दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सियासी फायदे के लिए रंग बदलने में महारत हासिल है। राजनीति में शामिल नहीं होने के दावे से लेकर अबतक केजरीवाल अपने ही वचन को झूठा साबित करते रहे हैं। किसान आंदोलन के मामले में भी केजरीवाल का दोगलापन देखने को मिल रहा है। दिल्ली सरकार नये कृषि कानूनों को अपने यहां लागू कर चुकी है लेकिन अब जब इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है तो अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली को अस्त-व्यस्त करने का मौका ढूंढ रही है।
बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट जारी कर दिल्ली सरकार के उस दस्तावेज को पेश किया है, जिसमें दिल्ली सरकार ने दिल्ली में नये कृषि कानूनों को मंजूरी दी है। अमित मालवीय ने कहा है कि दिल्ली सरकार 23 नवंबर को ही नये कृषि कानूनों को मंजूरी दे चुकी है और अब इस कानून को लागू भी कर रही है।
Arvind Kejriwal led Delhi government has already notified the new Farm Laws on 23Nov20 and had started implementing them.
But now that the Khalistanis and Maoists have stepped in to oppose, he sees an opportunity to burn down Delhi.
It was never about farmers. Just politics… pic.twitter.com/s5gMq9z8oW
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 30, 2020
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में प्रदर्शनकारी किसानों के लिए ‘खालिस्तानी’ और ‘माओवादी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए आगे लिखा है “…लेकिन अब जब खालिस्तानी और माओवादी इस कानून का विरोध करने लगे हैं तो अरविंद केजरीवाल को दिल्ली को तबाह करने का मौका मिल गया है, ये कभी भी किसानों से जुड़ा मामला नहीं था, ये सिर्फ राजनीति थी।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से केंद्र को तत्काल और बिना शर्त बातचीत करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने केंद्र से कहा कि उसे तत्काल किसानों से मिलना चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘केंद्र सरकार को किसानों से तत्काल (और) बिना शर्त बातचीत करनी चाहिए।’
केंद्र सरकार किसानों से तुरंत बिना शर्त बात करे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 29, 2020
रविवार को आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि जहां भी किसान दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। दिल्ली सीएम के निर्देशों के अनुसार, AAP सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए सेवादार की भूमिका निभाएगी। हम उनके लिए लंगर, पानी, बिजली आदि की व्यवस्था करेंगे। चड्ढा ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारियों के साथ खड़ी है।
Wherever farmers want to protest in Delhi, they should be given permission. As per Delhi CM directives, AAP govt will play the role of Sewadar for protesting farmers. We’ll arrange langar, water, electricity etc. for them. We will stand by the farmers: AAP leader Raghav Chadha pic.twitter.com/yXxXt6KMe6
— ANI (@ANI) November 29, 2020
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने भी कहा था कि केंद्र सरकार को बगैर कोई शर्त के प्रदर्शनकारी किसानों से बात करनी चाहिए। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने तो उत्तरी दिल्ली और मध्य दिल्ली के जिला अधिकारियों को किसानों के आश्रय, पेयजल, मोबाइल टॉयलेट के साथ ही ठंड के महीने और महामारी को देखते हुए उपयुक्त व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को पांचवे दिन भी जारी है। किसान पिछले पांच दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और वे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने पर अड़े हैं। रविवार को जहां एक तरफ किसानों ने अगली रणनीति के लिए बैठक की वहीं देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हाई लेवल बैठक हुई, जो करीब 2 घंटे तक चली।