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पीएम मोदी को बर्थडे गिफ्ट, वाराणसी बनी SEO की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी, हेरिटेज शहर की मान्‍यता से बढ़ेगा पर्यटन, कारोबार और रोजगार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन से एक दिन पूर्व शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने वाराणसी को वर्ष 2022-23 के लिए अपनी सांस्‍कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित कर एक बड़ी सौगात दी। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की पहचान तो अति प्राचीन है, लेकिन एससीओ के इस फैसले से वाराणसी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने में मदद मिलेगी। उज्‍बेकिस्‍तान में आयोजित एससीओ के शिखर सम्मेलन में इससे संबंधित घोषणापत्र जारी किया गया। एससीओ के इस घोषणा से जहां वाराणसी को हेरिटेज शहर के रूप में मान्‍यता मिली है, वहीं इससे पर्यटन, कारोबार और राजोगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

एससीओ की पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी

भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार (16 सितंबर, 2022) को शंघाई सहयोग संगठन द्वारा लिए गए फैसले के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी वर्ष 2022-23 के दौरान वाराणसी को एससीओ के पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सदस्य देशों को धन्यवाद दिया है। प्रधानमंत्री के अनुसार एससीओ का यह फैसला भारत और संबंधित क्षेत्र के बीच सांस्कृतिक और आपसी संबंधों के द्वार भी खोलता है।

हेरिटेज शहर के रूप में मान्‍यता मिलने से पर्यटन को बढ़ावा

शंघाई सहयोग संगठन के फैसले से अब वाराणसी को बतौर हेरिटेज शहर के रूप में मान्‍यता मिल गई है। इससे पहले वाराणसी को यह रुतबा हासिल नहीं था। अब संगठन के देशों में दूतावासों के जरिए वाराणसी को साल भर प्रमोट करने का भी मौका संबंधित देशों के बीच मिलेगा। इस दौरान वाराणसी का आध्यात्मिक उत्थान के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सदस्य देशों के अलावा अन्य देशों के नागरिक भी वाराणसी की यात्रा करेंगे, इससे पर्यटक भी वाराणसी के सांस्कृतिक चिंतन और आध्यात्मिक अवधारणा से परिचित होंगे। प्राचीन नगरी की विरासत भी समझ सकेंगे। सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। इससे एससीओ के सदस्य देशों के बीच सभ्यताओं के बारे में जानने और समझने का एक मौका भी होगा।

स्टार्टअप और नवोन्मेष के साथ कारोबार और रोजगार में वृद्धि

पर्यटन के साथ ही वाराणसी के पारंपरिक कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। होटल कारोबार और पारंपरिक कपड़ा उद्योग को गति मिलेगी। यहां के पारंपरिक उत्पादों में दिलचस्पी दिखाने से कारोबारियों को संबंधित देशों में अपने उत्‍पादों को ले जाने का मौका मिलेगा। जैसे-जैसे उत्पादों की मांग और बाजार में वृद्धि होगी, कारोबारियों को अधिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मांग की पूर्ति के लिए अधिक श्रम की आवश्यकता होगी। इसके अलावा एससीओ में इस बार भारत की पहल पर स्टार्टअप और नवोन्मेष के साथ विशेष कार्य समूह स्थापित करने का जो फैसला लिया है उसका वाराणसी को भी फायदा मिलना तय माना जा रहा है। इससे वाराणसी और उसके आस-पास के लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। 

वाराणसी में सांस्कृतिक आउटरीच कार्यक्रम का होगा आयोजन

वाराणसी को मिली इस वैश्विक पहचान को सेलिब्रेट करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार मिलकर तमाम जगहों पर कई सांस्‍कृतिक और आर्थिक कार्यक्रम करने जा रही है। दोनो सरकारों ने लोगों में जागरूकता फैलाने की बड़ी योजना तैयार की है। सांस्कृतिक आउटरीच कार्यक्रम के ढांचे के तहत वर्ष 2022-23 के दौरान वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें एससीओ सदस्य देशों से मेहमानों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इन आयोजनों में भारत के संस्कृतिविदों, स्कॉलर, लेखक, संगीतकार, कलाकार, फोटो जर्नलिस्ट, ट्रैवल ब्लॉगर और अन्य अतिथियों के आने की उम्मीद है।

एससीओ की 22वीं बैठक में पुतिन से मिले पीएम मोदी

गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन यानी (एससीओ) विश्‍व के आठ देशों की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है, जिसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। यह संगठन सुरक्षा ही नहीं बल्कि आपस में आर्थिक तरक्‍की को बल देने के प्रयासों के लिए भी कार्य करता है। उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स की 22वीं बैठक का आयोजन किया गया। एकदिवसीय इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी उज्बेकिस्तान गए हुए थे, जहां बैठक के दौरान उन्‍होंने रूस के राष्‍ट्राध्‍यक्ष ब्‍लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की थी। पुतिन ने एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन का जिक्र किया और औपचारिक रूप से शुभकामनाएं दे दीं।

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