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Year Ender 2022 : साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उपलब्धियों का साल रहा 2022, लोगों के जीवन को आसान बनाने में मिली मदद

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वर्ष 2022 हमसे विदा ले चुका है। लेकिन जब हम इस वर्ष के पन्नों को पलटते हैं, तो पाते हैं कि भारत ने इस साल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल कीं। ये उपलब्धियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साइंटिफिक विजन और उनकी सरकार के प्रयासों से मिली हैं। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि देश में टेक्नोलॉजी का तेजी से विकास हो और उसका फायदा जनता को भी मिले। इस दिशा में उनकी सरकार काफी सफल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 जनवरी, 2023 को 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में जोश के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्ण आते हैं। आइए एक नजर डालते हैं वर्ष 2022 में भारत किस तरह साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सफलता पाने के साथ ही लोगों के जीवन को आसान बनाने में कामयाब रहा…

वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचा भारत 
भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में 7वें स्थान से छलांग लगा कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) के विज्ञान और इंजीनियरिंग इंडीकेटर्स 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 में 7वें स्थान से सुधर कर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई है। इसके साथ ही भारत के विद्वानों का कार्य 2010 में 60,555 शोध पत्रों से बढ़कर 2020 में 1,49,213 पेपर हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत पेटेंट कार्यालय (आईपीओ) में भारतीय वैज्ञानिकों को दिए गए पेटेंट की संख्या भी 2018-19 के 2511 से बढ़कर 2019-20 में 4003 और 2020-21 में 5629 हो गई है।

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 : 40वें स्थान पर पहुंचा भारत 
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2022 में भारत 40वें स्थान पर पहुंच गया है। यह 2015 में 81वें स्थान पर था। सितंबर 2022 में जारी इंडेक्स से पता चलता है कि स्टार्टअप के लिए बेहतर माहौल तैयार करने और नवाचार को बढ़ावा देने में भारत लगातार सुधार कर रहा है। इससे पहले विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की पिछली रिपोर्ट में वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में भारत ने दो पायदान की छलांग लगाई थी। 2021 में भारत 46वें स्थान पर था। यह सुधार स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाने सरकारी व निजी संगठनों की ओर से शोध पर जोर दिए जाने से आया है।

उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना, 13 नए प्रयास केंद्रों की मदद
ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करने के लिए निधि-उत्कृष्टता केंद्र (निधि-सीओई) की स्थापना की गई। उद्यम को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करते हुए सहयोग करना इसका मकसद है। 2022 के दौरान टी-हब, तेलंगाना, हैदराबाद में एक नया उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया, जिससे कुल 8 सीओई हो गए हैं। 2022 के दौरान 13 नए प्रयास (पीआरएवाईएएस) केंद्रों को सहयोग किया गया, इसके अलावा देश में पहले से चल रहे 30 प्रयास केंद्रों के जरिए युवा इनोवेटर्स को अपने विचारों को प्रोटोटाइप में बदलने में मदद मिल रही है। इस साल 10 नए एंटरप्रेन्योर्स-इन-रेजिडेंस (ईआईआर) केंद्रों को सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा पहले से चल रहे 18 ईआईआर केंद्रों को सहयोग किया जा रहा है।

ड्रोन शो ने भारत को दुनिया में चौथे स्थान पर स्थापित किया 
29 जनवरी 2022 की शाम बीटिंग द रिट्रीट समारोह में आसमान में 1000 स्वदेशी ड्रोनों के झुंड ने मनमोहक आकृतियां बनाईं। महिलाओं द्वारा संचालित मैसर्स बॉटलैब डायनेमिक्स के ड्रोन शो ने भारत को दुनिया में चौथे स्थान पर स्थापित किया और प्रधानमंत्री मोदी से सराहना भी प्राप्त की। इस दौरान आसमान में 1000 ड्रोन भारत के पूरे इतिहास को अद्भुत अंदाज में देश के सामने रख रहे थे। आसमान में रंग-बिरंगे अंदाज में ये ड्रोन विजय चौक की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले साबित हुए। चीन-ब्रिटेन और रूस के बाद भारत चौथा देश बना, जहां पर इतने बड़े स्केल पर ड्रोन शो का आयोजन किया गया।

