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चुनाव खत्म होते ही अखिलेश यादव का उतर गया नकाब, सपा के 16 एमएलसी उम्मीदवारों में 14 यादव और एक मुस्लिम, चुनाव में ‘नई हवा है, नई सपा है’ के नारे से जनता को किया गुमराह

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने परिवारवाद, जातिवाद और माफिया राज के आरोपों से मुक्ति पाने के लिए एक नया नारा ‘नई हवा है, नई सपा है’ दिया था। उन्होंने इस नारे के माध्यम से जनता तक संदेश पहुंचाने की कोशिश की थी कि उनके नेतृत्व में समाजवादी पार्टी काफी बदल चुकी है। लेकिन बीजेपी जनता को समझाने में सफल रही कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में वहीं पुरानी सपा है, जो चुनाव के वक्त अपने चेहरे पर मुखौटा लगा रखी है। चुनाव खत्म होते ही वो अपने पुराने रास्ते पर लौट जाएगी। बीजेपी की ये बात अब सही साबित हो रही है। चुनाव खत्म होते ही अखिलेश यादव ने अपना मुखौटा उतार फेंका और बता दिया कि वो बदलने वाले नहीं है।

दरअसल उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधान परिषद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने बुधवार (16 मार्च, 2022) को अपने 16 उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें 14 यादव और एक मुस्लिम है। वासुदेव यादव, सुनील सिंह साजन, संतोष सिंह सन्नी को एक बार फिर मौका दिया गया है। वासुदेव यादव पूर्व शिक्षा निदेशक हैं। समाजवादी पार्टी ने आगरा-फिरोजाबाद क्षेत्र से दिलीप सिंह यादव, प्रतापगढ़ से विजय बहादुर यादव, पीलीभीत-शाहजहांपुर से अमित यादव, वाराणसी से उमेश कुमार यादव, जौनपुर से मनोज कुमार यादव और खीरी क्षेत्र से अनुराग वर्मा को उम्मीदवार घोषित किया है। 

गोरखपुर-महराजगंज से रजनीश यादव, झांसी, जालौन, ललितपुर से श्याम सुंदर सिंह यादव को उम्मीदवार घोषित किया गया है। लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार सिंह यादव साजन, बस्ती-सिद्धार्थनगर से संतोष सिंह यादव सन्नी को टिकट दिया गया है। रायबरेली से वीरेंद्र शंकर सिंह, फैजाबाद-अंबेडकरनगर से हीरालाल यादव, आजमगढ़-मऊ से राकेश कुमार यादव और रामपुर-बरेली से मसकूर अहमद को टिकट दिया गया है।

गौरतलब है कि यूपी में विधान परिषद की 36 सीटों को लेकर चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सपा के लिए यह चुनाव अहम माना जा रहा है। इनमें से कई सीटें सपा के पास हैं। इसीलिए विधान परिषद का यह चुनाव उसके लिए अहम माना जा रहा है। सपा छोड़कर जाने वाले विधान परिषद सदस्यों की सीटों पर भी सपा को ताकत दिखाने की चुनौती है। सपा अभी और भी उम्मीदवारों की जल्द घोषणा कर सकती है। लेकिन 16 उम्मीदवारों की घोषणा से अखिलेश यादव ने स्पष्ट तौर पर बता दिया है कि अब वो अपने पिता के बनाये एमवाई रास्ते पर चल रहे है। 

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