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पंजाब में पराली जलाने की घटना चार गुना बढ़ी, कांग्रेस के इस डेवलपमेंट मॉडल का प्रचार करेंगे सोनिया-राहुल!

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कोरोना संकट काल में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के एक बड़े इलाके में प्रदूषण का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। कोरोना काल में पंजाब की कांग्रेसी अमरिंदर सिंह सरकार की लापरवाही के कारण पराली जलाने की घटना में काफी तेजी आई है। पराली जलाने के बढ़ते मामलों के कारण दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषण पाया गया। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर ने पराली जलाए जाने को लेकर जो आंकड़े पेश किए हैं, वे डराने वाले हैं। पीआरएससी का कहना है कि इस साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक के दौरान पराली जलाने की घटना पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब चार गुना ज्यादा दर्ज की गई है। पीआरएससी के लुधियाना डिविजन के हेड एसीएम अनिल सूद ने कहा है कि पिछले साल 2019 में 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 755 घटना हुई थीं जबकि उससे एक साल पहले साल 2018 में यह आंकड़ा 510 था। इस साल यह बढ़कर 2,873 हो गया है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर्यावरण संरक्षण के बारे में पंजाब के इस डेवलपमेंट मॉडल का प्रचार करेंगे।

पराली जलाने की घटना में चार गुना तेजी आने से वायु प्रदुषण का स्तर भी काफी बढ़ रहा है। कोरोना काल में इस स्मॉग और धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। सांस की बीमारी वाले मरीजों के लिए खतरा कुछ ज्यादा बढ़ गया है। पंजाब की कांग्रेस सरकार पराली जलाने पर रोक लगाने में विफल रही है। पंजाब की गलती का खामियाजा पूरे उत्तर भारत के लोगों को भुगतना पड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर सोई हुई है।

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