Home कोरोना वायरस महाराष्ट्र में चल रही है उद्धव ठाकरे और सोनिया गांधी की गुंडागर्दी

महाराष्ट्र में चल रही है उद्धव ठाकरे और सोनिया गांधी की गुंडागर्दी

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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने के बाद से राज्य में लोगों का जीना दूभर हो गया है। राज्य के लोग कोरोना संकट के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी से भी परेशान हैं। शिवसैनिकों की तानाशाही इतनी बढ़ गई है कि वे अपने नेताओं के बारे में कुछ भी आलोचना सुनना नहीं चाहते। शिवसेना के नेता या सरकार के बारे में कुछ भी कहने पर इनकी गुंडागर्दी का कहर सहना पड़ता है। ताजा मामले में शिवसेना के गुंडों ने यवतमाल के वानी इलाके में दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की है।

राज्य में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर यवतमाल के दो दुकानदारों ने सोशल मीडिया पर सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की। इसमें इन्होंने लिखा कि राज्य सरकार कोरोना संकट पर काबू पाने में विफल रही है। इनका सोशल मीडिया पर इतना लिखना भर था कि शिव सेना ने गुंडो ने पहले तो इनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई फिर पुलिस की मौजूदगी में दुकान में जमकर तोड़फोड़ की। शिवसैनिकों के उत्पात से स्थानीय लोगों में खौफ का माहौल है।

शिवसैनिकों ने मंगलवार, 26 मई को यवतमाल के दो दुकानों में तोड़फोड़ की। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह से पुलिस के सामने दुकान में तोड़-फोड़ और उत्पात मचा रहे हैं।

सोनिया से सवाल पर अर्नब गोस्वामी पर हमला
पालघर में साधुओं की हत्या पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल करने पर कांग्रेसी गुंडों ने 22-23 अप्रैल की रात करीब 12 से 1 बजे के बीच रिपब्लिक न्यूज चैनल के प्रमुख अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर ऑफिस से घर लौटते वक्त हमला किया। बाइक सवार दो कांग्रेसी गुंडों ने अर्नब गोस्वामी की कार रोक उन पर हमला कर दिया। अर्नब गोस्वामी ने खुद इस हमले की वीडियो जारी की है।

अर्नब ने आरोप लगाया कि हमला करने वाले गुंडे सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए थे इसलिए उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। अर्नब ने कहा कि दोनों गुंडे हिंदी में गालियां दे रहे थे। दोनों गुंडे उनका रास्ता रोक तरल पदार्थ फेंक कार का गेट थपथपाने लगे। लेकिन वो अपनी गाड़ी आगे ले जाने में कामयाब रहे। अर्नब ने पीछे देखा तो मुंबई पुलिस की प्रोटेक्शन टीम के शिवाजी होस्मानी और उनके ऑफिस गार्ड ने उन गुंडों के पकड़ लिया था। बाद में घर पहुंचने पर सुरक्षा में तैनात शिवाजी होस्मानी ने उन्हें बताया कि उन पर हमला करने वाले युवा कांग्रेस के थे। इसके बाद डीसीपी ने भी आकर बताया कि हमलावर यूथ कांग्रेस के थे। लेकिन बाद में डीसीपी ने कहना शुरू कर दिया कि ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि वे यूथ कांग्रेस के थे या नहीं। इस हमले में सबसे सनसनीखेज बात ये रही कि हमला होने के कुछ देर बाद ही देर रात कांग्रेस की महिला नेता ने ट्वीट किया- युवा कांग्रेस जिंदाबाद। देर रात कांग्रेस कोई चुनाव नहीं जीत गई जो उन्हें युवा कांग्रेस जिंदाबाद कहना पड़ा।

मुख्यमंत्री उद्धव की आलोचना पर मूंड़ दिया सिर
ये पहली बार नहीं है कि राज्य में सरकार बनने के बाद शिवसैनिकों ने गुंडागर्दी की है। इसके पहले वडाला टीटी के शांतिनगर में रहने वाले एक शख्स हीरामणि तिवारी को फेसबुक पर पोस्ट लिखना महंगा पड़ गया। उनके साथ न केवल मारपीट की गई बल्कि स्थानीय शिवसेना नेताओं ने जबरदस्ती हीरामणि का सिर भी मूंड़ डाला। जी न्यूज के अनुसार हीरामणि तिवारी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों की गुंडागर्दी को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की टिप्पणी के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी की थी। इसपर शिव सेना के गुंडों ने हीरामणि के साथ मारपीट, गाली गलौच किया और उनका सिर भी मुंडवा दिया।

ठाकरे की आलोचना करने वाले पर महिला ने उड़ेल दी स्याही
सोशल मीडिया पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की आलोचना करने पर बीड में पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने एक शख्स के ऊपर स्याही उड़ेल दी। इसके बाद उसे सरेआम बेइज्जत किया।

कानून-व्यवस्था ध्वस्त: उद्धव सरकार में जारी है साधु-संतों के खिलाफ हिंसा

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार बनने के बाद कानून-व्यवस्था ध्वस्त है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। वे हिन्दू साधु-संतों के खिलाफ एक मुहिम चला रहे हैं। उन्हें ना तो कानून का डर है ना पुलिस का। नांदेड़ के आश्रम में 23 मई की रात रुद्र पशुपति महाराज और उनके सेवक की हत्या कर दी गई।

 
 

पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिग: 16 अप्रैल
पालघर में पुलिस के सामने जूना अखाड़ा के दो साधुओं कल्पवृक्ष गिरि महाराज और सुशील गिरी महाराज को पीट-पीटकर मार दिया गया। जूना अखाड़े के दोनों साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी गुरुभाई के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था, लेकिन जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर के पास पालघर इलाके में पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके कुछ देर बाद आदिवासी बहुल इस इलाके में एक खास समुदाय के सैकड़ों लोगों की भीड़ ने लाठी-डंडे और इंट-पत्थरों से इनपर हमला कर दिया। हैरानी की बात यह है कि महाराष्ट्र पुलिस मूकदर्शक बन सारा तमाशा देखती रही। साधु पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया।

 

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