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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया देखेगी पीएम मोदी का जलवा और भारत की ‘सॉफ्ट पॉवर’, यूएन के कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 9वां संस्करण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वैश्विक स्तर पर बढ़ते कद और भारत की ‘सॉफ्ट पॉवर’ का साक्षी बनेगा। इस साल 21 जून को धूमधाम से योग दिवस मनाने के लिए भारत सहित पूरे विश्व में व्यापक तैयारियां की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उसी स्थान पर सामूहिक योग प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे, जहां से 9 साल पहले उन्होंने 2014 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था। यूएन के इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 77वें सत्र के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी के अलावा 180 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

यूएन में योग दिवस कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद शायद यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री मोदी योग दिवस पर देश से बाहर होंगे। प्रधानमंत्री मोदी 21 जून को अमेरिका की धरती से योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नौवें वार्षिक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का समारोह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के उत्तरी लॉन में सुबह आठ बजे से नौ बजे के बीच आयोजित किया जाएगा, जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित है। इसमें 180 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें कलाकार,डिप्लोमेट, स्कॉलर और उद्यमी शामिल होंगे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘उनके विजन से बेहद प्रभावित हूं..।’

योग दिवस को लेकर यूएन के अधिकारियों में काफी उत्साह 

प्रधानमंत्री मोदी के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी भी बेहद उत्सुक हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने योग दिवास को लेकर अपनी उत्सुकता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र में नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक हूं।’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ली गई अपनी एक तस्वीर भी ट्वीट की। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव अमीना मोहम्मद ने भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक तस्वीर द्वीट के करते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक है।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका मैरी मिलबेन भी होंगी शामिल

योग दिवस को आकर्षक बनाने के लिए मशहूर हस्तियां भी शामिल हो रही हैं। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका मैरी मिलबेन भी शामिल होंगी। राष्ट्रगान, जन-गण-मन और ओम जय जगदीश हरे के गायन की वजह से भारत में अत्यधिक लोकप्रिय हुई 38 वर्षीय मैरी मिलबेन ने इसे ऐतिहासिक अवसर बताया है। भारतीयों में मैरी मिलबेन की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 23 जून को वाशिंगटन में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में प्रस्तुति देने के लिए भी आमंत्रित किया गया है।

‘आर्कटिक से अंटार्कटिका तक योग’ कार्यक्रम का आयोजन

भारतीय विदेश मंत्रालय ने ‘आर्कटिक से अंटार्कटिका तक योग’ कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के अलावा प्राइम मेरिडियन लाइन में आने वाले देशों में सीवाईपी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ समन्वय कर रहा है। उत्तरी ध्रुव और दक्षिण ध्रुव क्षेत्रों पर हिमाद्री, स्वालबार्ड, आर्कटिक में भारतीय अनुसंधान केंद्र और भारती-अंटार्कटिका भारतीय अनुसंधान केंद्र में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के समन्वय में सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ‘ओशन रिंग ऑफ योगा’ जैसे कई अद्वितीय कार्यक्रमों का साक्षी बनेगा, जहां भारतीय नौसेना के जहाजों को दुनिया भर के 9 बंदरगाहों पर तैनात किया जाएगा और कॉमन योगा प्रोटोकॉल (सीवाईपी) के प्रदर्शन में भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

इस वर्ष की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग”

भारत में इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम 21 जून 2023 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित किया जाएगा। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल के मुताबिक योग दिवस के लिए इस वर्ष की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग” एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य का वर्णन करती है। वसुधैव कुटुम्बकम प्राचीन काल से ही भारतीय विरासत के लिए मार्गदर्शन कराने वाला प्रकाश रहा है और हमारे लोकाचार व सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने इसके चारों ओर बुने गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि योग के अभ्यास के माध्यम से वैश्विक समुदाय विभिन्न मौजूदा स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान खोजने में सक्षम होगा। 

पीएम मोदी ने भारत को बनाया ‘सॉफ्ट पॉवर’ 

गौरतलब है कि मई 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सांस्कृतिक ताकत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने और भारत को ‘सॉफ्ट पॉवर’ बनाने के लिए लगातार काम किया है। उनके प्रयास का परिणाम है कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मानने की घोषणा हुई और उसे लगातार वैश्विक मान्यता मिलती जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति की कई उत्कृष्ट सफलताओं में से एक है। आज दुनिया के कोने-कोने में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग बड़े जोश के साथ योग के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों का नतीजा है कि योग को दुनिया के अधिकतर देशों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

प्रधानमंत्री पद संभालने के कुछ समय बाद, सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अपने पहले संबोधन में ही अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को पूरे आत्मविश्वास के साथ रखा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अपनी जीवनशैली को बदलकर और चेतना पैदा करके, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी हमारी मदद कर सकता है।” उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” की उनकी मांग का समर्थन करें।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मंजूरी दिलाना कोई आसान काम नहीं था। 1980 से यूएनजीए के नियमों के अनुसार ऐसे प्रस्तावों को केवल तभी पारित किया जाता है जब सभी देशों का बहुमत उसे मिला हो। साथ ही वो सारे देशों की प्राथमिकता से संबंधित हों और वैश्विक समस्याओं को हल करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विकास में योगदान दे। तो सच में ये एक कठिन काम था।

प्रधानमंत्री मोदी के कूटनीतिक प्रयासों ने मुश्किल काम को भी मुमकिन बना दिया। चीन के प्रारंभिक समर्थन के बाद, अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान ने काफी मदद की। मिस्र, नाइजीरिया, सेनेगल, तुर्की, इराक, ईरान और इंडोनेशिया सहित कई देशों के साथ साथ इस्लामी सहयोग समूह (ओआईसी) के 56 में से 48 देशों का समर्थन मिला।

सऊदी अरब, मलेशिया, ब्रुनेई, और पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। ब्राजील, मेक्सिको, कोलंबिया, अर्जेंटीना के साथ-साथ अफ्रीका, एशिया-प्रशांत और कैरीबियाई में बड़े भारतीय डायस्पोरा वाले देश, सभी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हमारे अपने क्षेत्र में अफगानिस्तान, भूटान और म्यांमार, श्रीलंका और नेपाल ने बड़े उत्साह से साथ दिया।

आखिरकार, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तावित किए जाने के सिर्फ 75 दिन बाद ही भारत को एक बड़ी जीत मिली। 11 दिसंबर, 2014 को यूएनजीए ने 193 देशों में से 177 के समर्थन के साथ इस प्रस्ताव को पास किया। इसमें सबसे बड़ी बात ये थी कि प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। भले ही लोग अनुपस्थित रहे।

पहली बार 21 जून, 2015 को विश्व योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ मनाया गया। यह विशेष रूप से भारत के लिए एक खास दिन था। इसका कारण यह है कि प्राचीन काल में योग का जन्म भारत में हुआ था और इस स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त होने के कारण यह हमारे लिए गर्व का विषय था। देश में बड़े पैमाने पर इसे मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने सभी भारतीयों को गर्व का एहसास कराया। आज दुनिया के 200 देशों में करोड़ों लोग योग कर रहे हैं। योग दुनिया भर में भारत के राजदूत की तरह काम कर रहा है

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