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“हिंदू कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है”, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस विवादित बयान को अखिलेश यादव और I.N.D.I.A गठबंधन का मौन समर्थन

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समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य दलित वोटों का ठेकेदार बनने के लिए हिन्दू धर्म और उसकी धर्मिक पुस्तकों के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं। पहले उनके समर्थकों ने पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस की प्रतियों को जलाने का काम किया। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं नहीं है। हिन्दू धर्म केवल धोखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया में अपना एक वीडियो शेयर कर लिखा है कि ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।

अखिलेश यादव के इशारे पर हो रहा हिन्दू धर्म का अपमान 

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस विवादित बयान से अब सवाल उठ रहे हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य किसके इशारे पर हिन्दू धर्म के खिलाफ अभियान चला रहे हैं ? क्या अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत है ? क्या अखिलेश यादव हिन्दू धर्म में विश्वास नहीं करते हैं ? क्या उनका पूजा-पाठ करना सिर्फ दिखावा है ? क्या अखिलेश यादव दलित वोट के लिए हिन्दू धर्म को विभाजित कर रहे हैं ? अब सोशल मीडिया पर लोग इन सवालों के जवाब मांग रहे हैं। लोगों का कहना है कि अखिलेश यादव अगर हिन्दू धर्म में विश्वास करते हैं, तो उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निकालना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार विवादित बयानबाजी के बावजूद समाजवादी पार्टी में बने हुए है तो इसका मतलब उनको अखिलेश यादव का पूरा समर्थन मिल रहा है। अखिलेश यादव की सहमति से ही हिन्दू विरोधी बयान दे रहे हैं। 

 I.N.D.I.A गठबंधन की रणनीति के तहत विवादित बयान

I.N.D.I.A गठबंधन हिन्दू विरोधी दलों का जमावड़ा है। समाजवादी पार्टी भी इस गठबंधन में शामिल है। कांग्रेस इस गठबंधन का नेतृत्व कर रही है। इसके अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी नफरत के खिलाफ और भाईचारा के लिए अभियान चलाने का दावा रहे हैं। भारत को जोड़ने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। अब देश की जनता जानना चाहती है और सवाल उठा रही है कि I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल एक पार्टी का नेता स्वामी प्रसाद मौर्य समाज में नफरत पैदा कर रहा है, तो इसके लिए क्या कांग्रेस पार्टी और यह गठबंधन जिम्मेदार नहीं है ? क्या कांग्रेस पार्टी भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत है ? क्या वह भी हिन्दू धर्म को धर्म नहीं मानती है ? लेकिन जिस तरह स्वामी प्रसाद मौर्य विवादित बयान दे रहा है, उससे लगता है कि वो I.N.D.I.A गठबंधन की रणनीति के तहत काम कर रहा है। यह सारा खेल I.N.D.I.A गठबंधन खेल रहा है। मोहब्बत की दुकान खोलने वालों की सहमति से हिन्दू धर्म को बांटने की कोशिश की जा रही है।

स्वामी प्रसाद मौर्य समाज और देश के लिए खतरा, FIR दर्ज

स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद अब लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। लोगों ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर समाज में तनाव पैदा करने और लोगों को लड़ाने के लिए बयानबाजी करने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि यह व्यक्ति अब समाज और देश के लिए खतरा बन गया है। अगर इस पर जल्दी कार्रवाई नहीं की गई तो 2024 का आम चुनाव आने तक यह जातीय दंगा कराने की भी कोशिश कर सकता है। एक सामजिक कार्यकर्ता और वकील विनीत जिंदल ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है।

वोट के लिए हिन्दू धर्म को तोड़ने की बड़ी साजिश

गौरतलब है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली पार्टियां मुस्लिमों को खुश करने और उनका वोट हासिल करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाती रही हैं। कभी बीजेपी का डर दिखाकर, तो कभी उनके पिछेड़पन को मुद्दा बनाकर गुमराह करती रही है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साबित कर दिया कि अब मुस्लिम वोट के बिना भी बीजेपी सरकार बन सकती है। इसको देखते हुए हिन्दू विरोधी पार्टियों ने अपनी रणनीति बदल दी है। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्ग का वोट हासिल करने के लिए ब्राह्मणवाद और हिन्दू धर्म ग्रंथों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।  

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