यूपीए सरकार के समय के कुछ ऐसे ई-मेल सामने आए हैं, जिससे डॉक्टर मनमोहन सिंह सरकार की संवैधानिकता पर सवाल खड़े होते हैं। प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह और उनके मंत्रियों ने संविधान के दायरे में रहकर काम करने की शपथ ली थी, लेकिन बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जो साक्ष्य पेश किए हैं, उससे मनमोहन सरकार की वैद्यता ही सवालों के घेरे में आ गई है। उस दौरान के कुछ सरकारी दस्तावेजों से साफ पता चलता था कि मनमोहन के मंत्री तत्कालीन प्रधानमंत्री से पूछ कर नहीं, बल्कि तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी मां एवं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछकर ही फैसले लेते थे।
मनमोहन ने ‘फैमिली’ के हवाले कर दी थी सरकार !
केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि उनके पास मौजूद एक ईमेल से जाहिर होता है कि तब की पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन राहुल के घर जाकर उनके पर्सनल सचिव से मिलना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि इससे यही साबित होता है कि एक व्यक्ति जो सरकार का हिस्सा नहीं था, लेकिन वो यूपीए सरकार के काम में खुलकर मनमानी कर सकता था। यानी मनमोहन सिंह सिर्फ नाम के पीएम थे, उनके नाम से फैसले असल में कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली ही लेती थी। सवाल उठता है कि मनमोहन सिंह जैसे व्यक्ति जो खुद को विद्वान बताने में बहुत प्रसन्नता जाहिर करते हैं, कुर्सी से चिपके रहने के लिए राहुल जैसे व्यक्ति के सामने पूरी तरह नतमस्तक हो चुके थे? भ्रष्टाचारी नेताओं (लालू यादव) को बचाने वाले मनमोहन सरकार के अध्यादेश को राहुल ने ही सरेआम फाड़कर उनकी खिल्ली उड़ाई थी, लेकिन तब भी मनमोहम बड़े बेशर्मी से ‘यस बॉस’ बने रहे थे।
Rahul Gandhi was giving “guidance” and instructions to Jayanthi Natarajan on Lavasa issue. High political interference in matters of public policy – Shri @PiyushGoyal #JayanthiTaxisRahulTax pic.twitter.com/iFm1lFrqho
— BJP (@BJP4India) December 13, 2017
राहुल के कहने पर लटकाए गुजरात के प्रोजेक्ट ?
केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। बीजेपी का आरोप है कि इसलिए यूपीए सरकार के दौरान गुजरात से जुड़े प्रोजेक्ट्स को लटकाए रखा गया। जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी यूं ही नहीं कहते हैं कि कांग्रेस सिर्फ किसी काम को लटकाना, अटकाना और भटकाना जानती है। वह विकास नहीं होने देना चाहती। पीयूष गोयल के अनुसार मनमोहन सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के नाम पर गुजरात के प्रोजेक्ट्स को जानबूझकर रोके रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल ने ही जयंती नटराजन को निर्देश दिया था कि निरमा प्रोजेक्ट को पर्यावरण से जुड़ी मंजूरी ना दें। सवाल उठना स्वभाविक है कि राहुल गांधी ने किस अधिकार से सरकार के काम में अड़ंगा डाला ? क्या यह गुजरात में नौकरियों की संभावना रोकने की राहुल की साजिश नहीं थी ?
LIVE : Press Conference by Shri @PiyushGoyal. #JayanthiTaxIsRahulTax https://t.co/ZHJrGiSk2T
— BJP (@BJP4India) December 13, 2017
राहुल की समझ पर सवाल
दिलचस्प बात ये है कि पीयूष गोयल ने एक और ई-मेल दिखाया है, जिससे राहुल गांधी की अज्ञानता की पोल एकबार फिर से खुल गई है। इस मेल के अनुसार राहुल ने जयंती टैक्स के नाम से विवादों में आईं तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन को अपनी और अपनी मम्मी के चुनाव क्षेत्र अमेठी-रायबरेली में ऐसे हाईवे प्रोजेक्ट को पर्यावरण मंजूरी देने का निर्देश भी दिया था, जिसका कोई प्रस्ताव था ही नहीं। अब सवाल उठता है कि जिस नेता को 10 साल सांसद रहने के बावजूद अपने क्षेत्र के बारे में भी इतनी जानकारी नहीं हो, उसे कांग्रेसी, वंशवाद के नाम पर पार्टी अध्यक्ष तो बना सकते हैं, लेकिन देश का प्रधानमंत्री बनाने का मंसूबा कैसे पाल सकते हैं ?
Knowledge of Rahul Gandhi was such that he did not know that there was no proposal on an Amethi- Rae Bareilly Highway. But he was instructing Jayanthi Natarajan to clear it –
Shri @PiyushGoyal https://t.co/x2BmcdMrev #JayanthiTaxisRahulTax pic.twitter.com/4kkqIhfIk0— BJP (@BJP4India) December 13, 2017
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