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Year Ender 2022 : PM मोदी के वो Top Statements, जिन्हें पूरी दुनिया ने दिल से सुना, मन से समझे इसके गहरे मायने और मुक्तकंठ से प्रशंसा कर सिर-आंखों पर बैठाया

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अलविदा कहता साल 2022 याद दिला रहा है कि ये साल दुनियाभर को भारत की ताकत, समृद्धि, आर्थिक तरक्की और गौरवशाली इतिहास का अहसास कराने के लिए भी जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर न सिर्फ भारत की ऐसी प्रतिष्ठा कराई, जैसी आजादी के बाद आज तक नहीं हुई, बल्कि पीएम के बयानों को पूरी दुनिया से शिद्दत से सुना, समझा और उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की। इस साल प्रधानमंत्री ने कई देशों की यात्राएं कीं। उन्होंने इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया। इसके साथ ही सितंबर, 2022 में वे शंघाई सहयोग परिषद (SCO) की बैठक में शामिल होने उज्बेकिस्तान गए। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम मोदी से मुलाकात की। इन सभी मुलाकातों और यात्राओं के दौरान पीएम मोदी की बातों इतिहास में दर्ज हुईं।

जंग रोकने और शांति, सद्भाव, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक रास्ता तलाशना होगा
कहां बोले – बाली (इंडोनेशिया)
G-20 सम्मेलन के पहले सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना और इसके बाद यूक्रेन में आए संकट ने दुनिया में तबाही मचाई है। इसके चलते ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी असर पड़ा। यूनाइडेट नेशन (UN) भी इन मुद्दों पर कुछ खास नहीं कर पाया। ऐसे में हमें यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के लिए रास्ता तलाशना होगा। हमें यूक्रेन में जंग को रोकने के लिए कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए। पीएम मोदी ने शिखर सम्‍मेलन में कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध विराम और कूटनीति के रास्‍ते पर लौटने की राह खोजनी होगी। दुनिया में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्‍प दिखाना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह समय की मांग है। रूस के फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पहली बार जी-20 नेताओं की बैठक हो रही है।

आज का युग युद्ध का नहीं है…इसे दुनिया ने शांति संदेश के तौर पर स्वीकारा
कहां बोले- समरकंद (उज्बेकिस्तान)
पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग परिषद की 22वीं बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है’। मोदी के इस बयान की तारीफ अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने की थी। बाद में उनके इस बयान को बाली में हुए जी-20 सम्मेलन में शांति संदेश के तौर पर स्वीकार किया गया। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को रोकने में पीएम मोदी ने अहम भूमिका निभाई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर बिल बर्न्स ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। बर्न्स ने कहा है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर पीएम मोदी के विचारों का रूसियों पर प्रभाव पड़ा और इसने यूक्रेन युद्ध के चलते होने वाली वैश्विक आपदा को रोकने का काम किया।

बुद्ध बोध भी हैं, बुद्ध शोध भी हैं..बुद्ध विचार भी हैं और बुद्ध संस्कार भी हैं..
कहां बोले- लुंबिनी, नेपाल
पीएम मोदी बुद्ध जयंती के मौके पर नेपाल की यात्रा पर लुंबिनी पहुंचे। यहां उन्होंने लुंबिनी मठ क्षेत्र के भीतर एक अद्वितीय बौद्ध संस्कृति एवं विरासत केंद्र के निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान 16 मई, 2022 को उन्होंने कहा कि बुद्ध मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण हैं। बुद्ध बोध भी हैं और शोध भी हैं। बुद्ध विचार भी हैं, और बुद्ध संस्कार भी हैं। जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वो सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। आज भी वहां प्राचीन अवशेष निकल रहे हैं जिनके संरक्षण का काम जारी है। हमें इस विरासत को साथ मिलकर विकसित और समृद्ध करना है।रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई भी नहीं जीतेगा, सभी को नुकसान होगा..
कहां बोले- बर्लिन (यूरोप दौरा)
पीएम मोदी ने ने इस साल दो मई को अपने यूरोप दौरे में जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने कहा-रूस और यूक्रेन के बीच हो रही लड़ाई में कोई विजयी नहीं होगा। सभी को नुकसान होगा। इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। इस जंग से विश्व में खाद्यान्न और फर्टिलाइजर की भी कमी हो गई है। यूक्रेन संघर्ष से उत्पन्न उथल-पुथल के कारण तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे विश्व के हर परिवार पर बोझ पड़ा है। विकासशील और गरीब देशों पर इसका असर और गंभीर होगा। इस संघर्ष के मानवीय प्रभाव से भारत बहुत चिंतित है।

