अभी कुछ ही समय पहले झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था। लेकिन उस समय जर्मनी या अमेरिका को कोई परेशानी नहीं हुई और उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पश्चिमी देशों में खलबली मच गई। जर्मनी तुरंत केजरीवाल के समर्थन में उतर आया और निष्पक्ष जांच की मांग कर दी। उसके बाद अमेरिका ने भी केजरीवाल के समर्थन में बयान दे डाला। वहीं डीप स्टेट के एजेंडे को चलाने वाले मीडिया संगठन वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स, बीबीसी, अलजजीरा धड़ाधड़ केजरीवाल पर खबर छापने लगे। अब सवाल यह उठता है कि केजरीवाल को लेकर विदेशी मीडिया इतना हाइप क्यों क्रिएट कर रहा है। केवल केजरीवाल की गिरफ्तारी को विदेशी मीडिया में क्यों उठाया गया? क्या केजरीवाल के साथ विदेशी ताकतों के हित जुड़े हुए हैं?
अमेरिका को केजरीवाल से इतनी हमदर्दी क्यों
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने टिप्पणी की है। प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी करीबी नजर है। उन्होंने कहा कि हम ‘निष्पक्ष और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया’ की उम्मीद करते हैं। यहां सवाल यह उठता है कि अमेरिका को केजरीवाल से इतनी हमदर्दी क्यों है। अमेरिका ने यही टिप्पणी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर नहीं की। केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने से साफ होता है कि उनका कोई हित जुड़ा हुआ है। अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने जिस तरह से केजरीवाल को फंडिंग करने के खुलासे किए हैं उससे भी लगता है कि केजरीवाल किसी अंतर्राष्ट्रीय इकोसिस्टम के लिए काम कर रहे थे। इसका खुलासा जांच के बाद ही हो सकता है।
भारत ने जताई नाराजगी, अमेरिकी राजनयिक को किया तलब
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत ने नाराजगी जताई है। दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उप-प्रमुख ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली।
#WATCH | The Ministry of External Affairs in Delhi summoned the US’ Acting Deputy Chief of Mission Gloria Berbena, today. The meeting lasted for approximately 40 minutes. pic.twitter.com/LGjD9IvX91
— ANI (@ANI) March 27, 2024
जर्मनी की टिप्पणी पर भारत ने जताया विरोध
इससे पहले जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, “भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हम उम्मीद करते हैं कि न्यायापालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिध्दांत से संबंधित मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा।” भारत ने इस मामले में नई दिल्ली जर्मन दूत को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ‘नई दिल्ली के जर्मन दूतावास के उप प्रमुख को तलब कर उनके सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया गया और बताया गया कि ऐसी टिप्पणी को भारत, न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के रूप में देखता है।’
#WATCH | Georg Enzweiler, Deputy Head of Mission of the German Embassy, leaves from the Ministry of External Affairs (MEA) in Delhi. pic.twitter.com/1insDAZ7zx
— ANI (@ANI) March 23, 2024
वाशिंगटन पोस्ट ने केजरीवाल पर 7 रिपोर्ट प्रकाशित की
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर डीप स्टेट किस तरह सक्रिय हो गया है उसे एजेंडा आधारित पत्रकारिता करने वाले मीडिया संगठनों की खबरों से समझ सकते हैं। वे किस तरह की नैरेटिव बना रहे हैं यह भी ध्यान देने योग्य है। वाशिंगटन पोस्ट ने अब तक केजरीवाल की गिरफ्तारी पर 7 रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसी तरह अलजजीरा ने 4 रिपोर्ट प्रकाशित की है। ये आम आदमी पार्टी के धरना प्रदर्शन को भी कवर कर माहौल बनाने में जुटे हैं।
वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा- विपक्ष पर कार्रवाई, भारत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस मामले में केजरीवाल की भूमिका और दोष स्पष्ट नहीं है। हाल के महीनों में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर व्यवस्थित रूप से दबाव डालने के लिए संघीय जांच एजेंसियों का गलत तरीके से उपयोग करने या 19 अप्रैल से शुरू होने वाले महत्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनावों से पहले उन्हें जेल में डालने का आरोप लगाया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट- भारतीय विपक्षी दलों का कहना है कि जैसे-जैसे मतदान नजदीक आ रहा है, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों ने सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को नुकसान पहुंचाने के लिए मोदी सरकार का कदम बताया है।
बीबीसी ने लिखा- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आप का दावा है कि विधानसभा में अपनी प्रमुख स्थिति के बावजूद भाजपा दिल्ली सरकार को गिराना चाहती है। बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट- “‘मृत लोकतंत्र’: क्या अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी से भारत का विपक्ष एकजुट होगा?” इस गिरफ्तारी ने भारत की राजधानी को एक अभूतपूर्व संवैधानिक संकट में डाल दिया। यह पहली बार है कि किसी सेवारत मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक तरफ अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने फंडिंग लेने का बड़ा खुलासा किया वहीं केजरीवाल के अमेरिकी लॉबी और खालिस्तानियों से संबंध कोई नया नहीं है। 2014 में जब वे सत्ता में नहीं थे तब उन्होंने अमेरिका का दौरा किया था और कई मीटिंग में हिस्सा लिया था। इस पर एक नजर-
खालिस्तानियों ने आम आदमी पार्टी को 133 करोड़ रुपये फंडिंग कीः पन्नू
खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो में कहा, “अरविन्द केजरीवाल खुद को ईमानदार हिंदू कहते हैं लेकिन वह बेईमान हिंदू हैं। जब 2014 में उनके पास सत्ता नहीं थी, तब उन्होंने अमेरिका आकर न्यूयॉर्क में खालिस्तानियों से वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो प्रोफेसर देविंदर पाल सिंह भुल्लर को 5 घंटे के भीतर छोड़ दिया जाएगा।” पन्नू ने केजरीवाल पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पन्नू ने कहा कि भुल्लर को तो नहीं छोड़ा गया लेकिन खालिस्तानियों की बात करने वालों को पंजाब में भगवंत मान की सरकार रोक रही है। पन्नू ने साथ ही आरोप लगाया कि भगवंत मान और केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए खालिस्तानियों से मोटी रकम ली है। पन्नू ने कहा, “2014-2022 के बीच खालिस्तानियों ने AAP की सरकार बनाने के लिए 16 मिलियन डॉलर यानि 133 करोड़ रुपये की मदद दी।
BIG claim by US based Khalistani Terrorist Gurpatwant Singh Pannun says Aam Aadmi Party took $16 million between 2014-2022 from Khalistans.
Pannun Claims Delhi CM Kejriwal had a meeting with Pro Khalistan groups in Gurdwara Richmond Hills, NY in 2014 where Kejriwal promised to… pic.twitter.com/xzzo2MxsQS
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 25, 2024
मुनीश रायजादा ने केजरीवाल की न्यूयार्क यात्रा की पोल खोली
भारतीय लिबरल पार्टी के प्रेसिडेंट और आम आदमी पार्टी से स्थापना के शुरुआती दिनों में जुड़ने वाले डॉ. मुनीश कुमार रायजादा ने पन्नू के केजरीवाल पर खुलासे के बाद कई ट्वीट किए हैं। रायजादा 21 वर्षों तक अमेरिका में रहे और पेशे से चिकित्सक हैं। जब 2014 में केजरीवाल न्यूयार्क यात्रा पर गए तब वे ज्यादातर समय उनके साथ रहे थे। उन्होंने केजरीवाल की यात्रा से संबंधित कई फोटो भी पोस्ट किए हैं जिससे साफ हो जाता है कि पन्नू ने जो कहा है वो सच है। पैसे के बदले किसी आतंकवादी को छोड़ने का आश्वासन देना ये तो सरासर देश के साथ गद्दारी हुई।
Let me pitch in and share one piece of in formation here about @ArvindKejriwal in regards to Khalistani support that might help.
This information pertains to Arvind’s New York visit in 2014.
