मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘पीएम मैटेरियल’ होने की गलतफहमी ने बिहार की जनता को फिर जंगलराज और अंधकार में ढकेल दिया है। नीतीश कुमार ने अपने निहित स्वार्थ के लिए जिस तरह शिक्षक अभ्यर्थियों और जनता के साथ विश्वासघात किया है, उसकी अभिव्यक्ति सोमवार (22 अगस्त, 2022) को पटना की सड़कों पर देखने को मिली। शिक्षक अभ्यर्थियों ने सातवें चरण की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने निर्ममता की सारी हदें पार करते हुए शिक्षक अभ्यर्थियोंं पर खूब लाठियां चलाईं। कई शिक्षक अभ्यर्थियों के सिर तक फट गए। यहां तक की पुलिस ने तिरंगे का भी अपमान किया।
लाठी से विश्वासघात की पीड़ा को दबाने की कोशिश
पटना के डाकबंगला चौराहे पर जब एक शिक्षक अभ्यर्थी ने नीतीश कुमार के सुशासन की पोल खोलने की शुरुआत की, तो नीतीश कुमार की पुलिस बर्बरता पर उतर आई। पुलिस ने नाटक बताकर अपनी लाठियों से उसकी आवाज दबाने की कोशिश की। लेकिन हाथ में तिरंगा और जुबान पर विश्वासघात की पीड़ा लिए अभ्यर्थी अपने शरीर पर लाठियों का प्रहार झेलता रहा और नीतीश के कुशासन के खिलाफ आवाज बुलंद करता रहा। उसकी दहाड़, ‘लाश बना दिया रे नीतीशवा…हमने बगावत कर दी है” अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
बिहार : पटना में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे CTET और BTET के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने चलाई लाठियां pic.twitter.com/I0RgSPVsw7
— News24 (@news24tvchannel) August 22, 2022
हाथों में तिरंगा था फिर भी पीटते रहे एडीएम
इस वीडियो में शिक्षक अभ्यर्थी पर लाठियां बरसा रहा शख्स पटना के एडीएम केके सिंह है, जो मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात थे। उन्होंने खूब गुंडागर्दी की। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा होने के बावजूद केके सिंह ने हाथ में डंडा लेकर उस पर लाठी बरसाई। सीधे-सीधे तिरंगे को निशाना बनाकर अभ्यर्थी के हाथ पर केके सिंह हमला करते रहे, लगातार दर्जनों बार तिरंगे पर लाठी से प्रहार किया। तिरंगे का अपमान वहां खड़े पुलिस और प्रशासन के दूसरे लोग भी देख रहे थे। कई अभ्यर्थियों पर उन्होंने इस तरह लाठी चलाई कि खून तक निकल गया।
अभ्यर्थी ने किया तिरंगे के सम्मान, एडीएम ने किया अपमान
सबसे हैरानी की बात यह है कि शिक्षक अभ्यर्थी ने तिरंगे के सम्मान में अपनी जान को दांव पर लगा दिया। तिरंगा झंडा अपने हाथ से नीचे नहीं गिरने दिया, लेकिन एडीएम केके सिंह नहीं रुके। वे तब तक लाठी बरसाते रहें जब तक अभ्यर्थी लहूलुहान नहीं हो गया। अभ्यर्थी ने इस सब के बावजूद भी तिरंगा हाथ से नहीं छोड़ा, लेकिन एडीएम केके सिंह बेरहम बने रहे और तिरंगे का अपमान करने से भी नहीं चूके।
तिरंगे पर लाठी बरसाने के सवाल पर मीडिया से उलझे एडीएम
इतना ही नहीं एडीएम ने मीडियाकर्मियों पर भी नहीं छोड़ा। जब मीडियाकर्मियों ने तिरंगे के ऊपर लाठी बरसाने पर एडीएम केके सिंह से सवाल पूछा तो वो मीडिया से भी उलझ गए। मीडिया के बढ़ते दबाव और मामला बिगड़ते देख एडीएम वहां से निकल भागे। दरअसल, सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में CTET और BTET के अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किए जाने पर सैकड़ों की संख्या में CTET और BTET अभ्यर्थी पटना के डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान पटना के एडीएम केके सिंह अपना आपा खो बैठे और हाथ में तिरंगा लिए अभ्यर्थी पर लाठी बरसाना शुरू कर दिया।
हाथ में तिरंगा, जुबान पर संघर्ष का दर्द!
पुलिस बर्बरात का वीडियो वायरल होने बाद सोशल में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। प्रकाश कुमार नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “हाथ में तिरंगा, जुबान पर संघर्ष का दर्द! …लेकिन कौन सुनेगा? पटना के डाकबंगला चौराहे की तस्वीर देखिए… बिहार में नई सरकार के गठन के बाद आज पहली बार शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। देखिए कैसे नीतीश कुमार को कोस रहे हैं।”
हाथ में तिरंगा, जुबान पर संघर्ष का दर्द! …लेकिन कौन सुनेगा? पटना के डाकबंगला चौराहे की तस्वीर देखिए… बिहार में नई सरकार के गठन के बाद आज पहली बार शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. देकिए कैसे नीतीश कुमार को कोस रहे हैं.परमानंद की रिपोर्ट.Edited by @iajeetkumar pic.twitter.com/BnxBLRsZNA
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) August 22, 2022
नीतीश की पुलिस का अमानवीय चेहरा
पुलिस इतनी बर्बर हो चुकी थी उसे तिरंगा भी नजर नहीं आ रहा था। अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा होने के बावजूद लाठियां चलाई गईं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पुलिस की इस अमानवीय कार्रवाई पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “20 लाख नौकरियां देने की बात करने वाले नीतीश कुमार की पुलिस ने पटना में प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी को अमानवीय तरीके से मारा। बिहार की सरकार और उसके अधिकारी ने न सिर्फ शिक्षक के चेहरा को लहूलुहान कर दिया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया। यही है जेडीयू-राजद सरकार का असली चेहरा…।”
20 लाख नौकरियाँ देने की बात करने वाले नीतीश कुमार की पुलिस ने पटना में प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थी को अमानवीय तरीके से मारा। बिहार की सरकार और उसके अधिकारी ने न सिर्फ शिक्षक के चेहरा को लहूलुहान कर दिया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया।
यही है जेडीयू-राजद सरकार का असली चेहरा… pic.twitter.com/7r75xHoOYU
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 22, 2022
नोटिफिकेशन को लेकर सरकार पर गंभीर नहीं होने का आरोप
प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि उन लोगों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। आज करो या मरो की सोच रखकर आए हैं। इस दौरान अभ्यर्थियों ने कहा कि सातवें चरण के 1 से 8 तक के नोटिफिकेशन को लेकर सरकार सीरियस नहीं है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को जल्द नोटिफिकेशन निकालना चाहिए। गौरतलब है कि गर्दनीबाग धरनास्थल पर 2019 के क्वालीफाई शिक्षक अभ्यर्थी आज डाक बंगला चौराहा पहुंचे थे। यहां प्रशासन ने सभी अभ्यर्थियों को रोक दिया। शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग थी कि अविलंब बहाली प्रक्रिया शुरू की जाए।