प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। केजरीवाल के बाद अब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज भी जेल जा सकते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें इसे लेकर चेतावनी दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सौरभ भारद्वाज को चेतावनी दी कि उन्हें जेल भेजा जा सकता है। दरअसल दिल्ली में करीब 25 हजार अवैध पैथोलॉजिकल लैब को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी और इन्हें बंद करने की मांग की गई थी और नियम बनाने की मांग की गई थी। इस पर भारद्वाज की तरफ से कोर्ट की बैसाखी लेकर दलील दी गई कि कोर्ट की कृपा से सरकार को विधेयक को अधिनियमित करने में मदद मिलेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर इससे आम लोगों को फायदा होगा तो हमें आपको जेल भेजने में कोई झिझक नहीं होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने क्लिनिकल प्रतिष्ठानों को विनियमित करने के लिए कानून बनाने पर न्यायिक आदेशों का पालन नहीं करने पर आप नेता सौरभ भारद्वाज को चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि आप सरकार के सेवक हैं। बड़ा अहंकार नहीं रख सकते।
हाई कोर्ट की चेतावनी- जेल भेज देंगे
दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने मंत्री सौरभ भारद्वाज को स्वास्थ्य सचिव या केंद्र सरकार के साथ विवादों में अदालतों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने के खिलाफ आगाह किया। अदालत ने टिप्पणी की कि मंत्री और सचिव एक-वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अगर उसके आदेशों की अवहेलना जारी रही तो अदालत उनके आचरण को बर्दाश्त नहीं करेगी। कोर्ट ने चेतावनी दी “ऐसा मत करो, नहीं तो तुम दोनों जेल चले जाओगे।” अगर इससे आम आदमी को फायदा होता है तो हमें आप दोनों को जेल भेजने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी।”
BIG NEWS 🚨 Delhi High Court warns AAP leader Saurabh Bhardwaj that he could be sent to jail.
Delhi HC : “Don’t do this with us otherwise you will go to jail. We will have no hesitation in sending you to jail if the common man benefits from this”
Delhi HC warns AAP leader… pic.twitter.com/ulJ0KLV7xO
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) March 21, 2024
कोर्ट को मोहरे की तरह इस्तेमाल नहीं करें
एसीजे मनमोहन ने भारद्वाज को चेतावनी देते हुए कहा कि सचिव और मंत्री के बीच विवाद में कोर्ट को मोहरे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। पीठ ने मंत्री और सचिव से कहा कि वे एक साथ बैठें और याचिकाकर्ता और न्यायालय द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने का तरीका खोजें। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। भारद्वाज की यह दलील थी कि कोर्ट की कृपा से सरकार को विधेयक को अधिनियमित करने में मदद मिलेगी। इस पर कोर्ट नाराज हो गया और कहा, “आपको लगता है कि हम इस खेल में एक मोहरा हैं और आप इसे रणनीति के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। हम किसी के प्यादे नहीं हैं।” इस ग़लतफ़हमी को दूर करो कि तुम अदालत की प्रक्रिया का उपयोग करोगे।” याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि शहर में पैथोलॉजिकल लैब अनियमित हैं और नागरिकों के जीवन के लिए खतरा हैं।
अनधिकृत डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं को बंद करने की मांग
पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता बेजोन कुमार मिश्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए कड़ी चेतावनी जारी की, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में अयोग्य प्रयोगशाला तकनीशियनों द्वारा संचालित सभी अनधिकृत पैथोलॉजिकल और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं को बंद करने की मांग की गई है। कोर्ट बेजोन कुमार मिश्रा की 2018 की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
दिल्ली में 20 से 25 हजार अवैध लैब
इस याचिका में कहा गया है, “इस तरह की अवैध लैब दिल्ली-एनसीटी और उसके आसपास लगातार बढ़ती जा रही हैं और यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसी अवैध पैथोलॉजिकल और डायग्नोस्टिक लैब की कुल संख्या 20,000 से 25,000 के बीच हो सकती है, और राजधानी की हर सड़क पर ऐसी अवैध पैथोलॉजिकल लैब हैं।”
दिल्ली स्वास्थ्य विधेयक मंजूरी के लिए केंद्र को क्यों नहीं भेजा
अधिवक्ता शशांक देव सुधी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत प्रयोगशालाएं और डायग्नोस्टिक केंद्र अयोग्य तकनीशियनों के साथ काम कर रहे थे और मरीजों को गलत रिपोर्ट दे रहे। इस पर मंत्री ने कहा कि दिल्ली स्वास्थ्य विधेयक को मई 2022 में ही अंतिम रूप दे दिया गया था। कोर्ट ने पूछा कि इसे अभी तक मंजूरी के लिए केंद्र के पास क्यों नहीं भेजा गया। कोर्ट ने कहा कि अगर इसमें समय लगेगा, तो दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार के कानून- क्लिनिकल प्रतिष्ठान (पंजीकरण और विनियमन) अधिनियम, 2010 को लागू करने पर विचार करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के 15 मंत्री, विधायक और नेता भ्रष्टाचार के साथ ही अन्य मामलों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस पर एक नजर-