Today there is a viral news going around “SFJ head Pannun claims Khalistani groups… pic.twitter.com/UssCPmMXMZ— Dr. Munish Kumar Raizada (@DrMunishRaizada) March 25, 2024
केजरीवाल 2014 में दुबई के रास्ते न्यूयार्क पहुंचे
मुनीश रायजादा ने ट्वीट कर लिखा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव जनवरी-फरवरी 2015 में होने वाले थे और अरविंद केजरीवाल को कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क के छात्रों को संबोधित करने का निमंत्रण मिला। उनके आईआईटी बैचमेट राजीव सराफ AAP के फंड को संभाल रहे थे। (वह AAP में आधिकारिक पदधारक नहीं थे, पंकज गुप्ता राष्ट्रीय सचिव थे और संजू भैया राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष थे) और अरविंद 4 दिसंबर 2014 के आसपास दुबई के लिए रवाना हो गए। पूरे यात्रा कार्यक्रम की योजना राजीव सराफ और दुबई स्थित सुब्रतो शाह (अरविंद के एक अन्य आईआईटी मित्र) द्वारा बनाई जा रही थी। दुबई में सुब्रतो शाह ने उनके ठहरने और कार्यक्रम की सुविधा प्रदान की। सुब्रतो शाह ने एक ईमेल प्रसारित किया (उस ईमेल में मैं भी शामिल हूं) जिसमें हमें अमेरिकी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया। हम चाहते थे कि अरविंद शिकागो आएं (मैं शिकागो में था और इस शहर के भारतीय प्रवासी भी आप का जोरदार समर्थन कर रहे थे)। लेकिन शिकागो को छोड़ दिया गया और यह निर्णय लिया गया कि अरविंद केवल न्यूयार्क में रहेंगे।
केजरीवाल न्यूयार्क पहुंचते ही रिचमंड हिल गुरुद्वारा गए
मुनीश रायजादा ने कहा कि चूंकि शिकागो यात्रा रद्द कर दी गई थी, इसलिए मैंने 6 दिसंबर की सुबह शिकागो से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरी और मैंने अरविंद केजरीवाल के एक अन्य आईआईटी बैचमेट और अमेरिका और भारत में व्यापार करने वाले एक स्थापित व्यवसायी सुरेश रेड्डी के साथ एक होटल में चेक-इन किया। अरविंद और राजीव सराफ 7 दिसंबर की सुबह बिजनेस क्लास से न्यूयॉर्क पहुंचे। इस बीच, स्थानीय गुरुद्वारा सदस्यों ने अरविंद की न्यूयार्क के एक स्थानीय गुरुद्वारे की यात्रा के लिए हमसे संपर्क किया था। उनसे मिलने का उत्साह इतना था कि हम अनुरोध के आगे झुक गये। मुझे यह विवरण याद नहीं है कि सिख समुदाय से किसने हमसे संपर्क किया। 7 दिसंबर, 2014 की सुबह, अरविंद केजरीवाल और राजीव सराफ एनवाई हवाई अड्डे पर पहुंचे और मैं, सुरेश रेड्डी और सोमू कुमार हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करते हैं। वहां से, हम सीधे रिचमंड हिल गुरुद्वारा तक जाते हैं जो लगभग 8-10 मील दूर होगा।
Arvind @ArvindKejriwal has landed in New York. We now heading to Richmond Hill Gurudwara. pic.twitter.com/DifjDOobS8
— Dr. Munish Kumar Raizada (@DrMunishRaizada) December 7, 2014
रिचमंड गुरुद्वारे में केजरीवाल ने किया नाश्ता
मुनीश रायजादा ने कहा कि गुरुद्वारा पदाधिकारियों ने मुझसे पहले ही चर्चा कर ली थी और वे चाहते थे कि वह सीधे गुरुद्वारा आएं (हम पहले होटल जाना चाहते थे)। खैर, उनकी इच्छा के अनुसार, हम सीधे रिचमंड गुरुद्वारे की ओर चल पड़े। गुरुद्वारे में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। सिख नेता उनका स्वागत करने के लिए उत्साहित थे। वहां आप अरविंद, मुझे और सुरेश को नाश्ता करते हुए देख सकते हैं।
See the simplicity of a leader like @ArvindKejriwal . Even in NY, ex -Delhi C.M. having breakfast sitting on ground. pic.twitter.com/GMXNErMPDM
— Dr. Munish Kumar Raizada (@DrMunishRaizada) December 7, 2014
केजरीवाल ने सिख नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की
मुनीश रायजादा ने कहा कि सार्वजनिक बैठक के बाद कुछ सिख नेताओं की एक बंद कमरे में बैठक हुई, जिसमें मैं भागीदार नहीं था। इसके बाद हम मैनहट्टन शहर के एक कन्वेंशन सेंटर के लिए रवाना हुए, जहां भारतीय भीड़ अरविंद को सुनने के लिए इंतजार कर रही थी।
Another picture of @ArvindKejriwal addressing gathering of volunteers in #NewYork, Manhattan.
#AKInColumbiaUniv pic.twitter.com/X1SAcuMkVI— Dr. Munish Kumar Raizada (@DrMunishRaizada) December 7, 2014
केजरीवाल फंड रेज़र डिनर में शामिल हुए
मुनीश रायजादा ने लिखा कि कोलंबिया विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के बाद हम अरविंद को होटल के उस कमरे में ले गए जहां सुरेश रेड्डी और मैं ठहरे हुए थे। वहां से हम फंड रेज़र डिनर के आयोजन स्थल के लिए रवाना हुए, जो मैनहट्टन शहर से सिर्फ 5 -7 मिनट की ड्राइव पर था। रात्रि भोज में अच्छी संख्या में लोग शामिल हुए।
#10: After getting fresh, we left for the venue of fund raiser dinner which was just a 5 -7 min drive in downtown Manhattan.
