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पीएम मोदी ने फेक न्यूज को बताया समाज के लिए खतरा, गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में बोले- नक्सलवाद चाहे बंदूक वाला हो या कलम वाला, उन्हें जड़ से उखाड़ फेंकना होगा

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आजकल फेक न्यूज एक खास राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने, सरकारों के खिलाफ मुहिम चलाने और लोगों के विचारों को प्रभावित करने का एक बड़ा हथियार बन गया है। फेक न्यूज के जरिेए समाज में जहरीला माहौल बनाकर सड़क पर दंगों, लिंचिंग और सर तन से जुदा जैसे बर्बर कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है। इससे शांति-व्यवस्था भंग हो रही है और लोगों में आतंक पैदा किया जा रहा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फेक न्यूज से लोगों को आगाह किया है। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी फेक न्यूज पूरे देश में भारी अराजकता फैला सकती है। वहीं नक्सलवाद के हर रूप को खत्म करने पर जोर दिया है। 

‘जानकारी को फॉरवर्ड करने से पहले 100 बार सोचें’

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार (28 अक्टूबर, 2022) को फरीदाबाद के सूरजकुंड में आयोजित राज्यों के गृहमंत्रियों के एक “चिंतन शिविर” में कहा कि हमें लोगों को शिक्षित करना होगा। उनके सामने कोई भी जानकारी आती है, तो उसे फॉरवर्ड करने से पहले 100 बार सोच लेना चाहिए। चीजों को वैरिफाई करने के हमेशा तरीके होते हैं। आगर आप ब्राउज करते रहते हैं, तो आपको पता चल जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आरक्षण को लेकर देश में फैलाए गए भ्रम का भी इस दौरान जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आरक्षण को फैलाई गई फर्जी खबर से देश को नुकसान हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कानून का पालन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए नकारात्मक ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हमारी जिम्मेदारी है।

फेक न्यूज पर नियंत्रण के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी फेक न्यूज पर प्रभावी नियंत्रण के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी इसमें एक बड़ी भूमिका निभाती है। हमें फेक न्यूज के फ्लो को रोकने के लिए एक तकनीकी बाधा लगानी होगी। साथ ही उन्होंने एक स्मार्ट लॉ एंड ऑर्डर सिस्टम के लिए एक स्मार्ट तकनीक के बारे में भी बात की। साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा।

“हमें हर तरह के नक्सलवाद को हराना है”

प्रधानमंत्री मोदी ने देश विरोधी ताकतों पर शिकंजा कसने और उन्हें पूरी तरह खत्म करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद देश के लिए एक बड़ा खतरा है। नक्सलवाद चाहे बंदूक वाला हो या कलम वाला, सभी को जड़ से उखाड़ फेंकना है। उन्होंने कहा कि हमें इसका समाधान खोजना होगा। हमें हर तरह के नक्सलवाद को हराना है। वे युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जिस तरह हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों पर ध्यान दिया है, तो वे भी अपने बौद्धिक प्रभाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। देश की एकता व अखंडता के लिए और सरदार पटेल की प्रेरणा से हम अपने देश में ऐसी किसी भी ताकत को पनपने नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी मदद मिलती है।

विकास बना हथियार,नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में कमी

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में देश में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर हो या उत्तर-पूर्व, आज हम स्थायी शांति की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। अब हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत इन सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास पर ध्यान देना होगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र सरकार रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने के लिए सीमा और तटीय क्षेत्रों में विकास के मिशन मोड पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इन क्षेत्रों में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में यह एक लंबा रास्ता तय कर सकता है। प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए सीमावर्ती और तटीय राज्यों से सहयोग बढ़ाने के लिए कहा।

कानून व्यवस्था से जुड़े रिफॉर्म्स से शांति का माहौल बनाने में मदद

सुधारों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े जो रिफॉर्म्स हुए हैं, उन्होंने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा, “कानून व्यवस्था को बनाए रखना सातों दिन और चौबीसों घंटे वाला एक काम है।” उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन किसी भी काम में यह भी आवश्यक है कि हम निरंतर प्रक्रियाओं में सुधार करते चलें, उन्हें आधुनिक बनाते चलें। उन्होंने इस दिशा में एक कदम के रूप में कंपनी कानून में कई चीजों के गैर-अपराधीकरण के बारे में चर्चा की, उन्होंने राज्यों से भी मूल्यांकन करने और पुराने नियमों व कानूनों से छुटकारा पाने के लिए कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों में भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हवाला से सख्ती से निपटने की स्पष्ट इच्छाशक्ति है। यूएपीए जैसे कानूनों ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में व्यवस्था को मजबूती दी है।”

पीएम मोदी ने की ‘एक राष्ट्र, एक पुलिस की वर्दी’ की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश के राज्यों की पुलिस के लिए एक ही वर्दी पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह न केवल अपनी व्यापकता के कारण गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट्स को सुनिश्चित करेगा, बल्कि कानून प्रवर्तन को एक साझी पहचान देगी, क्योंकि नागरिक देश में कहीं भी पुलिस कर्मियों को पहचान पाएंगे। राज्यों के पास उनकी संख्या या प्रतीक चिन्ह हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैं ‘एक राष्ट्र, एक पुलिस की वर्दी’, इसे आपके विचार के लिए एक चिंतन के रूप में आपके समक्ष रख रहा हूं।” इसी तरह, उन्होंने पर्यटन से संबंधित पुलिसिंग के लिए विशेष क्षमताओं को विकसित करने के बारे में सोचने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटक किसी भी स्थान की प्रतिष्ठा के सबसे बड़े और सबसे तेज दूत होते हैं।

गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में आंतरिक सुरक्षा पर हुआ मंथन 

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा आंतरिक सुरक्षा पर दो दिवसीय (27 और 28 अक्टूबर 2022) चिंतन शिविर हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित किया गया। इस शिविर में गृह सचिव और राज्यों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) के महानिदेशक शामिल हुए। प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में घोषित पंच प्रण के अनुसार गृह मंत्रियों का चिंतन शिविर आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है। सहकारी संघवाद की भावना से शिविर, केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के बीच योजना और समन्वय में अधिक तालमेल लाएगा।

 

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