20 साल में भारत बहुत आगे बढ़ने वाला है।
'We see real potential in India, DHL has been working in India for more than 45 years. India is a good market for us & we see the momentum here', says Dr Tobias Meyer, CEO of Deutsche Post DHL Group@PMOIndia @MEAIndia pic.twitter.com/0PD4baAXrD
— DD News (@DDNewslive) February 25, 2023
भारत में वास्तविक संभावनाएं दिख रहींः सीईओ डॉ. टोबियस मेयर
डॉयचे पोस्ट डीएचएल समूह के सीईओ डॉ. टोबियस मेयर ने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे के विकास-बीज डाले जा रहे हैं, उनकी फसल जल्द तैयार होगी। हम यहां वास्तविक संभावनाएं और चीजें आगे बढ़ते देख रहे हैं।
भारत में टिकाऊ काम की व्यापक संभावनाएंः सीईओ क्रिश्चियन क्लीन
एसएसपी के सीईओ क्रिश्चियन क्लीन ने कहा कि भारत में हम हजारों स्टार्ट-अप के साथ काम कर रहे हैं। यहां टिकाऊ तरीके से काम करने की ऊंची संभावनाएं हैं। हम यहां अपना निवेश दोगुना करने जा रहे हैं।
भारत उत्पादन की दुनिया में अव्वल बनेगाः सीईओ क्लेमेंस रेथमन
रेथमन कंपनी के सीईओ क्लेमेंस रेथमन ने कहा कि भारत आकर आपको यहां की संस्कृति को स्वीकार करना होता है। इस महान और सुंदर देश में आकर आप ऐसा नहीं कह सकते कि हम जैसा चाहते हैं, उन्हें वैसा व्यवहार करना होगा। रेथमैन ने कहा कि भारत में कौशल और प्रतिभा है। इन संसाधनों का उपयोग करना सौभाग्य है और भारत उत्पादन की दुनिया में बड़ा हो जाएगा। रेथमैन ने कहा कि यहां आपको कार्यबल मिलता है। जबकि जर्मनी में कार्यबल की कमी है। आपके पास इतने सारे बुद्धिमान युवा हैं, जो कुछ करना चाहते हैं।
“India at forefront of leading nations with increased self-confidence”: TUV NORD Chairman Dirk Stenkamp after meeting PM Modihttps://t.co/Gz83GRkTCR pic.twitter.com/7vbSxkeiuc
— narendramodi_in (@narendramodi_in) February 26, 2023
भारत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने वाले देशों में सबसे आगेः सीईओ डर्क स्टीनकैंप
टीयूवी नॉर्ड के सीईओ डर्क स्टीनकैंप ने कहा कि मैं शुरू से मेक इन इंडिया के बारे में जानता हूं। इसी वजह से कई जर्मन कंपनियों को भारत आकर उत्पादन करने में सहयोग दे रहा हूं। डर्क स्टेनकैंप ने कहा कि भारत बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने वाले देशों में सबसे आगे है। इंडिया आज उस मुकाम पर है, जहां से वह आर्थिक विकास की एक नई उड़ान भर सकता है। स्टेनकैंप ने कहा कि ‘मैं शुरू से ही मेक इन इंडिया पहल के बारे में जानता हूं और हम भारत आने और भारत में उत्पादन शुरू करने के लिए कई जर्मन कंपनियों का समर्थन कर रहे हैं। भारत में मेक इन इंडिया का हिस्सा बनने के लिए जर्मन मित्तलस्टैंड में एक पहल चल रही है। इसके साथ ही कई छोटे और मध्यम आकार के जर्मन उद्यमों के भारत आने और मेक-इन-इंडिया का हिस्सा बनने के लिए भी एक पहल चल रही है। उन्होंने कहा कि भारत में ग्रोथ और बिजनेस के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं।
Under PM @narendramodi’s leadership, India is building a technology base for Solar energy and Green Hydrogen. India can make itself a good base for manufacturing, R&D and Engineering, says Dr. Peter Podesser, CEO, SFC Energy.@PMOIndia @MEAIndia #MakeInIndia pic.twitter.com/wOAb3n3A8w
— DD News (@DDNewslive) February 25, 2023
उत्पादन के साथ ही शोध-विकास में भी काम करेंगेः सीईओ पीटर पोडेस्सर
एसएफसी एनर्जी के सीईओ पीटर पोडेस्सर ने कहा कि मेक इन इंडिया में हम न केवल उत्पादन, बल्कि शोध और विकास की भी नई संभावनाएं देख रहे हैं।
We're proud to be a trusted partner of the Indian govt. We're expanding a lot here as India is a fast growing market and for us a key market in Asia. We are proud to be here in India: Susanne Wiegand, CEO, RENK on her meeting with PM Modi pic.twitter.com/ucZy11vmqI
— ANI (@ANI) February 25, 2023
पीएम मोदी के साथ बैठक में शामिल होना सम्मान की बातः सीईओ सुजैन वीगैंड
रेंक (Renk) की सीईओ सुजैन वीगैंड ने कहा कि वे भारत सरकार के एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में यहां आकर गर्व महसूस कर रही हैं। उनकी कंपनी भारतीय सेना और नौसेना को ड्राइव सॉल्यूशंस की सप्लाई कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत का तेजी से बढ़ता सीमेंट बाजार भी एक बिजनेस संभावना है। वीगेंड ने कहा कि यहां आना और पीएम मोदी के साथ बैठक में शामिल होना सम्मान की बात है, ऐसी बैठक सराहनीय हैं। हम भारत सरकार के विश्वसनीय सहयोगी हैं, नौसेना सहित सशस्त्र बलों को आपूर्ति भी कर रहे हैं।
