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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी से फोन पर की बात, यूक्रेन संकट पर हुई चर्चा, बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाने की फिर मिली सलाह

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फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व का करिश्मा है कि एक ओर दुनिया उन्हें वैश्विक नेता मान रही है, वहीं भारत वैश्विक कूटनीति के केंद्र में आ गया है। यूक्रेन संकट के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार (16 दिसंबर, 2022) को टेलीफोन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की। यूक्रेन हमले के बाद इस साल दोनों नेताओं की यह पांचवीं बातचीत है। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बातचीत में रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति को आगे बढ़ाने के अपने आह्वान को दोहराया। 

रूसी राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के बारे में जानकारी दी और इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं से अवगत कराया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भारत की अध्यक्षता में दोनों देशों के एक साथ काम करने की भी उम्मीद जताई। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन एक-दूसरे के साथ नियमित संपर्क बनाए रखने पर सहमत हुए।

पीएमओ ने कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की, जिसमें ऊर्जा सहयोग, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि रूस की ओर से जारी बयान में रक्षा और सुरक्षा का जिक्र नहीं किया गया। इस बातचीत से पहले प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने इसी साल 16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO समिट से अलग मुलाकात की थी। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है।

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जबकि रूसी सेना ने यूक्रेन पर अपने भीषण हमलों में 60 से अधिक मिसाइल दागीं। वहीं रूस पर पश्चिमी देशों का दबाव बढ़ता जा रहा है। रूस पर प्रतिबंध की वजह से कई देशों ने उससे कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया। लेकिन भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीदता रहा। पश्चिमी देश इसे युद्ध की फंडिंग के तौर पर देखते हैं, इसलिए हाल ही में उन्होंने रूसी तेल पर 60 डॉलर के दाम का एक कैप लगा दिया। यानी कोई भी देश इससे ज्यादा की कीमत पर तेल नहीं खरीदेगा। ऐसे समय में दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत खास मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपित पुतिन की टेलीफोन पर बातचीत के कुछ घंटों बाद अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणी आई। रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में भारत की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर, विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “कोई भी देश जो शांति में शामिल होने में रुचि रखता है और इस (रूस-यूक्रेन) युद्ध को समाप्त करने में रुचि रखता है, उसे यूक्रेनी भागीदारों के साथ घनिष्ठ साझेदारी में ऐसा करना चाहिए।” 

गौरतलब है कि इस साल प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर पांच बार बातचीत हो चुकी है। सबसे पहले 24 फरवरी,2022 को बातचीत हुई। इसके बाद दोनों नेता 2 मार्च, 7 मार्च, 1 जुलाई और 16 दिसंबर, 2022 को बात कर चुके हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट को बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाने के भारत के पुराने रुख को दोहराया। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना नहीं की है और उसने रूसी आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्तावों पर संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया है।

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