आजतक न्यूज चैनल पर लाइव शो के दौरान भगवान श्रीराम और सीता माता का अपमान होता रहा, लेकिन कांग्रेस और बीएसपी के नेता चुप्पी साधे रहे। मुस्लिम वोट को ललचाई नजर से देख रहे दोनों पार्टी के नेता हिंदू धर्म के देवी-देवता का अपमान सहते रहे, लेकिन मुंह खोलने की हिम्मत नहीं दिखा पाए।
विधानसभा चुनाव को लेकर ‘आज तक’ के खास कार्यक्रम ‘मुस्लिम वोट के ठेकेदार क्यों’ में मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना देहलवी ने भगवान राम और सीता माता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। देहलवी के अपमानजनक टिप्पणी पर बीजेपी नेता संबित पात्रा और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए माफी की मांग की। लेकिन चर्चा में शामिल बीएसपी के सुधींद्र भदौरिया और कांग्रेस की रंजीता रंजन शांत बने रहे।
संबित पात्रा और राकेश सिन्हा ने कहा कि माता सीता का अपमान हुआ है और जब तक माफी नहीं मांगी जाती बहस आगे नहीं बढ़ सकती। जबकि एक दूसरे मौलाना अंसार रजा का कहना था कि अगर कुछ गलत बोला गया है तो माफी मांगी जाएगी।
इस दौरान एंकर पुण्य प्रसून वाजपेयी ने भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं की और मुकदर्शक बने रहे। उत्तर प्रदेश में 81 प्रतिशत वोट की हिस्सेदारी रखने वाले हिंदू अब भी बंटे हुए हैं और सिर्फ 19 प्रतिशत मुस्लिम वोट के लिए तुष्टिकरण की नीति अपनाकर हिन्दू खुद का अपमान करवा रहे हैं। भगवान राम और माता सीता के अपमान पर सिर्फ दो लोगों संबित पात्रा और राकेश सिन्हा ने विरोध जताया। जबकि पुण्य प्रसून वाजपेयी और दूसरे लोग चुप्पी साधे रहे। बीएसपी नेता तो उलटे बीजेपी नेता को ही शांत कराने में लगे थे। सवाल उठता है कि क्या भगवान सिर्फ बीजेपी और संघ के हैं? पुण्य प्रसून वाजपेयी और वहां मौजूद दूसरे लोगों के नहीं?
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