India has huge potential in Green Energy, Infrastructures & Healthcare with investments under #MakeinIndia initiatives. India has huge population of young people, digital affinity as well as a lot of pace says Roland Busch, President & CEO, Siemens AG@narendramodi @MEAIndia pic.twitter.com/PsGt5SPAfI
— DD News (@DDNewslive) February 25, 2023
भारत के लिए कई संकेत सकारात्मक, हो रहा भारी निवेशः सीईओ रोलैंड बुश
सीमंस एजी के सीईओ रोलैंड बुश ने कहा कि यहां केवल ऊर्जा नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा क्षेत्र में काफी निवेश हो रहा है। यह परिवहन से लेकर उत्पादकता तक सुधार सकता है। यहां 1.6 करोड़ एमएसएमई की मौजूदगी है।
"We are very happy to be a partner of India": CEO of SAPhttps://t.co/EWCAAFCZu9 pic.twitter.com/YKTk3P0RoZ
— narendramodi_in (@narendramodi_in) February 26, 2023
भारत का भागीदार बनकर खुश हूंः सीईओ क्रिश्चियन क्लेन
सॉफ्टवेयर कंपनी SAP के सीईओ क्रिश्चियन क्लेन भी पीएम मोदी के साथ हुई बैठक में शामिल थे। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि भारत की स्थिरता के लिए उच्च आकांक्षाएं हैं। भारत सप्लाई चेन में कार्बन के उपयोग को कम करने और ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना चाहता है। ये सब आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ चलता है। उन्होंने कहा कि वह भारत का भागीदार बनकर खुश हैं। ये सभी सीईओ जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (German chancellor Olaf Scholz) के साथ भारत आने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि ओलाफ स्कोल्ज 25-26 फरवरी तक भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए थे।
आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय संगठनों एवं रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
मोदी राज में अर्थव्यवस्था मजबूत: 6.1 प्रतिशत के साथ विकास दर में अव्वल बना रहेगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में भी 6.1 प्रतिशत की विकास दर के साथ दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। आईएमएफ की ओर से जारी की गई वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 6.1 प्रतिशत के दर से बढ़ेगा। आईएमएफ के अनुसंधान विभाग के मुख्य अर्थशास्त्री और निदेशक पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने यह भी कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था और मजबूत होकर 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2022 में 3.4 प्रतिशत और 2023 में 2.9 प्रतिशत और 2024 में 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
आईएमएफ ने कहा था कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है भारत
इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की उपप्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। बहुत सारे बिजनेस और कंपनियां भारत को एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं, क्योंकि वे चीन सहित दूसरे देशों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। भारत की विकास दर पर गीता गोपीनाथ ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में यह 6.8 प्रतिशत, जबकि अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
ग्लोबल इकोनॉमी में बढ़ेगी हिस्सेदारी- IMF
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के मुताबिक नए वर्ष में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को राहत मिलती नहीं दिख रही है। अमेरिका, यूरोप और चीन में मंदी के संकेत मिल रहे हैं। इन देशों की आर्थिक गतिविधायां कमजोर नजर आ रही है। वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी साल 2022 की तुलना में 2023 में बढ़कर 3.6 प्रतिशत होने की उम्मीद है। 2000 में भारत की हिस्सेदारी 1.4 प्रतिशत रही थी। इससे पहले आईएमएफ ने भारत के लिए अपनी वार्षिक परामर्श रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि, भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में काफी मजबूती से आगे बढ़ रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि वास्तविक जीडीपी के वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 में क्रमश: 6.8 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