भारत ड्रोन महोत्सव 2022 : 150 ड्रोन पायलटों को मिला सर्टिफिकेट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2022 में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव “भारत ड्रोन महोत्सव 2022” का उद्घाटन किया। उन्होंने 150 ड्रोन पायलटों को डिजिटल माध्यम से सर्टिफिकेट भी दिए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित सभा को भी संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ड्रोन क्षेत्र में अपने आकर्षण और रुचि से लोगों को अवगत कराते हुए कहा कि वे ड्रोन प्रदर्शनी और उद्यमियों की भावना व क्षेत्र में नवाचार से बहुत प्रभावित थे। प्रधानमंत्री ने किसानों और युवा इंजीनियरों के साथ अपनी बातचीत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा “ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है। ये जो ऊर्जा नज़र आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। यह भारत में एंप्लॉयमेंट जेनरेशन के उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है। देश में टेक्नोलॉजी ने अंतिम छोर तक डिलीवरी को सुनिश्चित किया है।”

जी-20 अध्यक्षता के साथ एस-20 में समन्वय की जिम्मेदारी
भारत ने 1 दिसंबर 2022 को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की और 2023 में देश पहली बार जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। इसके तहत 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान डीएसटी ने साइंस-20 (एस-20) की गतिविधियों और अनुसंधान नवाचार पहल (आरआईआईजी) को लेकर समूहों में समन्वय की जिम्मेदारी ली। क्वांटम कंप्यूटिंग में वर्चुअल नेटवर्क सेंटर स्थापित करने के लिए भारत ने फिनलैंड के साथ हाथ मिलाया। इसके तहत पहले चरण में संयुक्त रूप से 20 क्यूबिट सुपरकंडक्टिंग आधारित क्वांटम कंप्यूटर तैयार करना है और दूसरे चरण में इसे 54 क्यूबिट तक बढ़ाने की योजना है।

मजबूत स्टार्ट-अप और नवोन्मेष पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना
नवाचारों के विकास एवं संवर्धन के लिए राष्ट्रीय पहल (निधि) कार्यक्रम के तहत साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने देशभर में टेक्नोलॉजी बिजनस इन्क्यूबेटर्स (टीबीआई) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एंटरप्रेन्योर्स पार्क्स (स्टेप) का नेटवर्क स्थापित करने में अग्रणी रहा है। नवाचार पिरामिड के बेस को बढ़ाने, किफायती एवं जमीनी स्तर पर नवाचारों को सहयोग करने समेत व्यावसायीकरण के लिए स्टार्ट-अप्स की देखभाल और सलाह के लिए नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं के माध्यम से इसका काफी प्रभाव पड़ा।

आईजीआईएफ के लिए गठित नए कार्य समूह की मिली अध्यक्षता
एशिया एवं प्रशांत के लिए यूएन-जीजीआईएम की क्षेत्रीय समिति (यूएन-जीजीआईएम-एपी) द्वारा हैदराबाद में आयोजित 11वीं पूर्ण बैठक के दौरान भारत को एकीकृत भू-स्थानिक सूचना तंत्र (आईजीआईएफ) के लिए गठित नए कार्य समूह की अध्यक्षता सौंपी गई। आईआईटी बॉम्बे, आईआईएसटी त्रिवेंद्रम, आईआरएस अन्ना विश्वविद्यालय, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, एमएनएनआईटी इलाहाबाद और एमएएनआईटी भोपाल में राष्ट्रीय भू-स्थानिक कार्यक्रम के तहत भूगणित (जियोडेसी) के छह क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य भूगणित से संबंधित अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में देश में जियोडेसी शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास के प्रसार में सहायता करना है।