The dinner was well attended. https://t.co/H6WJGdE90I pic.twitter.com/Nj9mpdQaMj— Dr. Munish Kumar Raizada (@DrMunishRaizada) March 25, 2024
केजरीवाल ने की थी अज्ञात लोगों के साथ मीटिंग
मुनीश रायजादा ने लिखा कि अरविंद, राजीव सराफ, मैं, सुरेश होटल में लौट आए। कमरे में, अरविंद ने मुझसे कहा कि वह एक और बैठक में जाएंगे। लेकिन मैं उस बैठक का हिस्सा नहीं था। 3-4 व्यक्ति (अरविंद केजरीवाल और अन्य) एक अज्ञात स्थान के लिए निकल जाते हैं। मैं न्यू जर्सी में रहने वाले अपने दोस्त के घर के लिए निकलता हूं। अगले दिन शाम को मैं शिकागो के लिए निकल जाता हूं। मुझे पता नहीं है कि अरविंद 8 दिसंबर की सुबह कहां और किससे मिले थे। मुझे विवरण याद नहीं है। लेकिन अरविंद 8 दिसंबर को ही भारत के लिए रवाना हो गए।
केजरीवाल का खालिस्तानियों से नजदीकी संबंध
केजरीवाल का खालिस्तानियों से नजदीकी संबंध रहा है और खालिस्तानियों को अमेरिका का समर्थन है। आतंकवादी पन्नू भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का असेट है। यह भी अनायास नहीं है जब केजरीवाल पर शराब घोटाले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी ठीक उसी समय आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आंख का आपरेशन कराने ब्रिटेन पहुंचते हैं और वहां पहुंचते ही उन्होंने खालिस्तान समर्थक ब्रिटिश सांसद प्रीत गिल से मुलाकात की। प्रीत गिल भारत विरोधी बयानों के लिए जानी जाती हैं।
केजरीवाल के फंडिग नेटवर्क की जांच होनी चाहिए
अब केजरीवाल मामले में लगातार अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप हो रहा है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और फंडिग नेटवर्क की जांच होनी चाहिए। केजरीवाल के एनजीओ को फॉरेन फंड मिलता रहा है। फोर्ड फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट देखिए। एनजीओ संपूर्ण परिवर्तन को एक ही साल में 80,000 डॉलर यानी अब के हिसाब से 66 लाख रुपए मिले थे।
केजरीवाल मामले में लगातार अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप हो रहा है. आम आदमी पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और फंडिग नेटवर्क की जांच होनी चाहिए. केजरीवाल के एनजीओ को फॉरेन फंड मिलता रहा है. फोर्ड फाउंडेशन की सालाना रिपोर्ट देखिए. संपूर्ण परिवर्तन को एक ही साल में 80,000 डॉलर यानी अब के… pic.twitter.com/LX5KITenB0
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) March 26, 2024
केजरीवाल ने की थी भुल्लर की रिहाई की सिफारिश
वर्ष 2014 में भाई इकबाल सिंह भट्टी सिखों से जुड़े विभिन्न मुद्दों की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल किया था। उस दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से जंतर मंतर पर बैठे इकबाल सिंह को भेजे गए पत्र में साफ किया गया है कि दिल्ली सरकार ने भुल्लर की रिहाई की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी है। देवेंद्र सिंह भुल्लर को 1993 में नई दिल्ली के रायसीना रोड पर यूथ कांग्रेस ऑफिस पर हुए धमाके में मौत की सजा हुई है। धमाके में 9 लोग मारे गए थे और उस समय के युवा कांग्रेस अध्यक्ष एमएस बिट्टा सहित 25 लोग घायल हुए थे।
ये चिठ्ठी केजरीवाल ने खुद लिखी है , हस्ताक्षर असली है ,
पर ये कुत्ते की तरह टुकड़ों पर पलने वालों और कुत्ते के बिस्किट खाने वालों को नहीं दिखेगा
पन्नू अगर मोदी का आदमी है , फिर ये चिठ्ठी तो केजरीवाल की है , जिसपर CM आफिस का डाक डिस्पैच नम्बर और तारीख तक लिखी है , जोकि जॉच… pic.twitter.com/w6vrZlFQPz
— PAWAN TYAGI ( राष्ट्र प्रथम ) (@drpawantyagi07) March 25, 2024
इसे भी पढ़ेंः अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA, फोर्ड फाउंडेशन और केजरीवाल में क्या है कनेक्शन?