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Bloomberg Survey: पीएम मोदी में युवाशक्ति के विश्वास और विजनरी नीतियों से सेंसेक्स इस साल 10% और बढ़ेगा, दिवाली पर बाजार होगा गुलजार

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पीएम मोदी की विजनरी और वैश्विक आर्थिक नीतियों के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने पहली बार 80,000 अंक का आंकड़ा पार कर लिया। शेयर मार्केट के इतिहास की यह सबसे तेज छलांग है, जो निवेशकों को मालामाल बना रही है। करीब साढ़े छह महीने में 10,000 अंक की बढ़ोत्तरी इतिहास में सबसे तेज बढ़त के रूप में दर्ज की गई। सबसे अहम बात है कि घरेलू शेयर बाजार के प्रति युवाशक्ति के मजबूत सपोर्ट और 30 साल से कम उम्र के निवेशक 5 वर्ष में दोगुने होने के चलते देश के शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल आ रहा है। शेयर बाजार में इस साल 20% उछाल आ सकता है। ब्लूमबर्ग के एक सर्वे में शामिल विश्लेषकों के मुताबिक, सरकारी खर्च बढ़ना और निवेशकों का मजबूत सेंटीमेंट इसकी वजह होगी। 2024 में 4 जुलाई तक सेंसेक्स 10.8% चढ़ चुका है। अब अगले छह माह में खुदरा निवेशकों और मध्यम वर्ग के भारतीय निवेशकों के और तेजी के साथ बाजार में आने और विदेशी निवेशकों के समर्थन से शानदार नियमितता के साथ सेंसेक्स फिर मील के पत्थर को छूने को बेताब है।

