Home समाचार श्रमयोगी पीएम मोदी से बातकर खुश हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के श्रमजीवी,...

श्रमयोगी पीएम मोदी से बातकर खुश हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के श्रमजीवी, कहा- 26 जनवरी को प्रधानमंत्री का विशेष अतिथि बनने पर गर्व

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के सबसे बड़े श्रमयोगी हैं, जो काम करने से न कभी थकते हैं और न ही कभी रूकते हैं। आज तक उन्होंने कभी छूटी नहीं ली है। वो श्रम की महत्ता को बखूबी जानते हैं। इसलिए वो श्रमजीवियों का सम्मान करने का कोई मौका भी नहीं चूकते हैं। गुरुवार (08 सितंबर, 2022) को ऐतिहासिक कर्तव्य पथ, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी श्रमजीवियों का भी पूरा ख्याल रखा। इस मौके पर उन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों से बात कर उनके योगदान की सराहना की। इससे श्रमिकों को खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमिकों के योगदान को याद करते हुए कहा, ‘आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो कर्तव्य पथ के लिए काम करने वाले सभी श्रमजीवियों को 2023 में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए आमंत्रित करेंगे। उन्होंने सभी श्रमजीवियों को गणतंत्र दिवस पर पूरे परिवार के साथ आने का निमंत्रण दिया।  

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन गई है, एक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है। जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है, तो फैसले भी उतने ही संवेदनशील होते चले जाते हैं इसलिए देश अब अपनी श्रम शक्ति पर गर्व कर रहा है। ‘श्रम एव जयते’ आज देश का मंत्र बन रहा है।” प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि नई संसद के निर्माण के बाद उसमें काम करने वाले श्रमिकों को भी एक विशेष गैलरी में स्थान दिया जाएगा। ये गैलरी आने वाली पीढ़ियों को भी ये याद दिलाएंगी कि लोकतन्त्र की नींव में एक ओर संविधान है, तो दूसरी ओर श्रमिकों का योगदान भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मुझे अभी उन श्रमजीवियों से मुलाकात का भी अवसर मिला। उनसे बात करते समय मैं ये महसूस कर रहा था कि, देश के गरीब, मजदूर और सामान्य मानवी के भीतर भारत का कितना भव्य सपना बसा हुआ है। उन्होंने कहा कि अपना पसीना बहाते समय वो उसी सपने को सजीव कर देते हैं।” इस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमिकों के योगदान की सराहना कर उन्हें अपने श्रम और देश के प्रति समर्पण का अहसास कराया। उन्होंने श्रमिकों को बताया कि उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्य में योगदान देकर इतिहास का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त किया है। 

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी से बात करने वालों श्रमिकों में बिहार के भागलपुर के रहने वाले 25 साल के नीरज कुमार भी शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत को शेयर करते हुए नीरज ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि कोविड के दौरान कोई परेशानी तो नहीं हुई। पेमेंट में कोई कठिनाई तो नहीं हुई। नीरज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 26 जनवरी को अपना अतिथि बनाया है, इसलिए अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली जरूर आएंगे।  नीरज का कहना है कि 10 फरवरी, 2021 को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम शुरू किया और अपना काम समझकर करते आ रहे हैं। अभी यहां कुछ दिन और काम करेंगे। 

नीरज की तरह वासुदेव कुमार भी प्रधानमंत्री मोदी से बातकर काफी खुश है। बिहार के कटिहार के रहने वाले वासुदेव ने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे काम के अनुभव के बारे में पूछा और 26 जनवरी को अपना खास अतिथि बनाने का न्योता दिया। 19 साल के वासुदेव को देश के ऐतिहासिक प्रोजेक्ट में काम करने पर बहुत गर्व हैं। उन्हें ये प्रोजेक्ट जिंदगी भर याद रहेगा। सेंट्रल विस्टा श्रमिकों के दिल मे हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर वे 26 जनवरी को जरूर आएंगे। उन्हें परिवार के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिलेगा। 

यह पहला मौका नहीं जब प्रधानमंत्री मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों से आत्मीय मुलाकात की हो। इससे पहले भी उनसे मिल चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक एक साल पहले 26 सितंबर, 2021 की रात को नए संसद भवन के निर्माण के लिए जारी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का जायजा लेने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी रात करीब 8:45 बजे बिना किसी पूर्व सूचना और सुरक्षा के निर्माण स्थल पर पहुंच गए थे। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कंस्ट्रक्शन साइट पर करीब 1 घंटा समय बिताया था और नए संसद भवन के निर्माण कार्यों का खुद से जायजा लिया था। इस दौरान वे साइट पर श्रमिकोंं से बात भी करते दिखे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर श्रमिकों और उनके योगदान का सम्मान कर उन्हें गर्व की अनुभूति कराई है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ और काशी में श्रमिकों पर हुए पुष्प वर्षा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब काशी में, विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का अलौकिक अवसर होता है, तो श्रमजीवियों के सम्मान में भी पुष्प वर्षा होती है। जब प्रयागराज कुम्भ का पवित्र पर्व होता है, तो श्रमिक स्वच्छता कर्मियों का आभार व्यक्त किया जाता है। अभी कुछ दिन पहले ही देश को स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS विक्रांत मिला है। मुझे तब भी INS विक्रांत के निर्माण में दिन रात काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों और उनके परिवारों से मिलने का अवसर मिला था। मैंने उनसे मिलकर उनका आभार व्यक्त किया था। श्रम के सम्मान की ये परंपरा देश के संस्कारों का अमिट हिस्सा बन रही है।

Leave a Reply