AAP के 15 मंत्री, विधायक, नेता अब तक हो चुके गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से अब तक अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के 15 नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। आम आदमी पार्टी के अब तक छह मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो मंत्री को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया और दो मंत्रियों को रिश्वत के मामले में पकड़ा गया। जबकि एक मंत्री को फर्जी डिग्री के मामले में आरेस्ट किया गया था। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के कई विधायक भी अलग-अलग मामलों में जेले भेजे गए या उनकी गिरफ्तारी हुई। दिल्ली कैबिनेट के 6 मंत्रियों में से दो अभी जेल में हैं।
1. अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में गिरफ्तार
भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष से अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन के संयोजक रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 21 मार्च 2024 को भ्रष्टाचार के आरोपों में ही गिरफ्तार कर लिए गए। शराब घोटाले में अपनी सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीबीआइ द्वारा गिरफ्तारी के 390 दिन बाद केजरीवाल को इसी घोटाले से जुड़े मनी लान्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले करीब दो घंटे तक ईडी ने उनके आवास पर तलाशी ली और उनका मोबाइल फोन जब्त कर पूछताछ की। केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले देश के किसी भी राज्य में ऐसा मौका नहीं आया, जब मुख्यमंत्री के पद पर बैठे किसी राजनेता को गिरफ्तार किया गया हो।
2. शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह गिरफ्तार
शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंबी पूछताछ के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया। शराब घोटाला मामले में जुलाई 2023 में गिरफ्तार हो चुके दिनेश अरोड़ा ने ईडी के सामने कई खुलासे किए हैं। जमानत पर जेल से बाहर आ चुके दिनेश अरोड़ा अब सरकारी गवाह बन गए हैं। अरोड़ा ने ईडी को जानकारी दी है कि साल 2020 में उनके पास संजय सिंह का फोन आया था। अरोड़ा ने बताया कि संजय सिंह ने उनसे कहा था कि विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और पार्टी को अब पैसे की जरूरत है। संजय सिंह ने कहा था कि रेस्तरां मालिक से पैसे मांगने चाहिए। अरोड़ा ने बताया कि एक रेस्तरां में पार्टी के दौरान ही वो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में आए थे। चार्जशीट के मुताबिक संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने कई रेस्तरां और बार के मालिकों से बात भी की थी। आरोड़ा ने बताया कि इस दौरान 82 लाख रुपए पार्टी फंड के तौर पर इकट्ठा हुए थे, जिसे मनीष सिसोदिया को सौंप दिया गया था। जिस पार्टी में ये पैसे सिसोदिया को दिए गए थे उसमें संजय सिंह और आप के कोषाध्याक्ष राजेंद्र गुप्ता मौजूद थे।
3. दिल्ली के 18 मंत्रालय संभालने वाले मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में गिरफ्तार
दिल्ली के शिक्षा और आबाकारी मंत्री रहे मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और सबूतों को मिटाने की भी कोशिश की। दिल्ली सरकार में मनीष सिसोदिया सबसे प्रभावशाली मंत्री थे। AAP के नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास 18 मंत्रालय थे। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उनके मंत्रालय भी सिसोदिया के पास ही थे। दरअसल मनीष सिसोदिया जिस मामले में जेल में बंद है वो दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार ने साल 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। केजरीवाल सरकार ने नई आबकारी नीति को लेकर दावा किया था कि इससे सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और माफिया राज खत्म होगा। हालांकि नई शराब नीति आने के बाद इसका उल्टा हुआ। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें राजस्व को नुकसान होने और शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाए जाने का जिक्र था।
4. दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज है। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर केस दर्ज किया गया। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली ने कई शेल कंपनियां बनाई और खरीदी थी। कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया। ईडी जैन की 4.81 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है।
5. AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान गिरफ्तार
आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान को दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो ने 16 सितंबर 2022 को दिल्ली वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने आप विधायक के छह से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान एक पिस्टल, कई कारतूस और 24 लाख से अधिक नगद समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। अमानतुल्लाह खान के जामिया के गफूर नगर में रहने वाले सबसे करीबी हामिद अली खान के यहां से अवैध पिस्टल, कारतूस और 12 लाख रुपये बरामद हुए। एक अन्य जगह से भी 12 लाख रुपये नकद मिला।
6. पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला भ्रष्टाचार में गिरफ्तार
मार्च 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और दो महीने बाद ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को अपनी कैबिनेट से हटा दिया। उन पर रिश्वत लेने के आरोप लगे, जिसके बाद उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद पंजाब पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 24 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर डॉ. विजय सिंगला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। करीब 10 वर्ष पहले विजय सिंगला आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इस बार के पंजाब विधानसभा चुनाव में डॉ. विजय सिंगला ने मानसा से प्रसिद्ध गायक और कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला को 60,000 से अधिक वोटों से हराया था। सिंगला की गिरफ्तारी के बाद भगवंत मान ने अपने को पाक-साफ और ईमानदार बताते हुए कहा कि मेरे ध्यान में एक केस आया। इस केस में मेरी सरकार का मंत्री शामिल था। एक ठेके में मेरी सरकार का मंत्री 1 फीसदी कमीशन मांग रहा था। इस केस का सिर्फ मुझे पता था। इस केस को दबाया जा सकता था। लेकिन ऐसा करना पंजाब की जनता के साथ धोखा होता। इसलिए तुरंत एक्शन लिया गया।
7. आप विधायक बलबीर सिंह को पत्नी, बेटी और बेटे समेत 3 साल की जेल
पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक बलबीर सिंह, उनकी पत्नी, बेटी और बेटे को 23 मई 2022 को कोर्ट ने तीन साल जेल की सजा सुनाई है। मामला 11 साल पुराना है। पंजाब के पटियाला (ग्रामीण) से विधायक बलबीर सिंह और अन्य पर उनकी एक रिश्तेदार पर हमला करने का आरोप है। हालांकि, अदालत ने बलबीर सिंह, उनकी पत्नी रुपिंदर कौर, बेटे राहुल और एक अन्य व्यक्ति को सजा सुनाने के बाद जमानत दे दी। आप विधायक के खिलाफ मामला 2011 में उनके परिवार और उनकी पत्नी की बहन परमजीत कौर के बीच झगड़े से संबंधित है, जिनका विधायक के परिवार के साथ भूमि विवाद था। चारों को आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने), धारा 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने), धारा 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के अपराध के लिये सजा सुनाई गई।
8. रिश्वत लेने के मामले में AAP की निगम पार्षद को CBI ने किया गिरफ्तार
मकान की छत बनाने देने के बदले ₹20000 की रिश्वत ले रही पूर्वी दिल्ली से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उसके एक सहयोगी समेत फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया। सीबीआई के मुताबिक उसका सहयोगी उसके ऑफिस के पास ही मूंगफली बेचने का काम करता है। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें पूर्वी दिल्ली की वार्ड संख्या दस ई की निगम पार्षद गीता रावत और उसका सहयोगी बिलाल शामिल है। सीबीआई के मुताबिक शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उसे अपने मकान के ऊपर छत बनवानी थी। आरोप है कि इस छत को डालने देने के बदले निगम पार्षद गीता रावत ने 20000 रुपए की रिश्वत मांगी। यह भी आरोप है कि शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत की रकम न दिए जाने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई। शिकायतकर्ता को कहा गया कि वह यह रकम उसके ऑफिस के पास मूंगफली आदि बेचने वाले बिलाल को दे दे। सूचना के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की। इस जांच के दौरान जब आरंभिक तौर पर यह पाया गया कि वास्तव में रिश्वत की मांग की गई है तो सीबीआई ने रंग लगे नोट देकर शिकायतकर्ता को रिश्वत देने भेजा। इसके बाद रिश्वत ले रहे बिलाल और निगम पार्षद गीता रावत को गिरफ्तार कर लिया गया।
9. AAP की पूर्व पार्षद निशा सिंह को 7 साल की जेल
आम आदमी पार्टी से जुड़ी गुरुग्राम की पूर्व पार्षद निशा सिंह को एक अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई। दरअसल निशा सिंह पर 2015 में एक भीड़ को भड़काने का आरोप है, जिसने पुलिस टीम पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला कर दिया था। यह पुसिल टीम अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शहर के सेक्टर-47 स्थित झीमर बस्ती गई हुई थी। 7 साल पहले हुई इस घटना में 17 लोगों को सजा सुनाई गई है, जिसमें 10 महिलाएं शामिल हैं। पार्षद निशा सिंह के अलावा बाकी सभी ग्रामीण महिलाएं हैं। पूर्व पार्षद निशा सिंह ने राजनीति में कदम रखने के लिए प्राइवेट नौकरी छोड़ दी थी। 2011 में उन्होंने गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव निर्दलीय लड़ा और वार्ड नंबर 30 से पार्षद चुनी गईं। बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन कर लिया और 2016 तक पार्षद रहीं। 15 मई 2015 को हुई इस झड़प के बाद पार्षद सिंह को 18 अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद से ये लोग बेल पर बाहर थे, लेकिन अदालत के आदेश के बाद घटना के सभी आरोपियों को भोंडसी जेल भेज दिया गया।
