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पीएम मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम वाली कार्यशैली के मुरीद रहे प्रणब दा

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भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भले ही अलग-अलग राजनीतिक धाराओं से संबंध रहा, लेकिन विचारधारा के दो अलग ध्रुवों पर रहने के बावजूद दोनों एक-दूसरे का बेहद सम्मान करते रहे। पीएम मोदी उन विरले व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिनसे प्रणब दा जैसे अनुभवी और ज्ञानी राजनेता प्रभावित हुए। दूसरी ओर, पीएम मोदी भी प्रणब मुखर्जी को अपना मार्गदर्शक और अभिभावक मानते रहे। राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी के आखिरी दिन पीएम मोदी ने उन्हें एक भावुक पत्र लिखा था, तो प्रणब दा ने संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई समारोह के दौरान पीएम मोदी को बेहद कर्मठ और ऊर्जावान नेता बताते हुए उनके प्रति अपने हार्दिक उद्गार व्यक्त किए थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के तौर पर प्रणब मुखर्जी और नरेन्द्र मोदी के परस्पर आदरपूर्ण और सहयोगात्मक रुख को हमेशा याद किया जाएगा। आइए देखते हैं, विभिन्न मौकों पर प्रणब मुखर्जी ने किस प्रकार पीएम मोदी की सराहना की। 

‘अपने लक्ष्य के प्रति पीएम मोदी का दृष्टिकोण स्पष्ट’

राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी की कार्यशैली को निकट से देखा था। जनहित में फैसले लेना और उन फैसलों को कार्यान्वित करने के लिए जी-जान से जुट जाना, यह पीएम मोदी की कार्यशैली की विशिष्टता रही है। यही वजह है कि प्रणब दा पीएम मोदी के काम करने के तरीके से बेहद प्रभावित थे। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद उन्होंने एक टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू देते हुए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्ट रहता है। उनकी इच्छाशक्ति काफी दृढ़ है और कठोर परिश्रम कर अपने लक्ष्य को हासिल करने की उनमें अद्भुत क्षमता है। सीधे एक राज्य से आकर और एक बार भी संसद का सदस्य नहीं रहने के बावजूद उन्होंने अच्छा काम किया।

‘मेरे प्रति उनके सदाचारी व्यवहार को हमेशा याद रखूंगा’

भारत रत्न प्रणब मुखर्जी देश की राजनीति की कद्दावर शख्सियत थे। वे संसदीय परंपरा के साथ ही विभिन्न विषयों के ज्ञाता थे। लेकिन, वे खुद पीएम मोदी को विदेशी संबंध और अर्थव्यवस्था जैसे विषयों का जानकार मानते थे। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने इन विषयों पर अच्छी जानकारी हासिल की है। प्रणब दा के मुताबिक, पीएम मोदी एक अच्छे श्रोता हैं और सबको साथ लेकर काम करने का उनका तरीका बहुत अलग है, जिसका श्रेय हमें उन्हें देना चाहिए। संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद से मुक्त होते समय अपने विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि अपनी ऊर्जा और समर्पण से वे देश में मूलभूत बदलाव ला रहे हैं। मेरे प्रति उनके सौहार्दपूर्ण व्यवहार को मैं हमेशा याद रखूंगा।  

‘पीएम मोदी के पत्र ने मेरे दिल को छू लिया’

जुलाई 2017 में जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद से रिटायर होने वाले थे, तो उनके कार्यकाल के आखिरी दिन उन्हें अपने नाम पीएम मोदी की लिखी चिट्ठी मिली। प्रणब दा ने कई दिनों बाद एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति रहने के दौरान मेरे कार्यकाल के आखिरी दिन मुझे पीएम नरेन्द्र मोदी का एक पत्र मिला, जिसने मेरे दिल को छू लिया।” उनके मुताबिक पीएम मोदी ने उन्हें लिखा था, “तीन साल पहले मैं जब नई दिल्ली आया तो मैं बाहरी था। मेरे सामने बड़ा और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। इस दौर में आप मेरे लिए पितृतुल्य और मार्गदर्शक रहे। आपकी मेधा, ज्ञान, दिशा-निर्देश और निजी स्नेह से मुझे आत्मविश्वास और शक्ति मिली। …..राष्ट्रपति जी, यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे आपके प्रधानमंत्री के तौर पर काम करने का अवसर मिला।”    

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