कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश जारी कर मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने लगातार 10 ट्वीट्स करके पिछले छह सालों में विदेश नीति के मोर्चे पर उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि मोदी सरकार के दौरान अमेरिका, यूरोप सहित प्रमुख ताकतों के साथ हमारा अलायंस मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद बढ़ा है।
अब ज़्यादा मुखर हो कर अपनी बातें रखता है भारत
जयशंकर ने राहुल गांधी के वीडियो को टैग करते हुए अपने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिये बिंदुवार उनके आरोपों का जवाब दिया। विदेश मंत्री ने ट्वीट में कहा, ”राहुल गांधी ने विदेश नीति पर सवाल पूछे हैं। यहां पर कुछ उत्तर हैं। हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है। अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान के साथ शिखर वार्ता और अनौपचारिक बैठकें होती रहती हैं। चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं। विश्लेषकों से पूछें।”
.@RahulGandhi hs questions on Foreign Policy. Here are some answers:
•Our major partn’ships are strongr & internat’l standng higher.Witness regular summits&informal meetngs wth #US #Russia #Europe & #Japan.India engages #China on more equal terms politically.
Ask the analysts. https://t.co/GPf17JWSac
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
एस जयशंकर ने कहा कि भारत अब कहीं ज़्यादा मुखर हो कर अपनी बातें रखता हैं। चाहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) और चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का मामला हो, या दक्षिण चीन सागर का या फिर संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों का मामला हो। इसके बारे में मीडिया से पूछें।
•We speak our mind more openly now. On #CPEC, on #BRI, on South China Sea, on UN-sanctioned terrorists, etc.
Ask the media.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
एस जयशंकर ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार सेना को मज़बूत करने की कोशिश कर रही है। 2008-14 की तुलना में 2014-2020 के बीच सेना के लिए बजट 280 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। 32 प्रतिशत ज़्यादा सड़कें और 99 प्रतिशत ज़्यादा पुल बनाए गए हैं।
• And address the #border infrastructure imbalance legacy. Compare 2014-20 with 2008-14. Budget up by 280%, road building by 32%, bridges by 99% and tunnels by 6 times.
Ask our Jawans.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
पड़ोसी देशों के साथ भारत के बेहतर रिश्ते
पड़ोसी देशों के साथ भारत के रिश्तों को लेकर भी राहुल गांधी ने अपने वीडियो में कहा है कि पाकिस्तान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देशों से सहज रिश्ते थे, लेकिन अभी ऐसा नहीं है। इसके जवाब में एस जयशंकर ने एक एक पड़ोसी देश के साथ भारत के मौजूदा रिश्ते के बारे में बताया और यूपीए सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के साथ (जिसे आपने छोड़ दिया) निश्चित तौर पर एक तरफ बालाकोट और उरी तो दूसरी तरफ शर्म अल शेख, हवाना और 26/11 के बीच अंतर है। इस बारे में स्वयं से पूछें।”
•And #Pakistan (that you skipped) surely notes the difference between Balakot & Uri on the one hand, and Sharm-el-Sheikh, Havana & 26/11 on the other.
Ask yourself.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
श्रीलंका ने हब्बनटोटा बंदरगाह का ठेका भारत को ना देकर चीन को दिया है। इस मामले में विदेश मंत्री ने कहा, ”कुछ तथ्य हमारे पड़ोसियों के बारे में भी। श्रीलंका और चीन के बीच 2008 में हब्बनटोटा बंदरगाह को लेकर समझौता हुआ था। उनसे पूछें जो इससे निपट रहे थे।”
And some facts on our #neighbourhood:
•The Hambantota Port agreement between #SriLanka and China was concluded in 2008.
Ask those who dealt with it.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
जयशंकर ने कहा कि मालदीव के साथ कठिन संबंध था, जब 2012 में भारत राष्ट्रपति नाशीद की सरकार को गिरता देख रहा था ….और चीजें बदली हैं। हमारे कारोबारियों से पूछें।
•Difficult ties with #Maldives, after India watched President Nasheed being toppled in 2012, now stand transformed.
Ask our businesses.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
बांग्लादेश के बारे में जयशंकर ने कहा कि 2015 में भू-सीमा मुद्दा सुलझने के बाद अधिक विकास और पारगमन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि अब वहां आतंकवादियों के लिए पनाहगाह नहीं है, हमारे सुरक्षा बलों से पूछें।
•A settled land boundary (2015) with #Bangladesh; opens path to more development and transit. And terrorists no longer find safe haven there.
Ask our security.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
भारत और नेपाल के बीच हाल के दिनों में तनातनी पर राहुल गांधी ने सवाल उठाया था। इस मामले में जयशंकर ने कहा, ”नेपाल में 17 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा होती है। ऊर्जा, ईधन, अस्पताल, सड़क सहित अनेक विकास परियोजना बढ़ती हैं, उनके नागरिकों से पूछें।”
•#Nepal after 17 years is getting Prime Ministerial visits. And a swathe of developmental projects: power, fuel, housing, hospital, roads, etc.
Ask their citizens.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
जयशंकर ने कहा कि भूटान अब भारत को एक मजबूत सुरक्षा और विकास भागीदार पाता है और अब वे 2013 के विपरीत अपनी रसोई गैस के बारे में चिंता नहीं करते, भूटान के परिवारों से पूछें।
•#Bhutan finds a stronger security and development partner. And unlike 2013, they don’t worry about their cooking gas.
Ask their households.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में सलमा बांध और संसद जैसी परियोजनाएं पूरी होती हैं, प्रशिक्षण कार्य और कनेक्टिविटी बढ़ती है, अफगानिस्तान से पूछें।
•#Afghanistan sees completed projects (Salma Dam, Parliament), expanded training and serious connectivity.
Ask the Afghan street.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपना एक वीडियो जारी कर बताया कि बीते छह सालों में ऐसा क्या हुआ जो चीन ने भारत के ख़िलाफ़ आक्रामक होने के लिए यही वक्त चुना। वीडियो में वो समझाते हैं “एक देश को एक साथ कई चीज़ों की वजह से सुरक्षा मिलती है। इसमें पड़ोसियों और दूसरे मुल्कों के साथ उसके संबंध, अपनी ख़ुद की अर्थव्यवस्था और देश के नागरिकों की भावना और सोच शामिल हैं।”
Since 2014, the PM’s constant blunders and indiscretions have fundamentally weakened India and left us vulnerable.
Empty words don’t suffice in the world of geopolitics. pic.twitter.com/XM6PXcRuFh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2020