ड्रोन सर्वेक्षण से आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने में मदद
देश के राष्ट्रीय सर्वेक्षण और मानचित्रण संगठन, भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीक की मदद से मैपिंग और गांवों के सर्वे की योजना) के हिस्से के रूप में 2 लाख से अधिक गावों के आबादी वाले इलाकों का ड्रोन से सफलतापूर्वक सर्वेक्षण किया। इसका मकसद गांववालों को अपनी आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने में मदद करना है। उन्हें संपत्ति कार्ड भी दिया गया। कई राज्यों के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 1:500 के पैमाने पर मानचित्रण का काम पूरा कर लिया गया है और हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए किया जा रहा है।

महिला वैज्ञानिकों के लिए करियर के अवसरों को बढ़ावा 
विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग अपनी प्रमुख पहल ‘विज्ञान ज्योति’ के माध्यम से मेधावी लड़कियों को कम प्रतिनिधित्व वाले एसटीईएम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और करियर के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। वर्ष 2022 में 200 जिलों से कक्षा 9-12वीं की 30 हजार लड़कियों को अभिभावक-विद्यार्थी काउंसलिंग, विषय उन्मुख कक्षाओं, पाठ्यक्रम आधारित स्टेम गतिविधियों, एक्सपोजर विजिट आदि जैसे विभिन्न पहलों का लाभ हासिल करने के लिए विज्ञान ज्योति के तहत पंजीकृत किया गया।

महिला वैज्ञानिकों के लिए ‘सर्ब-पावर मोबिलिटी ग्रांट’ की शुरुआत
बेसिक और अप्लाइड साइंसेज के 5 विषय क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए महिला वैज्ञानिक योजना-ए (डब्ल्यूओएस-ए) के तहत करीब 370 महिला वैज्ञानिकों को अनुसंधान सहायता प्रदान की गई। 99 महिला वैज्ञानिकों को बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। रिसर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, क्यूरी (कंसोलिडेशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च फॉर इनोवेशन एंड एक्सीलेंस) कार्यक्रम को 25 महिला पीजी कॉलेजों तक बढ़ाया गया। महिला वैज्ञानिकों को 01-03 महीने की अवधि के लिए दुनियाभर के प्रमुख संस्थानों/विश्वविद्यालयों का दौरा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए ‘सर्ब-पावर मोबिलिटी ग्रांट’ की शुरुआत की गई।

16 विद्यार्थियों को एशियाई साइंस कैंप में भाग लेने का मिला अवसर
बेसिक और नैचरल साइंस में स्नातक और स्नातकोत्तर करने के लिए प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुने गए 10,833 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति (एसएचई) प्रदान की गई। प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुने गए 16 ‘इंस्पायर शी’ मेधावी विद्यार्थियों को अगस्त 2022 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियाई साइंस कैंप में भाग लेने का अवसर मिला। इस दौरान एक भारतीय प्रतिभागी ने पोस्टर प्रतियोगिता में तीसरा पुरस्कार जीता। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में डॉक्टरेट डिग्री कार्यक्रम के लिए 845 फेलो को इंस्पायर फेलोशिप की पेशकश की गई। इस साल एसईआरबी-नेशनल पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप बढ़ाकर 300 फेलो को दी गई।

मोदी सरकार ने स्टेट यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस की शुरुआत की 
राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करने और गुणवत्ता में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मौजूदा अनुसंधान क्षमता का विकास आवश्यक है, जिससे सभी शोध छात्रों के लिए अनुसंधान उत्कृष्टता का अवसर सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए मोदी सरकार ने अगस्त 2022 में एक समर्पित योजना, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा स्टेट यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस (सर्ब-श्योर) शुरुआत की। इसका मकसद निजी सहित राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में एक मजबूत अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है।

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