10. पुलिसकर्मी को घसीटने वाला AAP नेता युवराज सिंह जडेजा गिरफ्तार
ऑन ड्यूटी पुलिसकर्मी को कार की बोनट पर बिठाकर घसीटने के आरोप में गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता युवराज सिंह जडेजा को अप्रैल 2022 में गिरफ्तार किया गया। जडेजा आप पार्टी के यूथ विंग के नेता हैं। हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उन्हें साबरमती जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तारी 5 अप्रैल 2022 को हुई। जडेजा की गिरफ्तारी गांधी नगर पुलिस ने की। पुलिस ने कोर्ट से आरोपित आप नेता का रिमांड नहीं मांगा। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल भेज दिया गया। जडेजा के साथ उनका एक साथी भी जेल भेजा गया। जडेजा पर IPC की धारा 332 (ऑन ड्यूटी स्टॉफ पर हमला करने) और 307 (जान से मारने के प्रयास) के तहत केस दर्ज किया गया।
11. सोमनाथ भारती गिरफ्तार, कहा था- यूपी के अस्पतालों में कुत्ते पैदा हो रहे
आप सरकार में मंत्री रहे सोमनाथ भारती को भी कई तरह के विवादों में फंसने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था। जनवरी 2021 में उत्तर प्रदेश के दौरे पर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। उनका घरेलू विवाद भी मीडिया की सुर्खियां बना रहा। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों पर विवादियत बयान देने वाले आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती को अमेठी पुलिस ने 11 जनवरी 2021 को गिरफ्तार कर लिया। आप विधायक ने जगदीशपुर में कहा था कि यूपी के अस्पतालों में बच्चे तो पैदा हो रहे हैं, लेकिन कुत्ते के बच्चे पैदा हो रहे हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला करने और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के लिए AAP विधायक सोमनाथ भारती को 2016 के एक मामले में दोषी करार दिया गया था। उन्हें जो 2 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
12. फर्जी डिग्री के मामले में जेल गए मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर
2015 में आम आदमी पार्टी (आप) से जीत हासिल करने वाले जितेंद्र सिंह तोमर को अरविंद केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में कानून मंत्री बनाया था। इसके बाद तोमर पर अपनी शिक्षा को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लग गया। जांच के बाद पुलिस ने तोमर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट ने जितेंद्र सिंह तोमर के 2015 के चुनाव को रद्द कर दिया। तोमर दिल्ली की त्रिनगर विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने थे।
13. आप के मंत्री संदीप कुमार सीडी कांड में फंसे, गिरफ्तार
आप सरकार के एक अन्य मंत्री संदीप कुमार भी सीडी कांड में फंस गए थे। उनके पास महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय था। इस मामले में सितंबर 2016 में उन्हें जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा था। आप नेता को नवंबर 2016 में जमानत दे दी गई थी। उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
14. आसिम अहमद खान बिल्डर से 6 लाख रुपए घूस लेने के मामले में फंसे
साल 2018 में दिल्ली सरकार में मंत्री आसिम अहमद खान का नाम भी भ्रष्टाचार के मामले में सामने आया था। तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने कैबिनेट मंत्री आसिम अहमद खान को हटा दिया था। आसिम पर 6 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। आसिम अहमद खान दिल्ली सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे। आसिम पर एक बिल्डर से 6 लाख रुपए घूस लेने का आरोप था। केजरीवाल ने कहा था- ‘शिकायत करने वाले ने आसिम से बातचीत की। ऑडियो रिकॉर्डिंग मेरे पास भेजी। इसके बाद मैंने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की।’ हालांकि, आसिम अहमद खान ने केजरीवाल के आरोपों को झूठा बताया था। कहा था कि यह उनके खिलाफ साजिश है। केरीजवाल उनसे एक करोड़ रुपये मांग रहे थे, नहीं दिया तो उनपर इस तरह के आरोप लगाने लगे।
15. दिल्ली दंगा मामले में AAP नेता ताहिर हुसैन को ED ने किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 31 अगस्त 2020 को कहा कि उसकी टीम ने आम आदमी पार्टी (AAP) के सस्पेंड नेता ताहिर हुसैन को इस साल फरवरी में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (PMLA) के प्रावधानों के तहत ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया है।