प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी है। पीएम ने कहा कि भारत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के नेताओं में एक-दूसरे के प्रति अभूतपूर्व विश्वास पैदा हुआ है। भारत एक बड़ी और महती भूमिका निभाने की योग्यता रखता है। उन्होंने कहा कि भारत किसी और देश की जगह नहीं ले रहा। भारत दुनिया में अपना सही स्थान प्राप्त कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक मामलों में भारत और अधिक बड़े प्रोफाइल और रोल का हकदार है। अमेरिका यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ (WSJ) को इंटरव्यू दिया है।
पीएम मोदी का अमेरिकी दौरा ऐतिहासिक
पीएम मोदी 20 जून 2023 को सुबह 7 बजे अपने तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर रवाना हो गए। इस दौरे में वो योग दिवस के खास कार्यक्रम समेत कई और अहम कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पीएम मोदी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन के न्योते पर पहली बार राजकीय अतिथि बनकर अमेरिका जा रहे हैं। उनका ये अमेरिकी दौरा इसलिए भी ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि वो वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी संसद को भी संबोधित करेंगे।
भारत विश्व में अपना सही स्थान प्राप्त कर रहा
पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक मामलों में भारत और अधिक बड़े प्रोफाइल और रोल का हकदार है। हम भारत को ऐसे देश के रूप में नहीं देखते जो किसी और की जगह ले। हम इस प्रक्रिया को इस रूप में देखते हैं कि भारत विश्व में अपना सही स्थान प्राप्त कर रहा है।
भारत-अमेरिका के बीच अभूतपूर्व संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए इंटरव्यू में भारत और अमेरिका के संबंधों पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अभूतपूर्व संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच एक अभूतपूर्व विश्वास है।
आज दुनिया एक-दूसरे से अधिक जुड़ी हुई
आज दुनिया एक-दूसरे से अधिक जुड़ी हुई है। आज हम जितना एक-दूसरे पर निर्भर हैं, पहले नहीं थे। लचीलापन पैदा करने के लिए सप्लाई चेन में अधिक विविधीकरण होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, ”आज की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा इंटरकनेक्टेड और इंटरडिपेंडेंट हैं। सप्लाई चेन में और विविधता लाने की जरूरत है।”
चीन के साथ सामान्य संबंध के लिए सीमा पर शांति जरूरी
पीएम मोदी ने चीन के साथ भारत के संबंध पर कहा कि सामान्य संबंध के लिए सीमा पर शांति जरूरी है। हम संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों व विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखते हैं। हर देश को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।
रूस-यूक्रेन युद्धः बातचीत से हो विवादों का समाधान
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि लड़ाई के बदले बातचीत और कूटनीति से विवादों का हल किया जाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं कि हम तटस्थ हैं, लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। विश्व को इस बात पर पूरा यकीन है कि भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता शांति है।
भारत को मिले सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता
संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी पर भी पीएम मोदी ने कहा कि परिषद की वर्तमान सदस्यता का मूल्यांकन होना चाहिए। दुनिया से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह चाहती है कि भारत वहां रहे? भारत संघर्ष समाप्त करने व स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करता है। इसके लिए भारत जो कुछ भी कर सकता है करेगा।
देश की परंपराओं से मिलती है ताकत
पीएम मोदी ने कहा, “मैं स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। इसीलिए मेरी विचार प्रक्रिया, मेरा आचरण, मैं जो कहता और करता हूं, वह मेरे देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। मुझे इससे अपनी ताकत मिलती है। मैं अपने देश को दुनिया के सामने वैसा ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है।”