हरियाणा में सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन स्थल के पास एक दलित युवक की बर्बर हत्या से पूरा देश स्तब्ध है। पंजाब निवासी दलित युवक लखबीर सिंह के शरीर के साथ जिस तरह हैवानियत की गई है, उसे देखकर रूह कांप उठता है। युवक का हाथ काटकर शव को लटका दिया गया था। लेकिन सबसे हैरानी और दुख की बात यह है कि अपने आप को चैंपियन ऑफ दलित राइट्स के रूप में प्रोजेक्ट करने वाले राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के दलित ठेकेदार सभी मौन है।
चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने दलित कार्ड खेला था। लेकिन एक सिख दलित की हत्या के बाद उसके परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए राहुल और प्रियंका अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अभी तक पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे का ऐलान नहीं किया है। वहीं उदित राज जैसे कांग्रेस के दलित ठेकेदार भी इस हत्या पर मौन है। दलित की हत्या पर चुप्पी उनके दलित पाखंड को उजागर कर रही है। क्या इस दलित और उसके परिवार को न्याय का कोई हक नहीं है?
बीजेपी ने सिंघु बॉर्डर हत्याकांड पर कांग्रेस की खामोशी पर सवाल उठाया है। बीजेपी आइठी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा कि दलित सिख लखबीर सिंह की नृशंस हत्या के 24 घंटे बाद भी राहुल गांधी ने एक शब्द भी नहीं कहा। न ही पंजाब के सीएम ने पीड़ित परिवार के लिए किसी मुआवजे की घोषणा की है, जो पंजाब से संबंध रखता है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस के लिए दलित के जीवन का कोई मोल नहीं, जब तक वह उनकी राजनीति के अनुकूल न हो।
24 hours after the gruesome murder of Lakhbir Singh, a Dalit Sikh, Rahul Gandhi hasn’t said a word. Neither has Punjab CM announced any compensation for the family, which hails from Punjab.
Clearly, for the Congress, Dalit lives are expendable, as long as it suits their politics.— Amit Malviya (@amitmalviya) October 16, 2021
आइए देखते हैं कांग्रेस किस तरह दलितों के मामले में सेलेक्टिव और गिद्ध राजनीति करती है…
हनुमानगढ़ में दलित युवक की लिंचिंग
राजस्थान के हनुमानगढ़ में दलित युवक जगदीश मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसके बाद उसके मृत शरीर को उसके घर के सामने फेंक दिया गया। हत्या का वीडियो भी वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुआ। 11 लोगों पर मामला दर्ज हुआ। लेकिन राजस्थान सरकार का कोई व्यक्ति वहां नहीं गया। लोगों को न्याय के लिए पीलीबंगा थाने के बाहर धरना देना पड़ा। लेकिन राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, अखिलेश यादव वहां नहीं गए।
अलवर में दलित युवक संपत बैरवा की हत्या
26 सितंबर, 2021 को अलवर जिले के दलित युवक संपत बैरवा की गांव के ही दो लोगों ने खेत में जाकर हत्या कर दी थी। संपत बैरवा अपने खेत में काम कर रहा था। गांव का ही शाहरुख खान उसके घर पहुंचा तो स्वजन ने बताया कि वह प्याज के खेत में काम करने गया है। कुछ देर बाद शाहरुख अपने एक अन्य साथी के साथ पहुंचा और बातचीत के बहाने उसे अपने बाजरे के खेत में ले गया। वहां दोनों ने मिलकर तौलिया से संपत का गला घोंट दिया।
दलित युवक योगेश जाटव की मॉब लिंचिंग
15 सितंबर, 2021 को अलवर के ही बड़ौदा मेव गांव में दलित युवक योगेश जाटव की हत्या कर दी गई थी। योगेश की बाइक से चार महिलाओं के टक्कर लगने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पीट पीट कर उसकी हत्या कर दी थी। नाबालिग योगेश जाटव बाइक पर अपने घर जा रहा था। रास्ते में टूटी सड़क से बचाते समय उसकी बाइक मेव समाज की 10 वर्षीय बच्ची से टकरा गई। इस पर बच्ची के साथ जा रही महिलाओं ने नाबालिग के साथ मारपीट करना शुरू कर दी। कुछ ही देर में समुदाय विशेष के लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई और नाबालिग के साथ बेरहमी से मारपीट की। मारपीट में नाबालिग बुरी तरह से घायल हो गया। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
राजस्थान में दलितों पर अत्याचार के 6000 मामले दर्ज
दलितों पर अत्याचार के मामले में राजस्थान सबसे आगे हैं। दलित अत्यचार के 6000 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन इनमें से मात्र आधे में ही आरोपितों को सज़ा मिल सकी है। लेकिन कांग्रेस और उसके नेता मौन है। उन्हें उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी और हाथरस दिखाई देता है, लेकिन उन्हें राजस्थान का हनुमानगढ़, अलवर और कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में दलितों के खिलाफ अत्याचार दिखाई नहीं दे रहा है। दरअसल कांग्रेस का मकसद सेलेक्टिव और गिद्ध राजनीति के जरिए बीजेपी शासित राज्यों में नफरत फैलाकर वोट हासिल करना है, न कि दलितों को इंसाफ दिलाना है।