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कोई भी देश अपने अतीत को मिटाकर, अपनी जड़ों को काटकर कभी विकसित नहीं हो सकता- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार, 4 फरवरी को असम के गुवाहाटी में 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में मां कामाख्या दिव्य लोक परियोजना यानी मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर प्रमुख है। कामख्या दिव्य लोक कॉरिडोर को उज्जैन में महाकाल और वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर संवारा जाएगा। कई तीर्थ स्थलों की अपनी हाल के दिनों में हुई यात्राओं का स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने मां कामाख्या के सामने पहुंचने और मां कामाख्या दिव्य लोक परियोजना की आधारशिला रखने के लिए कामाख्या मां का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पूरा होने पर भक्तों के लिए मां कामाख्या के दर्शन सुगम हो जाएंगे, साथ ही भक्तों की संख्या में भी वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहाकि मां कामाख्या के दर्शन के लिए भक्तों की संख्या में वृद्धि के साथ असम पूर्वोत्तर में पर्यटन का प्रवेश द्वार बन जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी देश, अपने अतीत को ऐसे मिटाकर, ऐसे भुलाकर, अपनी जड़ों को काटकर कभी विकसित नहीं हो सकता। मुझे संतोष है कि बीते 10 वर्षों में अब भारत में स्थितियां बदल गई हैं। उन्होंने कहा कि ‘हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की ही स्थली है, ऐसा नहीं हैं। ये हजारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं। भारत ने हर संकट का सामना करते हुए कैसे खुद को अटल रखा, ये उसकी साक्षी हैं। हमने देखा है कि एक समय में जो सभ्यताएं बहुत समृद्ध हुआ करती थीं, आज उनके खंडहर ही बचे हैं। दुर्भाग्य से आजादी के बाद जिन्होंने लंबे समय तक देश में सरकारें चलाईं, वो भी आस्था के इन पवित्र स्थानों का महत्व समझ नहीं पाए। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए अपनी ही संस्कृति, अपने ही अतीत पर शर्मिंदा होने का एक ट्रेंड बना दिया था।’

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने विकास और विरासत को अपनी नीति का हिस्सा बनाया है। इसका परिणाम आज हम असम के अलग-अलग कोनों में भी देख रहे हैं। असम में आस्था, अध्यात्म और इतिहास से जुड़े सभी स्थानों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। विरासत को संजोने के इस अभियान के साथ ही विकास का अभियान भी उतनी ही तेजी से चल रहा है। बीते 10 वर्षों को देखें, तो हमने देश में रिकॉर्ड संख्या में कॉलेज बनाएं हैं, यूनिवर्सिटी बनाई हैं। पहले बड़े संस्थान सिर्फ बड़े शहरों में ही होते थे। हमने आईआईटी, एम्स, आईआईएम जैसे संस्थानों का नेटवर्क पूरे देश में फैलाया है। बीते 10 वर्षों के दौरान देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या करीब-करीब डबल हो चुकी है। असम में भी, भाजपा सरकार से पहले 6 मेडिकल कॉलेज थे, आज 12 मेडिकल कॉलेज हैं। असम आज नॉर्थ ईस्ट में कैंसर के इलाज का एक बहुत बड़ा केंद्र बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कि विरासत के साथ-साथ विकास पर सरकार के ध्यान केन्द्रित करने से भारत के युवाओं को व्यापक लाभ पहुंचा है। देश में पर्यटन और तीर्थाटन के प्रति बढ़ते उत्साह को देखते हुए प्रधानमंत्री ने काशी कॉरिडोर के पूरा होने के बाद वाराणसी में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 8.50 करोड़ लोगों ने काशी के दर्शन किए, 5 करोड़ से अधिक ने उज्जैन में महाकाल लोक के दर्शन किए और 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारधाम के दर्शन किए। प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पिछले 12 दिनों में अयोध्या में 24 लाख से अधिक लोग आए हैं। उन्होंने दोहराया कि मां कामाख्या दिव्य लोक परियोजना के सम्पन्न होने के बाद यहां भी इसी तरह का दृश्यदिखेगा।

निर्धनों के लिए 4 करोड़ पक्के घर बनाने, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत नल से जल के कनेक्शन, बिजली, रसोई गैस कनेक्शन की आपूर्ति और स्वच्छ भारत के तहत शौचालयों के निर्माण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जीवन की सुगमता वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है।’’ चाहे वह रिक्शा चालक हो, टैक्सी चालक हो, होटल मालिक हो या रेहड़ी-पटरी वाला हो, प्रधानमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के पहुंचने से सबसे गरीबों की आजीविका बढ़ती है। उन्होंने इस वर्ष के बजट में पर्यटन पर सरकार के फोकस के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में पूर्वोत्तर राज्यों के समक्ष मौजूद कई अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार ऐतिहासिक प्रासंगिकता वाले स्थानों के विकास के लिए नई योजनाएं शुरू करने जा रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर विशेष बल दे रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने क्षेत्र के विकास खर्च को 4 गुना बढ़ा दिया है। 2014 के पहले और बाद की तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिछाई गई रेलवे पटरियों की लंबाई 1900 किलोमीटर से अधिक बढ़ाई गई, रेलवे बजट को लगभग 400 प्रतिशत बढ़ाया गया और पिछले 10 वर्षों में 6,000 किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। जबकिवर्ष 2014 तक यहां केवल 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे। उन्होंने कहा कि इससे अब ईटानगर तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी।

देश में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने की गारंटी की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले साल यह संख्या 1 करोड़ तक पहुंच गई थी और अब इस साल के बजट में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इससे असम की लाखों महिलाएंभी लाभान्वित होंगी। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं के लिए नए अवसरों और आयुष्मान योजना में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल करने का भी उल्‍लेख किया।

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