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पीएम मोदी की अगुवाई में नेपाल के भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत को मिला सम्मान

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नेपाल में 25 अप्रैल, 2015 को आए भूकंप के बाद भारत ने उसकी सहायता करने के लिए ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू किया था। इस दौरान भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत खासकर पीएम मोदी की तत्परता को विश्व स्तर पर सराहा गया। अब स्पेन ने अपने 71 नागरिकों को सुरक्षित निकालने में भारत के सहयोग को मान्यता दी है। इसी क्रम में स्पेन सरकार ने भारत को प्रतिष्ठित ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ ऑर्डर ऑफ सिविल मेरिट’ सम्मान से नवाजा है।विदेश मंत्री सुषमा ने स्वीकार किया सम्मान

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के तीन देशों के दौरे की अंतिम कड़ी में स्पेन पहुंचने पर स्पेन में उनके समकक्ष जोसेफ बोलेल फोंटेलस ने मेड्रिड में यह प्रतिष्ठित ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ ऑर्डर ऑफ सिविल मेरिट’ सम्मान दिया। इससे पहले सुषमा ने बुल्गारिया और मोरक्को का दौरा किया था। सुषमा ने जोसेफ से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर बातचीत भी की।

नेपाल में सबसे पहले राहत टीम भेजने वाले देशों में भारत

भारत ने अपने देश के बाहर आपदा के बाद सबसे बड़ा अभियान नेपाल में शुरू किया था। 25 अप्रैल को आए भूकंप के चार घंटों के भीतर नेपाल में सबसे पहले अपनी राहत टीम भेजने वाले देशों में भारत ही था। काठमांडू में राहत सामग्री के साथ पहुंचने वाला सबसे पहला विमान भारतीय वायुसेना का ही था। भारत ने 24 घंटों के भीतर 10 राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ), एक आर्मी इंजीनियरिंग कार्यबल और सेना की 18 चिकित्सा इकाइयों को नेपाल के लिए भेजा था।पीएम मोदी खुद रख रहे थे नजर

भूकंप के वक्त पीएम मोदी ने नेपाल के अपने तत्कालीन समकक्ष सुशील कोइराला से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने पड़ोसी देश में आए इस आपदा को देखते हुए अपने मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और राहत और बचाव कार्य शुरू करने व राष्ट्रीय बचाव दल की टुकड़ियों को नेपाल भेजने के निर्देश दिए थे। नेपाल में भारत के राहत और बचाव कार्यों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नजर बनाए हुए थे और निर्देश दे रहे थे।भेजी गई थी प्रचुर राहत सामग्री

भारत ने भूकंप पीड़ितों के लिए एक माह से अधिक समय तक काम आने वाली राहत सामग्री प्रचुर मात्रा में भेजी थी। इसके साथ ही पानी, मैदानी अस्पताल, कंबल, तंबू, पैरामेडिक, स्ट्रेचर, दवा, तैयार भोजन, दूध, बर्तन, सब्जी, तुरंत खाने वाला भोजन, आरओ यंत्र, ऑक्सीजन रीजेनेरेटर और मरीजों के लिए बिस्तर आदि भेजे गए। राहत और बचाव कार्य के दौरान विभिन्न विमानों द्वारा 1677 उड़ानें भरी गईं, जिनमें भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा भरी गई 1569 उड़ानें शामिल हैं। इस दौरान 1348.995 टन सामान ले जाया गया और 5188 लोगों और 780 शवों को निकाला गया।

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