21वीं सदी के तीसरे दशक की सच्चाई…India is going global
कहां बोले- बर्लिन (भारतीयों को संबोधन)
यूरोप की तीन दिवसीय यात्रा पर जर्मनी के बर्लिन में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी के इस तीसरे दशक की सबसे बड़ी सच्चाई है कि India is going global. भारत अब ग्लोबल हो रहा है। हम दुनिया की मदद करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। भारतीयों को हर जगह पहचान मिल रही है। जब मैं करोड़ों भारतीयों की बात करता हूं तो इसमें न केवल वहां रहने वाले बल्कि यहां रहने वाले भी शामिल होते हैं। मेरे शब्दों में दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले मां भारती के सभी बच्चे शामिल हैं।

जो भारत में निवेश नहीं करेंगे, वे निश्चित रूप से चूक जाएंगे..
कहां बोले- कोपेनहेगन
यूरोप यात्रा के दौरान पीएम मोदी डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे। मोदी ने डेनमार्क की प्राइम मिनिस्टर मेटे फ्रेडरिक्सन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन दिनों सोशल मीडिया पर FOMO या ‘फियर ऑफ मिसिंग आउट’ शब्द का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। भारत के रिफॉर्म और निवेश के अवसरों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि जो लोग हमारे देश भारत में निवेश नहीं करते हैं वे निश्चित रूप से चूक जाएंगे। भारत में निवेश का यह सर्वोत्तम समय है। भारत आने वाले वर्षों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में शामिल होने जा रहा है।

हमारी खपत जरूरतों से तय हो, जेब के आकार से निर्धारित न हो
कहां बोले- डेनमार्क
डेनमार्क में रह रहे भारतीयों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि यूज एंड थ्रो नीति हमारे ग्रह के लिए नकारात्मक है। हमारी खपत हमारी जरूरतों से निर्धारित होनी चाहिए, न कि हमारी जेब के आकार से यह तय हो। पर्यावरण के लिए हमें अपनी जीवनशैली को बदलना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं दुनियाभर के नेताओं से मिलता हूं तो वे भारतीयों के शांतिपूर्ण और मेहनती स्वभाव के बारे में बताते हुए कभी नहीं थकते। समावेशिता और सांस्कृतिक विविधता भारतीय समुदाय की ताकत है।

ब्रिक्स के सदस्य देश आतंकियों को नामित करने में एक-दूजे का सहयोग करें
कहां बोले- ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (वर्चुअल मीटिंग) में कहा कि सदस्य देशों को एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं को समझना चाहिए और आतंकवादियों को नामित करने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने इस साल 25 जून को अपने संबोधन में कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह बात चीन की ओर से संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित करने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को रोकने के कुछ दिनों बाद ही कही थी।

भारत वो अमर बीज, जो विपरीत हालातों में थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन मर नहीं सकता..
कहां बोले – पुड्डुचेरी
चीन द्वारा अनावश्यक तनाव दिए जाने और सरहद पर झड़पों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान देते हुए कहा कि भारत वो अमर बीज है, जो विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में थोड़ा-सा दब सकता है, थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन वो कभी भी मर नहीं सकता। क्योंकि भारत मानव सभ्यता का सबसे परिष्कृत विचार है, मानवता का सबसे स्वाभाविक स्वर है।

पंच प्राण की बात…गुलामी के एक भी अंश को किसी भी हालत में बचने नहीं देना
कहां बोले – नई दिल्ली (लालकिले की प्राचीर से)

लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले वर्षों में हमें ‘पंच प्राण’ से संकल्पों पर चलना होगा। हमारा पहला प्रण- विकसित भारत है। हमें बड़े संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है। दूसरा प्राण है- गुलामी के सभी निशान मिटा देना। तीसरा प्राण यह है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व करना चाहिए। चौथा प्राण एकता की ताकत है और पांचवां प्राण में नागरिकों के कर्तव्य हैं, जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे तब आजादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा।

 

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