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देखिए विपक्षी एकता की नौटंकी, नीतीश कुमार ने फिर मारी पलटी, प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसीआर ने पीएम उम्मीदवार के रूप में नाम नहीं लिया तो लगे भागने

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देश में 2024 के आम चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछने लगी है। वहीं विपक्षी नेताओं और दलों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। इसकी झलक पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखने को मिली। नीतीश कुमार अपनी आदत के मुताबिक जो ड्रामा किया, वो तेलंगाना के सीएम के लिए एक सार्वजनिक बेइज्जती थी। नीतीश कुमार ने जहां केसीआर का अपमान किया, वहीं प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनने के लिए पर्दे के पीछे चल रहे सियासी ड्रामे को भी उजागर कर दिया है। 

मीडिया के सवाल पर कुर्सी छोड़ खड़े हो गए नीतीश

दरअसल तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं। इसी सिलसिले में केसीआर बुधवार (31 अगस्त, 2022) को एक दिन के दौरे पर पटना पहुंचे। सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद तीनों नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जब तेलंगाना के सीएम केसीआर से सवाल पूछा गया कि क्या 2024 में विपक्षी खेमे का नेतृत्व नीतीश कुमार करेंगे? यह सुनते ही नीतीश कुमार परेशान हो गए और कुर्सी छोड़ खड़े हो गए। इस दौरान केसीआर उनका हाथ पकड़ कर बैठाने की कोशिश करते रहे। 

कभी हाथ तो कभी कुर्ता पकड़कर खींचते रहे केसीआर 

इस बीच एक पत्रकार ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने के बारे में सवाल पूछ लिया। इस पर नीतीश कुमार बीच में बोले कि हम सबको एकजुट करने की कोशिश करेंगे। इस पर अभी क्या बता सकते हैं कि क्या होगा या क्या नहीं होगा। ये सब बातें क्यों कर रहे हैं। इसके बाद नीतीश कुमार ने हंसते हुए कहा कि इन लोगों के चक्कर में मत पड़िए और चलिए। बहुत देर तक अजीबोगरीब स्थिति रही। चंद्रशेखर राव कभी उनका हाथ तो कभी उनका कुर्ता पकड़कर खींच कर बिठाते रहे।

पीएम उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगने से भागने लगे नीतीश

प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर नीतीश कुमार के भागने की मुख्य वजह केसीआर द्वारा बिहार में उनकी उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगाना है। जब केसीआर से इस बात पर सवाल-जवाब होने लगा कि क्या तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू होगी तो प्रधानमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार का नाम पेश किया जाएगा। ऐसे में केसीआर इधर उधर की बात करने लगे। उन्होंने नीतीश कुमार को बड़ा भाई बताया लेकिन नीतीश कुमार की उम्मीदवारी पर मौन साध लिया। इससे आहत नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही अपनी पलटीमार छवि के मुताबिक बिहार के अतिथि केसीआर के साथ सामान्य शिष्टाचार भी नहीं निभाया और उनका अपमान किया।  

नीतीश ने तेलंगाना के सीएम केसीआर का किया अपमान

इस तरह नीतीश कुमार द्वारा केसीआर का अपमान किए जाने पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने नीतीश कुमार और केसीआर पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “क्या इस तरह बेइज्जत होने पटना गए थे केसीआर ? नीतीश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केसीआर को अपनी बात को पूरा करने का बुनियादी शिष्टाचार भी नहीं निभाया। नीतीश ने केसीआर को अपनी बात पूरी करने के अनुरोध की भी ठुकरा दिया। लेकिन वो तो नीतीश कुमार ठहरे, जो स्वयं अभिमानी है। इसके लिए केसीआर क्या कहेंगे…”

बिहार को पीएफआई युक्त और हिंदू मुक्त बनाने का टिप्स देने आये थे केसीआर- गिरिराज

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और नीतीश कुमार की मुलाकात पर गिरिराज ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केसीआर नीतीश जी को यह सिखाने के लिए बिहार आए थे कि बिहार को पीएफआई युक्त और हिंदू मुक्त कैसे बनाया जाए। जैसे तेलंगाना और हैदराबाद में ‘सर तन से जुदा’ का कार्यक्रम चल रहा है।

पीएम पद के लिए उम्मीदवारी को लेकर विपक्ष में घमासान

नीतीश कुमार, के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल विपक्ष के प्राधनमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की जोड़-तोड़ में लग गए हैं। 2024 के आम चुनाव तक ये सभी नेता अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए एक से बढ़कर एक हथकंडे अपनाएंगे। लेकिन केसीआर के पटना दौरा और नीतीश कुमार की पलटी मारने की आदत से आम जनता को भी संकेत मिल गया कि यह सियासी ड्रामा आम चुनाव के नतीजे आने तक जारी रहने की उम्मीद है।

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