संयुक्त राष्ट्र ने भी माना भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा
वैश्विक संस्था संयुक्त राष्ट्र ने आर्थिक विकास दर के लिए जारी अनुमान में भारत की आर्थिक स्थिति की जमकर तारीफ की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल इकोनॉमी में भारत फिलहाल एक आकर्षक स्थल है। इसकी जीडीपी ग्रोथ रेट इस साल 5.8 प्रतिशत और 2024 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 25 जनवरी, 2023 को जारी ‘वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं-2023’ रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2023 में 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो हाल के दशकों में सबसे कम विकास दर में से एक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण एशियाई देशों के लिए संभावनाएं “ज्यादा चुनौतीपूर्ण” हैं, वहीं चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2024 में यानि अगले साल 6.7 प्रतिशत आर्थिक ग्रोथ रेट हासिल करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। यह ग्रोथ रेट जी-20 देशों की तुलना में काफी ऊंची है।
2030 तक विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वर्णिम दौर शुरू हो गया है। मौजूदा बेहतर आर्थिक संकेतों से पता चलता है कि आने वाले समय में इस सुनहरे दौर की चमक और निखरकर ही सामने आएगी। इसकी गूंज स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) 2023 में सुनाई दी। दावोस में वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट का सामना करने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था साल 2028 में 5 लाख करोड़, 2036 में 10 लाख करोड़ के पड़ाव को पार करते हुए साल 2047 तक 26 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। वहीं प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय बढ़कर छह गुना हो जाएगी।
भारत की प्रगति पूरे विश्व मंच पर असर डालने वाली
वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा ‘इंडिया एट 100 : रीयलाईजिंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकोनॉमी’ नाम से पेश रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2030 तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका होगा। 6 प्रतिशत की सालाना औसत वृद्धि दर के आधार पर आंकलन किया गया है कि 2047 में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय 15 हजार डॉलर यानी मौजूदा विनिमय दर के लिहजा से करीब 12.25 लाख रुपये पहुंच जाएगी, यह आज के स्तर से 6 गुना से अधिक होगी। ईवाई के सीईओ कार्मिन डी सिबियो ने दावा किया कि भारत ने भारी क्षमताएं दर्शाई हैं, उसकी प्रगति पूरे विश्व मंच पर असर डालने लगी हैं।
बिजनेस लीडर्स को उम्मीद 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी
मोदी सरकार की नीतियों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। Deloitte Touche Tohmatsu India (डीटीटीआई) के सर्वेक्षण के अनुसार देश के 60 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स का मानना है कि 2023-24 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इंडस्ट्री लीडर्स ने यह भी कहा कि इंडस्ट्री, केमिकल, कैपिटल गुड्स और ऊर्जा सेक्टर में उच्च वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, पीएलआई और रिजर्ब बैक की अनुकूल मौद्रिक नीतियां, बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि और रिसर्च व इनोवेशन इस गति को और आगे बढ़ाएंगे। उद्योगपतियों का यह भी कहना था कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है और 7 प्रतिशत विकास दर की राह पर है।
सात प्रतिशत से ज्यादा रहेगी आर्थिक वृद्धि दर
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी। इतना ही नहीं 2023-24 में भी यह वृद्धि दर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि मंदी की आशंका कुछ समय से बनी हुई है, लेकिन अभी तक न तो अमेरिका और न ही यूरोपीय संघ इसकी चपेट में आया है। भारत के लिए सबसे खराब दौर खत्म हो चुका है। अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झटकों के बीच ऊंची और जुझारू क्षमता का प्रदर्शन कर रही है।
