वैश्विक कोरोना महामारी से लड़ने में जहां अमेरिका और ब्रिटेन जैसे साधन संपन्न देश खुद को असहाय महसूस कर रहे थे, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सीमित संसाधनों के बावजूद 130 करोड़ की आबादी को बचाने के लिए डटकर मुकाबला किया। कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह सेनापति की भूमिका निभाई, उसकी सराहना आज विश्व बैंक भी कर रहा है। विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए उसके द्वारा दी गई आर्थिक मदद का मोदी सरकार ने बेहतर इस्तेमाल किया। इसके साथ ही भारत सरकार के केंद्रीकृत खरीद, दीर्घकालिक बाजार विकास, आपातकालीन चिकित्सा उपकरण के उत्पादन और प्रारंभिक निर्यात प्रतिबंधों ने कोरोना के असर को कम करने में मदद की।
दरअसल विश्व बैंक ने कोरोना महामारी के दौरान आपातकालीन प्रबंधन और क्षमता बढ़ाने के लिए भारत को 11, 983 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसमें से 4.500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए किया गया था। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती दौर में भारत के सामने इस महामारी से निपटने के लिए न तो पूरी तैयारी थी और न ही क्षमता थी। लेकिन बेहद कम समय में जिस तरह से भारत इन चुनौतियों का सामना किया वो सराहनीय था।
विश्व बैंक की इस तारीफ के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट लिखा, “विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की कोरोना के खिलाफ अपनाई गई रणनीतियों की प्रशंसा की गई है। इसमें कहा गया है कि भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण और त्वरित टेंडर प्रक्रिया का इस्तेमाल किया।”
World Bank report praises India’s COVID-19 strategies. It stated that India used a ‘whole of Government’ approach and accelerated tendering process in the fight against the COVID-19 pandemic. pic.twitter.com/yDyRv21cNv
— Office of Dr Mansukh Mandaviya (@OfficeOf_MM) August 31, 2022
विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत ने जल्द ही जरूरी चीजों के निर्यात पर लगाम लगाकर अच्छा किया था। साथ ही, सरकारी खरीद के लिए केंद्रीय व्यवस्था बनाई गई और बेहतरीन तरीके से पीपीई किट और मास्क जैसी जरूरी चीजों के उत्पादन की तकनीकी की बारीकी बताई गई। इससे इन सामानों का देश में ही बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हुआ। दीर्घकालिक बाजार विकास को ध्यान में रखते हुए उनका वितरण भी सुनिश्चित किया गया।
World Bank lauds India’s successful response to #COVID19 crisis.@WorldBank noted that the Indian Govt’s decision to have centralised procurement, support to long-term market development & production of Emergency Medical Equipment worked in its favour.https://t.co/mJdNyaQCzW
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 31, 2022
रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार ने पूरे देश में कई मंत्रालयों का समूह बनाकर काम किया, जिससे पूरा देश एक नजर आय़ा। और महामारी से निपटने में शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का प्रबंधन भी भारत में बेहतरीन तरीके से किया गया। निजी क्षेत्र की तरफ से कोरोना की जांच का जिम्मा संभाल लेने की वजह से देश में बीमारी के दौरान लोगों की मुश्किलें कम हुईं।
विश्व बैंक ने आवश्यक वस्तुओं की गुणवत्ता से समझौता नहीं करने के लिए भारत की प्रशंसा की है। इसने गुणवत्ता वाले उत्पादों को सुनिश्चित करने के लिए निर्माण स्थलों पर प्री- डिस्पैच इंस्पेक्शन के लिए निरीक्षण एजेंसियों को काम पर रखने के लिए भारत की केंद्रीय खरीद एजेंसी,(HLL Lifecare Limited) की सराहना की। फरवरी 2020 में एचएलएल को कोविड -19 महामारी के दौरान आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं की आपातकालीन खरीद में तेजी लाने के लिए केंद्रीय एजेंसी के रूप में चुना गया था। सिंगापुर की एक कंपनी ने चीन के सब स्टैंडर्ड मास्क बेचने की कोशिश की। कंपनी ने थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन को बाइपास करने की कोशिश की। लेकिन इस घपले को एचएलएल ने पकड़ लिया था।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने जल्द से जल्द आत्मनिर्भरता की ओर रुख किया। टेस्टिंग से लेकर पीपीई किट तक, हर सामान भारत में बनने लगा, जिसका बहुत फायदा हुआ। N 95 मास्क का दाम 250 से कम होकर 20 रुपये पर आ गया। पीपीई किट 700 से घटकर 150 की हो गई है। RT PCR किट जिससे कोरौना का टेस्ट होता है, वो पहले 1207 की मिल रही थी, वो 72 रुपये की लागत पर बनाई जा सकी। बेसिक आईसीयू वेंटिलेटर 2 लाख रुपये में बनाया गया जबकि आयात करने पर इसकी कीमत 10 लाख रुपये थी। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में इस बात की भी तारीफ की गई है कि सभी राज्यों में कोरोना के सही फैलाव का आंकलन कर लिया गया और वो सही साबित हुआ। उसी हिसाब से सभी को जरूरी सामान मुहैया कराया जा सका।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने विश्व बैंक की तारीफ के बाद एक समाचार पत्र का लेख शेयर करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने इस ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने अपने नीतिगत निर्णयों के आधार पर जिस प्रकार कोविड प्रबंधन किया उसके लिए विश्व बैंक ने भारत के कामकाज को सराहा है। दूरदर्शी नेतृत्व से भारत आज अन्य देशों के मुक़ाबले कोविड से लड़ाई में अधिक मज़बूत है।”
प्रधानमंत्री @NarendraModi जी के नेतृत्व में भारत ने अपने नीतिगत निर्णयों के आधार पर जिस प्रकार कोविड प्रबंधन किया उसके लिए विश्व बैंक ने भारत के कामकाज को सराहा है।
दूरदर्शी नेतृत्व से भारत आज अन्य देशों के मुक़ाबले कोविड से लड़ाई में अधिक मज़बूत है। pic.twitter.com/kX5tCDO6yH
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 31, 2022