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जो दुनिया के शक्तिशाली देश नहीं कर पाए, उसे पीएम मोदी ने कर दिखाया, यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए 6 घंटे तक रूका युद्ध

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के ताकतवर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। उनका सभी देशों के नेता पूरा सम्‍मान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से भारत की छवि को पूरी दुनिया में पेश किया है, उससे भारत की बात को पूरी गंभीरता से लिया जाता है। उसकी बात को विश्व के शक्तिशाली देश भी अनदेखा नहीं कर पाते हैं। इसका ताजा प्रमाण रूस और यूक्रेन के बीच आठ दिनों से जारी युद्ध में मिला है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे ताकतवर देश रूस से युद्ध रोकने की मांग कर रहे हैं, लेकिन रूस उनकी बात नहीं सुन रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 घंटे तक युद्ध रोकने के लिए तैयार हो गए। भारत की पहल पर रूस ने यह बड़ी मोहलत दी। इसे भारतीय कूटनीति और प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों की बड़ी सफलता माना जा रहा है। इस पर हर भारतवासी को गर्व है।

भारतीयों के रेस्क्यू के लिए रूसी सेना ने बनाया सुरक्षित कॉरिडोर

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार (02 मार्च, 2022) की रात को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने का मुद्दा उठाया था। रूस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिलाया था कि रूस हर संभव मदद करने को तैयार है। इसके बाद भारतीय छात्रों को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए। खारकीव में छह घंटे के लिए हमले रोक दिए गए। खबरों के मुताबिक ये हमले बुधवार रात 9.30 बजे से रोके गए थे। इस दौरान भारतीय छात्रों के फौरन रेस्क्यू के लिए रूसी सेना द्वारा खारकीव से रूस तक एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन युद्ध के बीच ये दूसरा मौका है जब बातचीत हुई है। जंग के दौरान पहली बार जब पीएम मोदी ने पुतिन से बात की थी तब उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने पर जोर दिया था।

यूक्रेन से वापस लौटे 17 हजार भारतीय छात्र

जब चीन, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश यूक्रेन में घुसने में घबड़ा रहे हैं, भारत अपने 60 प्रतिशत नागरिकों को वहां से निकालने में कामयाब रहा।विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि भारत सरकार अब तक 17 हजार भारतीय छात्रों को यूक्रेन से वापस ला चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दावा किया कि यूक्रेन में फंसे अन्य छात्रों को भी जल्द ही स्वदेश वापस लाया जाएगा। छात्रों को यूक्रेन से बाहर लाने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना यूक्रेन के पड़ोसी देश में विभिन्न स्थानों से उड़ानें ऑपरेट कर रही है। चार केंद्रीय मंत्रियों को तैनात किया गया है। पोलैंड में तैनात केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। 

मोदी-पुतिन की दोस्ती का असर

ये सब वैसे ही नहीं हुआ है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों ने दोनों देशों के कूटनीतिक और सामरिक रिश्तों को नई ऊर्जा दी है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी अच्छे दोस्त हैं और कई मौकों पर दोनों यह साबित भी कर चुके हैं। क्रेमलिन में 1 दिसंबर, 2021 को राष्ट्रपति पुतिन ने विदेशी राजदूतों से परिचय प्राप्त करने के समारोह में कहा था कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ रूस-भारत के आपसी संबंधों को और व्यापक पैमाने पर विकसित करने का इरादा रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भी रूस की न्यूज एजेंसी टीएएसएस से बातचीत के दौरान कहा था वह कैसे पुतिन के एक दोस्त की खातिर आत्म-बलिदान देने के व्यवहार की इज्जत करते हैं। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि दोनों नेताओं की दोस्ती बेहद सहज-सरल है और उनके बीच का संबंध बेहद स्वाभाविक है।

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