देश में कई साल रह सकता है 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट
मोदी राज में विकास की स्थिति यह है कि देश में कई साल तक 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट रह सकता है। राजस्थान के उदयपुर जिले में जी-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित पहली शेरपा बैठक में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत कई वर्षों तक 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि दुनिया लगातार उच्च वृद्धि दर हासिल करे। सान्याल ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,200 अमेरिकी डॉलर है और यह कई वर्षों की उच्च वृद्धि दर के बाद हासिल की गई है। विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध में एसडीजी हासिल करने के लिए जीडीपी विकास दर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा भारत
भारत 2023 में जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा कि राजकोष के स्तर पर भारत का मजबूत रुख बरकरार है और आने वाले समय में राजस्व के साथ कर्ज के स्थिर होने के मामले में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत 2023 में जी-20 में तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाला देश होगा। मूडीज ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 4.8 और 2024 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। जबकि मूडीज ने जी-20 अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर 2023 में 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया।
देश में मंदी की आशंका नहीं, छह से सात प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर- राजीव कुमार
दुनियाभर में मंदी की आशंकाओं के बीच नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारत में इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन की अर्थव्यवस्थाएं नीचे आ रही हैं। ऐसे में यह स्थिति आने वाले महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित तो जरूर हो सकती है, लेकिन 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि भारत में मंदी की ऐसी कोई आशंका नहीं है, क्योंकि भले ही हमारी वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है, इसके बावजूद 2023-24 में हम 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने में कामयाब रहेंगे।”
विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद- पीएचडीसीसीआई
देश के लिए अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में मजबूत मांग है। डालमिया ने यह भी कहा कि उद्योग मंडल ने अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और रसायनों जैसे 75 संभावित उत्पादों की पहचान की है, ताकि वर्ष 2027 तक 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।
विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान- मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति बना है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन वास्तव में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में और एक दशक तक भारत की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत के आसपास रह सकती है।
ADB को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद
एशियाई विकास बैंक- (एडीबी-ADB) को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी फ्लैगशिप एडीओ रिपोर्ट में कहा कि जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।
दुनिया पर मंडरा रही मंदी की आशंका, लेकिन भारत को खतरा नहीं- ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार 2023 में दुनिया के कई देशों के सामने मंदी का संकट मंडरा रहा है। सर्वे की माने तो एशियाई देशों के साथ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों में मंदी का खतरा कहीं ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है। ब्लूमबर्ग सर्वे के अनुसार भारत ही ऐसा देश है जहां, मंदी की संभावना शून्य यानी नहीं के बराबर है। ब्लूमबर्ग सर्वे में एशिया के मंदी में जाने की संभावना 20-25 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका के लिए यह 40 और यूरोप के लिए 50-55 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के 2023 में मंदी की चपेट में जाने की 85 प्रतिशत संभावना है।