अभी 11 प्रतिशत चढ़ चुका सेंसेक्स, इस साल में 20% उछाल के आसार
भारतीय शेयर बाजार पर ब्लूमबर्ग के एक सर्वे का मानना है कि सेंसेक्स में वृद्धि की यह नितमितता आने वाले समय में भी बने रहने की प्रचुर संभावना है। विश्लेषकों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी की इकोनॉमी को लगातार मजबूत करने की नीतियां, इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा और देशी-विदेशी निवेशकों का मजबूत सेंटीमेंट इसकी वजह होगी। 2024 में 4 जुलाई तक सेंसेक्स 10.8% चढ़ चुका है। गुरुवार को सेंसेक्स 63 अंक चढ़कर पहली बार 80 हजार से ऊपर 80,050 पर बंद हुआ। जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इस साल 20% उछाल आ सकता है। इस आंकलन से कहा जा सकता है कि आने वाले छह माह में अभी 9% से ज्यादा की तेजी की गुंजाइश बाकी है। देश में आने वाले तीन-चार माह पर्व-त्योहार और खरीदारी के हैं। इससे मार्केट में पैसे की बरसात होगी। और उधर खासकर दीवाली के आसपास शेयर बाजार और ज्यादा गुलजार होगा।युवाओं का मजबूत सपोर्ट, 30 साल से कम उम्र के निवेशक 5 वर्ष में दोगुने
ब्लूमबर्ग के सर्वे में कुल 24 बाजार विश्लेषकों ने हिस्सा लिया। इनमें से आधे से ज्यादा का अनुमान है कि निफ्टी 2024 के अंत तक 26,000 के स्तर पर पहुंच सकता है। गुरुवार को निफ्टी 24,302 पर बंद हुआ यानी इसमें करीब 7% और तेजी आ सकती है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का ये भी मानना है कि ये बेंचमार्क इंडेक्स 26,000 से ऊपर जा सकता है। यानी अगले 6 माह में ज्यादा भी तेजी आ सकती है। इसकी एक वजह युवाशक्ति का पीएम मोदी पर विश्वास भी है। घरेलू शेयर बाजार में युवाओं के मजबूत सपोर्ट के चलते 30 साल से कम उम्र के निवेशक 5 वर्ष में दोगुने हो गए हैं। 30 साल से कम उम्र के युवा निवेशक अब 40% से ज्यादा हैं। एनएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मई तक एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड 9.5 करोड़ निवेशकों में 30 साल से कम उम्र के युवाओं की हिस्सेदारी 40.1% हो गई। वित्त वर्ष 2018-19 में इनकी हिस्सेदारी 22-23% थी।चीन-अमेरिका के मुकाबले भारतीय कंपनियों की प्रति शेयर आय बढ़ने का ट्रेंड
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के मुताबिक 2024 में एमएससीआई इंडिया इंडेक्स की कंपनियों की प्रति शेयर आय (ईपीएस) 15.6% बढ़ेगी। इसके मुकाबले चीन और अमेरिका की कंपनियों का ईपीएस केवल 10% तक ही बढ़ सकता है। अमेरिका के जेफरीज फाइनेंशियल ग्रुप के रणनीतिकारों के मुताबिक ‘मोदी सरकार इस साल ज्यादा खर्च कर सकती है। सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर उसका फोकस रहेगा। क्योंकि वह सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर और तेजी से बढ़ने की रणनीति बना चुकी है। इससे खपत बढ़ेगी, जो करीब 417 लाख करोड़ रुपए के शेयर बाजार का सेंटीमेंट मजबूत करेगी।’ सरकारी खर्च बढ़ने की उम्मीद से सेंटीमेंट और मजबूत होगा।बीती छमाही भारत की ग्रोथ जोरदार, अगली छमाही और रहेगी शानदार
ब्लूमबर्ग सर्वे के मुताबिक कंपनियों की प्रति शेयर आय 15.6% बढ़ने का अनुमान है। इस साल भारतीय कंपनियों की प्रति शेयर आय (ईपीएस) चीन की कंपनियों के मुकाबले 5.6% ज्यादा बढ़ने की संभावना है। दरअसल, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में हालात अच्छे नहीं है। दूसरी बड़ी इकोनॉमी चीन भी कमजोर डिमांड की चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में विश्लेषकों को मानना है कि भारतीय इकोनॉमी को पंख लग सकते हैं। बाजार विश्लेषकों के मुताबिक बीती छमाही भारत की ग्रोथ के लिहाज से जोरदार रही। इस साल अब तक बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 में करीब 12% तेजी आ चुकी है। दिसंबर तक यह 26,000 से ऊपर निकल सकता है। इस साल खपत बढ़ेगी, जिसका सीधा असर कंज्यूमर सेक्टर की कंपनियों की आय पर होगा।सेंसेक्स पहली बार केवल 140 दिन में ही 10 हजार अंकों के लेवल को क्रास किया
शेयर बाजार पहली पहली बार 80 हजार के लेवल को क्रॉस कर गया। खास बात तो ये है कि 70 हजार से 80 हजार अंकों के लेवल तक तक पहुंचने में सेंसेक्स को करीब 140 दिन ही लगे। जहां एक ओर सेंसेक्स रफ्तार के घोड़े पर सवार था। आंकड़ों की मानें तो 11 दिसंबर, 2023 को सेंसेक्स 70,000 अंकों के साथ पहली बार इस मील के पत्थर हासिल किया था, जिसके करीब 140 कारोबारी दिनों के बाद सेंसेक्स ने 80 हजार अंकों के लेवल को पार किया। इसका मतलब है कि 10 हजार अंकों की तेजी देखने को मिली। वहीं कुछ शेयर ऐसे भी थे जो इस रफ्तार का फायदा उठाकर रॉकेट बने हुए थे। जिन्होंने सेंसेक्स की तेजी के आसरे अपना बेड़ापार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोचीन शिपयार्ड, हिताची, हुडको, ओराकल फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे कई शेयर शामिल हैं। जिनमें 250 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सेंसेक्स की रिकॉर्ड रफ्तार के बीच किन शेयरों में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला।

रिकॉर्ड लेवल पर शेयर बाजार, पहली बार ऐतिहासिक 80,000 पार
पिछले कुछ माह में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड लेवल पर जाकर बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स कारोबार की शुरुआत में पहली बार ऐतिहासिक 80,000 अंक के स्तर को पार कर गया। सेंसेक्स ने 25 जून को पहली बार 78,000 का लेवल और 27 जून को 79,000 का लेवल पार किया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 162.65 अंक यानी 0.67 फीसदी चढ़कर 24,286.50 के लाइफ टाइम हाई पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 183.4 अंक बढ़कर 24,307.25 के नए शिखर पर पहुंच गया था। कारोबार के अंत में यह 545.35 अंक यानी 0.69 प्रतिशत उछलकर 79,986.80 पर बंद हुआ। एक समय यह 632.85 अंकों की छलांग के साथ 80,074.30 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इस तरह सेंसेक्स ने पिछले कुछ दिनों का अपना रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन जारी रखा है।

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